tag:blogger.com,1999:blog-18499719486813023342024-02-08T04:16:34.314+05:30खबरों की दुनियाँलगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल।
फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में ।
पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें ।
धन्यवाद् ।
- आशुतोष मिश्र , रायपुरखबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.comBlogger204125tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-1928000782245077592012-01-29T17:18:00.000+05:302012-01-29T17:18:07.597+05:30देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो …<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiUBgczz6OlqkrrSGkEy-vvrq3-av09JWvT4T6uWwiWr0uf_NATpzCKybRK0EjcUZ-W81vXFEwL8IY4XUhgVt1ACEuIlsNLAKskX0qOHWnvfrkG4LJLae8hh4zrgbjf6tHYXNpnv8De2XBK/s1600/Ram-Mandir.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiUBgczz6OlqkrrSGkEy-vvrq3-av09JWvT4T6uWwiWr0uf_NATpzCKybRK0EjcUZ-W81vXFEwL8IY4XUhgVt1ACEuIlsNLAKskX0qOHWnvfrkG4LJLae8hh4zrgbjf6tHYXNpnv8De2XBK/s320/Ram-Mandir.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम जानकी मंदिर</td></tr>
</tbody></table>
<br />
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो … राम का नाम बदनाम न करो !!!<br /> <br /> चुनाव
का मौसम आ गया है । उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर
दिया है । तमाम घोषणाओं के साथ ही भाजपा ने 'अयोध्या में राम मंदिर निर्माण
के मुद्दे पर कहा है कि यह अब मुद्<span class="text_exposed_show">दा राष्ट्र का है।'<br />
देश की जनता को न जाने क्या समझते हैं ये राजनेता - पहले कहते थे यह
मुद्दा राम का है , फ़िर कहा यह मुद्दा हिदुत्व का है - हिन्दुस्तान का है
और अब कह रहे हैं यह मुद्दा राष्ट्र का है।<br /> अरे यार मुद्दे की बात करो
राम मंदिर बनाओगे भी या बस यूं ही बकवास करते रहोगे ? बताओ तो सही मंदिर के
नाम पर समूचे देश में धूम - धूम कर जो करोड़ो - अरबों का चंदा बटोरा था ,
वो पैसा कहाँ किसके पास है , इस बीच इस जमा राशि का ब्याज कितना हुआ भाई ,
हम सब ने भी तब बहुत बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था देने - दिलाने में , कुछ
सकारात्मक बात भी तो कभी किया करो , लफ़्फ़ाजी छोड़ कर ।</span></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-10340381049477893072011-11-10T09:04:00.000+05:302011-11-10T09:04:35.538+05:30अन्ना को गाली …<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixMzhKuwTXwpKAFyHLm8wRJHaAe9xgbR9J0T_hYNSp794i2DNEzXc4KXv6UzIuSkUvSYBzLsII2ewPcs6kALlh4Bmgg0eroJPFtZrb37JT9SwTF-10M0GSTXgW90YPezm9rfE21l9kUZsr/s1600/834734587.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="210" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixMzhKuwTXwpKAFyHLm8wRJHaAe9xgbR9J0T_hYNSp794i2DNEzXc4KXv6UzIuSkUvSYBzLsII2ewPcs6kALlh4Bmgg0eroJPFtZrb37JT9SwTF-10M0GSTXgW90YPezm9rfE21l9kUZsr/s320/834734587.jpg" width="320" /></a></div>
<h6 class="uiStreamMessage" data-ft="{"type":1}">
<span style="font-size: small;"><span class="messageBody" data-ft="{"type":3}"><br /> <br />
मेरे एक परिचित इंजीनियर की पत्नि अन्ना हजारे को उल्टा सीधा बके जा रहीं
थी । मैंने पूछा आखिर बात क्या है ? आप यहाँ रायपुर में बैठ कर अन्ना हजारे
को बुरा-भला कहे जा रहीं हैं , उन्होने आपका क्या नुकसान कर दिया है ?
इंजीनियर की पत्नि ने कहा - देखो न भईया , अन्ना कहतें भ्रष्टाचार को रोको ,
अरे हमारा घर कैसे चलेगा - बच्चों का क्या होगा ? मैंने कहा भैया तो 30 -
35 हजार वेतन पाते हैं आपका<span class="text_exposed_show"> अपना घर हैं
और हाऊस रेंट भी आप को मिलता है । आपकी कार में पैट्रोल भी सरकारी ही डलता
है , ऊपरी का कोई हिसब नहीं फ़िर भी आप एक नेक विचार को कोस रहीं हैं । बड़ी
ही बेशर्मी के साथ और बेझिझक होकर उन्होंने कहा - अच्छा होता बुड्ढा मर
जाता तो … आप नहीं समझोगे । कहते हुए अपने घर रवाना हो गईं । सोचिए यह तो
हाल इस देश के उन लोगों और उनके परिवारजनों का जो भ्रष्टाचार पसंद ही नहीं
बल्कि उसमें आकण्ठ डूबे हैं । गौरतलब बात यह भी है कि ये इंजीनियर साहब हर
साल - दो साल में भ्रष्टाचार कर अपना नाम - काम पेपर की सुर्खियों में ला
कर सस्पेंड हो जाते हैं , अभी भी सस्पेंड चल रहे हैं ।</span></span></span></h6>
</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-71819843217682370322011-11-10T08:50:00.001+05:302011-11-10T08:51:05.592+05:30बड़ा कौन …?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh9EVMAwMNSPVd9RSbpVsl4XvDXqhhLADgxpLb1LnaqTOdiB8YmZgxPDBy5tJHXfZf-RYrFow0wfjA1MHzNJECdX8iysIhWEs4N1v4cYrFnk0PxXQhAAy6dseUJ9K600t_Wd9k9kLuvOJ86/s1600/Lotus+buds.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="243" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh9EVMAwMNSPVd9RSbpVsl4XvDXqhhLADgxpLb1LnaqTOdiB8YmZgxPDBy5tJHXfZf-RYrFow0wfjA1MHzNJECdX8iysIhWEs4N1v4cYrFnk0PxXQhAAy6dseUJ9K600t_Wd9k9kLuvOJ86/s320/Lotus+buds.jpg" width="320" /></a></div>
<h6 class="uiStreamMessage" data-ft="{"type":1}">
<span class="messageBody" data-ft="{"type":3}"><br /> <br />
<span style="font-size: small;">प्रबोधिनी एकादशी (रविवार 06 नवंबर 2011) की पूजा के फ़ल-फ़ूल लेने बाज़ार
गया , यहाँ कमल के फ़ूल भी बिकते देख खरीदने गया , करीब 35 - 40 फ़ूल और पूजा
में लगने वाले बेर , शकरकंद , अमरूद , सीताफ़ल , कुछ भाजी आदिपूजन सामग्री
लेकर बेचने बैठी फ़ूल बेचने वाली वृद्ध महिला ने तीन फ़ूल के दाम 10/- (दस
रुपये) बताए , जब मैं चुप था उसे लगा मैं नहीं खरीदुंगा तभी उसने कहा - ले
बाबू चार ले जा , चल पाँच ले ले । </span><span class="text_exposed_show" style="font-size: small;">मैं
हत्प्रभ और खुश था उसकी इस सरलता पर , आर्थिक रूप से मुझसे मुझ जैसे करोड़ों
- अरबों लोगों से कम सक्षम वह महिला सचमुच कितनी बड़ी और विशाल हृदय की धनी
थी । कमल का फ़ूल रायपुर जैसे बड़े शहर में दुर्लभ है , वह चाहती तो दस
रूपये में एक भी बोल सकती थी और लेने वाले लेते । उस सरल - सहज , भोले
स्वभाव में उसका देवतुल्य बड़प्पन दिखा । किसी भी बड़े व्यापारी से ज्यादा
बड़प्पन मिला । समझ आया कौन है सचमुच " बड़ा " ।</span></span></h6>
</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-86887551807727162102011-11-10T08:40:00.001+05:302011-11-10T08:51:59.045+05:30माँ..<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0qb1eqlFKLNZC_1Znw2nEX4wXUu7ho2Un36gwO3zQ6BpsXV4eFHXCVtmjKNXi38Vq-h-tAvXi7YJ91Wc65ChKLIoVyb7WdAIixeeIqgnnFoar1UGsdvLYdmaoAgWPfBMJ5wQsKkPuWZxb/s1600/%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2581.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0qb1eqlFKLNZC_1Znw2nEX4wXUu7ho2Un36gwO3zQ6BpsXV4eFHXCVtmjKNXi38Vq-h-tAvXi7YJ91Wc65ChKLIoVyb7WdAIixeeIqgnnFoar1UGsdvLYdmaoAgWPfBMJ5wQsKkPuWZxb/s320/%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2581.jpg" width="320" /></a></div>
<h6 class="uiStreamMessage" data-ft="{"type":1}">
<span class="messageBody" data-ft="{"type":3}"> </span></h6>
<h6 class="uiStreamMessage" data-ft="{"type":1}">
<span class="messageBody" data-ft="{"type":3}" style="font-size: small;">माँ...<br /> तू ही तू है मेरी जिन्दगी ।<br /> क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी ।।<br /> <br /> मेरे गीतों में तू मेरे ख्वाबों में तू,<br /><span class="text_exposed_show"> इक हकीकत भी हो और किताबों में तू।<br /> तू ही तू है मेरी जिन्दगी।<br /> क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी।।<br /> <br /> तू न होती तो फिर मेरी दुनिया कहाँ?<br /> तेरे होने से मैंने ये देखा जहाँ।<br /> कष्ट लाखों सहे तुमने मेरे लिए,<br /> और सिखाया कला जी सकूँ मैं यहाँ।<br /> प्यार की झिरकियाँ और कभी दिल्लगी।<br /> क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी।।<br /> <br /> तेरी ममता मिली मैं जिया छाँव में।<br /> वही ममता बिलखती अभी गाँव में।<br /> काटकर के कलेजा वो माँ का गिरा,<br /> आह निकली उधर, क्या लगी पाँव में?<br /> तेरी गहराइयों में मिली सादगी।<br /> क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी।।<br /> <br /> गोद तेरी मिले है ये चाहत मेरी।<br /> दूर तुमसे हूँ शायद ये किस्मत मेरी।<br /> है सुमन का नमन माँ हृदय से तुझे,<br /> सदा सुमिरूँ तुझे हो ये आदत मेरी।<br /> बढ़े अच्छाईयाँ दूर हो गन्दगी।<br /> क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी।।<br /> <br /> - श्यामल सुमन</span></span></h6>
</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-5884750764307543362011-10-11T20:08:00.001+05:302011-11-10T08:59:59.495+05:30मैं भी इंसान हूँ … मैं बेटी हूँ<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJr9_8Typ-XAEO04qrshUrUdANTdKWUNpN7Rk_aVa1esFdDZDSD-fv-QcUQBIS-2sogUnM4soT7-3CAVlHOVK7u-VFTgRdo7RVoW7Z_K4awHw_SyTPQMJkhpZESJABXD75zHETJI_k2qVL/s1600/beti.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJr9_8Typ-XAEO04qrshUrUdANTdKWUNpN7Rk_aVa1esFdDZDSD-fv-QcUQBIS-2sogUnM4soT7-3CAVlHOVK7u-VFTgRdo7RVoW7Z_K4awHw_SyTPQMJkhpZESJABXD75zHETJI_k2qVL/s1600/beti.jpg" /></a></div>
<br /></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-3643088673313519252011-09-05T10:08:00.000+05:302011-09-05T10:08:29.603+05:30कौन हैं अन्ना हज़ारे …?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbkogY1QW9KAAFjkd-2g6vGAvYAW-FvH2s3MMQHstj8ZzmTk9Cg0VMVMgAeA6yBH_qi2MqIQ2D9n1HDwlGv_Ez6MgxaFkQSByK0SlnUaZBDbRS18-IKMy2UQMEKGX-wcgu7NzicilXXpko/s1600/Anna+Hazare+strike.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbkogY1QW9KAAFjkd-2g6vGAvYAW-FvH2s3MMQHstj8ZzmTk9Cg0VMVMgAeA6yBH_qi2MqIQ2D9n1HDwlGv_Ez6MgxaFkQSByK0SlnUaZBDbRS18-IKMy2UQMEKGX-wcgu7NzicilXXpko/s320/Anna+Hazare+strike.jpg" width="239" /></a></div>
<br />
अन्ना हज़ारे का जन्म 15 जून, 1937 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के भिंगार गांव के एक किसान परिवार में हुआ था । उनके पिता का नाम बाबूराव हज़ारे और मां का नाम लक्ष्मीबाई हज़ारे था। [1] उनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे। दादा फौज में। दादा की तैनाती भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पुरखों का गांव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिय.<br />
<br />
व्यवसाय -<br />
<br />
वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील पर अन्ना 1963 में सेना की मराठा रेजीमेंट में ड्राइवर के रूप में भर्ती हो गए। अन्ना की पहली तैनाती पंजाब में हुई। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अन्ना हज़ारे खेमकरण सीमा पर तैनात थे। 12 नवंबर 1965 को चौकी पर पाकिस्तानी हवाई बमबारी में वहां तैनात सारे सैनिक मारे गए।[2] इस घटना ने अन्ना की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। इसके बाद उन्होंने सेना में १३ और वर्षों तक काम किया। उनकी तैनाती मुंबई और कश्मीर में भी हुई। १९७५ में जम्मू में तैनाती के दौरान सेना में सेवा के १५ वर्ष पूरे होने पर उन्होंने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली। वे पास के गाँव रालेगन सिद्धि में रहने लगे और इसी गाँव को उन्होने अपनी सामाजिक कर्मस्थली भी बना लिय<br />
<br />
सामाजिक कार्य -<br />
<br />
१९६५ के युद्ध में मौत से साक्षात्कार के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक पुस्तक 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' देखा और खरीद लिया। इसे पढ़कर उनके मन में भी अपना जीवन समाज को समर्पित करने की इच्छा बलवती हो गई। उन्होंने महात्मा गांधी और विनोबा भावे की पुस्तकें भी पढ़ीं। 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर स्वयं को सामाजिक कार्यों के लिए पूर्णतः समर्पित कर देने का संकल्प कर लिया।<br />
<br />
रालेगन सिद्धि -<br />
<br />
मुम्बई पदस्थापन के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे। वे वहाँ चट्टान पर बैठकर गांव को सुधारने की बात सोचा करते थे। १९७५ में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर रालेगन आकर उन्होंने अपना सामाजिक कार्य प्रारंभ कर दिया। इस गांव में बिजली और पानी की ज़बरदस्त कमी थी। अन्ना ने गांव वालों को नहर बनाने और गड्ढे खोदकर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया और ख़ुद भी इसमें योगदान दिया। अन्ना के कहने पर गांव में जगह-जगह पेड़ लगाए गए। गांव में सौर ऊर्जा और गोबर गैस के जरिए बिजली की सप्लाई की गई।[3] उन्होंने अपनी ज़मीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी और अपनी पेंशन का<br />
सारा<br />
<br />
पैसा गांव के विकास के लिए समर्पित कर दिया। वे गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है। यह गांव आज शांति ,सौहर्द एवं भाईचारे की मिसाल है।<br />
<br />
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन १९९१ -<br />
<br />
१९९१ में अन्ना हज़ारे ने महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा की सरकार के कुछ 'भ्रष्ट' मंत्रियों को हटाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की। ये मंत्री थे- शशिकांत सुतर, महादेव शिवांकर और बबन घोलाप। अन्ना ने उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया था। सरकार ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अंतत: उसे दागी मंत्रियों शशिकांत सुतर और महादेव शिवांकर को हटाना ही पड़ा।[4] घोलाप ने अन्ना के खिलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर दिया। अन्ना अपने आरोप के समर्थन में न्यायालय में कोई सबूत पेश नहीं कर पाए और उन्हें तीन महीने की जेल हो गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने उन्हें एक दिन की हिरासत के बाद छोड़ दिया। एक जाँच आयोग ने शशिकांत सुतर और महादेव शिवांकर को निर्दोष बताया। लेकिन अन्ना हज़ारे ने कई शिवसेना और भाजपा नेताओं पर भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप<br />
लगाए<br />
<br />
सूचना का अधिकार आंदोलन १९९७-२००५ -<br />
<br />
1997 में अन्ना हज़ारे ने सूचना का अधिकार अधिनियम के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान से अपना अभियान शुरु किया। 9 अगस्त, 2003 को मुंबई के आजाद मैदान में ही अन्ना हज़ारे आमरण अनशन पर बैठ गए। 12 दिन तक चले आमरण अनशन के दौरान अन्ना हज़ारे और सूचना का अधिकार आंदोलन को देशव्यापी समर्थन मिला। आख़िरकार 2003 में ही महाराष्ट्र सरकार को इस अधिनियम के एक मज़बूत और कड़े मसौदे को पारित करना पड़ा। बाद में इसी आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले लिया। इसके परिणामस्वरूप 12 अक्टूबर 2005 को भारतीय संसद ने भी सूचना का अधिकार अधिनियम पारित किया। [5] अगस्त 2006, में सूचना का अधिकार अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव के खिलाफ अन्ना ने 11 दिन तक आमरण अनशन किया, जिसे देशभर में समर्थन मिला। इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने संशोधन का इरादा बदल दिय<br />
<br />
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन 2003 -<br />
2003 में अन्ना ने कांग्रेस और एनसीपी सरकार के चार मंत्रियों; सुरेश दादा जैन, नवाब मलिक, विजय कुमार गावित और पद्मसिंह पाटिल को भ्रष्ट बताकर उनके ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी और भूख हड़ताल पर बैठ गए। तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने इसके बाद एक जांच आयोग का गठन किया। नवाब मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। आयोग ने जब सुरेश जैन के ख़िलाफ़ आरोप तय किए तो उन्हें भी त्यागपत्र देना पड़ा<br />
<br />
लोकपाल विधेयक आंदोलन २०११ -<br />
देखें मुख्य लेख जन लोकपाल विधेयक आंदोलन जन लोकपाल विधेयक (नागरिक लोकपाल विधेयक) के निर्माण के लिए जारी यह आंदोलन अपने अखिल भारतीय स्वरूप में ५ अप्रैल २०११ को समाजसेवी अन्ना हज़ारे एवं उनके साथियों के जंतर-मंतर पर शुरु किए गए अनशन के साथ आरंभ हुआ, जिनमें मैग्सेसे पुरस्कार विजेता अरविंद केजरीवाल, भारत की पहली महिला प्रशासनिक अधिकारी किरण बेदी, प्रसिद्ध लोकधर्मी वकील प्रशांत भूषण, आदि शामिल थे। संचार साधनों के प्रभाव के कारण इस अनशन का प्रभाव समूचे भारत में फैल गया और इसके समर्थन में लोग सड़कों पर भी उतरने लगे। इन्होंने भारत सरकार से एक मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल विधेयक बनाने की माँग की थी और अपनी माँग के अनुरूप सरकार को लोकपाल बिल का एक मसौदा भी दिया था। किंतु मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने इसके प्रति नकारात्मक रवैया दिखाया और इसकी उपेक्षा की। इसके परिणामस्वरूप शुरु हुए अनशन के प्रति भी उनका रवैया उपेक्षा पूर्ण ही रहा। किंतु इस अनशन के आंदोलन का रूप लेने पर भारत सरकार ने आनन-फानन में एक समिति बनाकर संभावित खतरे को टाला और १६ अगस्त तक संसद में लोकपाल विधेयक पारित कराने की बात स्वीकार कर ली। अगस्त से शुरु हुए मानसून सत्र में सरकार ने जो विधेयक प्रस्तुत किया वह कमजोर और जन लोकपाल के सर्वथा विपरीत था। अन्ना हज़ारे ने इसके खिलाफ अपने पूर्व घोषित तिथि १६ अगस्त से पुनः अनशन पर जाने की बात दुहराई। १६ अगस्त को सुबह साढ़े सात बजे जब वे अनशन पर जाने के लिए तैयारी कर रहे थे, उन्हें दिल्ली पुलिस ने उन्हें घर से ही गिरफ्तार कर लिया। उनके टीम के अन्य लोग भी गिरफ्तार कर लिए गए। इस खबर ने आम जनता को उद्वेलित कर दिया और वह सड़कों पर उतरकर सरकार के इस कदम का अहिंसात्मक प्रतिरोध करने लगी। दिल्ली पुलिस ने अन्ना को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। अन्ना ने रिहा किए जाने पर दिल्ली से बाहर रालेगाँव चले जाने या ३ दिन तक अनशन करने की बात अस्वीकार कर दी। उन्हें ७ दिनों के न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। शाम तक देशव्यापी प्रदर्शनों की खबर ने सरकार को अपना कदम वापस खींचने पर मजबूर कर दिया। दिल्ली पुलिस ने अन्ना को सशर्त रिहा करने का आदेश जारी किया। मगर अन्ना अनशन जारी रखने पर दृढ़ थे। बिना किसी शर्त के अनशन करने की अनुमति तक उन्होंने रिहा होने से इनकार कर दिया। 17 अगस्त तक देश में अन्ना के समर्थन में प्रदर्शन होता रहा। दिल्ली में तिहाड़ जेल के बाहर हजारों लोग डेरा डाले रहे। 17 अगस्त की शाम तक दिल्ली पुलिस रामलीला मैदान में और 7 दिनों तक अनशन करने की इजाजत देने को तैयार हुई। मगर अन्ना ने 30 दिनों से कम अनशन करने की अनुमति लेने से मना कर दिया. उन्होंने जेल में ही अपना अनशन जारी रखा। अन्ना को राम्लीला मैदान मै १५ दिन कि अनुमति मिलि,और अब १९ अगस्त से श्री अन्ना राम लीला मेदान मै जन लोकपाल बिल के लिये आनशन जारी रखने पर दृढ़ रहे आखिरकार सरकार उनकी जिद पर झुकी और जन लोकपाल लाने सहमति दी.<br />
व्यक्तित्व और विचारधारा<br />
गाधी की विरासत उनकी थाती है। कद-काठी में वह साधारण ही हैं। सिर पर गांधी टोपी और बदन पर खादी है। आंखों पर मोटा चश्मा है, लेकिन उनको दूर तक दिखता है। इरादे फौलादी और अटल हैं। महात्मा गांधी के बाद अन्ना हज़ारे ने ही भूख हड़ताल और आमरण अनशन को सबसे ज्यादा बार बतौर हथियार इस्तेमाल किया है। इसके जरिए उन्होंने भ्रष्ट प्रशासन को पद छोड़ने एवं सरकारों को जनहितकारी कानून बनाने पर मजबूर किया है। अन्ना हज़ारे को आधुनिक युग का गान्धी भी कहा जा सकता है अन्ना हज़ारे हम सभी के लिये आदर्श है ।<br />
अन्ना हज़ारे गांधीजी के ग्राम स्वराज्य को भारत के गाँवों की समृद्धि का माध्यम मानते हैं। उनका मानना है कि ' बलशाली भारत के लिए गाँवों को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा।' उनके अनुसार विकास का लाभ समान रूप से वितरित न हो पाने का कारण रहा गाँवों को केन्द्र में न रखना.<br />
व्यक्ति निर्माण से ग्राम निर्माण और तब स्वाभाविक ही देश निर्माण के गांधीजी के मन्त्र को उन्होंने हकीकत में उतार कर दिखाया, और एक गाँव से आरम्भ उनका यह अभियान आज 85 गावों तक सफलतापूर्वक जारी है। व्यक्ति निर्माण के लिए मूल मन्त्र देते हुए उन्होंने युवाओं में उत्तम चरित्र, शुद्ध आचार-विचार, निष्कलंक जीवन व त्याग की भावना विकसित करने व निर्भयता को आत्मसात कर आम आदमी की सेवा को आदर्श के रूप में स्वीकार करने का आह्वान किया है।<br />
सम्मान<br />
• पद्मभूषण पुरस्कार (१९९२)<br />
• पद्मश्री पुरस्कार (११९०)<br />
• इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र पुरस्कार (१९८६)<br />
• महाराष्ट्र सरकार का कृषि भूषण पुरस्कार (१९८९)<br />
• यंग इंडिया पुरस्कार<br />
• मैन ऑफ़ द ईयर अवार्ड (१९८८)<br />
• पॉल मित्तल नेशनल अवार्ड (२०००)<br />
• ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंटेग्रीटि अवार्ड (२००३)<br />
• विवेकानंद सेवा पुरुस्कार (१९९६)<br />
• शिरोमणि अवार्ड (१९९७)<br />
• महावीर पुरुस्कार (१९९७)<br />
• दिवालीबेन मेहता अवार्ड (१९९९)<br />
• केयर इन्टरनेशनल (१९९८)<br />
• बासवश्री प्रशस्ति (२०००)<br />
• GIANTS INTERNATIONAL AWARD (२०००)<br />
• नेशनलइंटरग्रेसन अवार्ड (१९९९)<br />
• विश्व-वात्सल्य एवं संतबल पुरस्कार<br />
• जनसेवा अवार्ड (१९९९)<br />
• रोटरी इन्टरनेशनल मनव सेवा पुरस्कार (१९९८)<br />
• विश्व बैंक का 'जित गिल स्मारक पुरस्कार' (२००८)<br />
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खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com9tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-85772090944559362342011-08-17T20:34:00.005+05:302011-08-17T20:55:10.937+05:30An Important Issue! : Indian government approves 200% MPs salary hike<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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An Important Issue!<br />
Indian government approves 200% MPs salary hike , Still some MP's are unhappy.<br />
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Now , MP's take home salary is Rs 45 lakh per annum + other allowances.<br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFi3P0w077nUZYLRCJtefYx_MPE1u2esIBHeVAJfRyH3NCVYTBEnnvALEmfl_N7k5NenfY2aReced9IJc1PwoiORj1xMhAX0Ax_gK0KY_f4vb3-0w-JRaE2umjhJvQd5h48ete1Se8IR77/s1600/table.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="373" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFi3P0w077nUZYLRCJtefYx_MPE1u2esIBHeVAJfRyH3NCVYTBEnnvALEmfl_N7k5NenfY2aReced9IJc1PwoiORj1xMhAX0Ax_gK0KY_f4vb3-0w-JRaE2umjhJvQd5h48ete1Se8IR77/s400/table.gif" width="400" /></a></div>
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TOTAL expense for a MP [having no qualification] per year : Rs.60,95,000<br />
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For 534 MPs, the expense for 1 year:<br />
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Rs. 325,47,30,000<br />
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3254730000 X 5 years =<br />
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Rs.1627,36, 50000 ( One Thousand six hundred crores plus..)<br />
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Its happen only in india....<br />
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1627 crores could make their lives livable!! <br />
Think of the great democracy we have�K<br />
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Do Mp's really need salary hike? Do they really wait for 30th of every month for salary<br />
credits to there bank accounts, like we do every month ????<br />
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FORWARD<br />
THIS MESSAGE TO ALL REAL CITIZENSOF INDIA !!<br />
ARE YOU?<br />
I know hitting the Delete button is easier...but....try to press the Fwd button & make people aware!<br />
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खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-53115869302471635662011-08-16T23:51:00.001+05:302011-08-16T23:58:08.582+05:30क्या अब भी सरकार को समझ नहीँ आ रहा है कि...<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiUOt52jdjo_Kenb22SCFihUx0fKgyK0tgejBCa9-67OiRgs3Ts3f0wtzPsCQxgZ4XoVXgSOppoOT98hka-gQ_KODrWx0sykowbTfcDmiNB1RkfOx4z7bcmPs2_eYIGId4lckAw5UE6Idcy/s1600/anna+i+sport.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiUOt52jdjo_Kenb22SCFihUx0fKgyK0tgejBCa9-67OiRgs3Ts3f0wtzPsCQxgZ4XoVXgSOppoOT98hka-gQ_KODrWx0sykowbTfcDmiNB1RkfOx4z7bcmPs2_eYIGId4lckAw5UE6Idcy/s320/anna+i+sport.jpg" width="240" /></a></div>
क्या अब भी सरकार को समझ नहीँ आ रहा है कि...<br />
कपिल सिब्बल , चिदम्बरम और दिग्विजय सिंह ये तीनों बड़बोले नेता मिलकर भी अपने संसदीय क्षेत्रों से इतने आदमी एक साथ खड़ा नहीं कर सकते , जितने कि इस समय 16अगस्त की रात ग्यारह बजे तिहार जेल के बाहर अन्ना हजारे के समर्थन में खड़े हैं ।<br />
एक दिन में तीस लाख से भी ज्यादा गाँधी टोपी तो कभी 02अक्टूबर गाँधी जयंती के अवसर पर भी नहीं बिकी , जितनी आज बिकी है । क्या अब भी सरकार को समझ नहीँ आ रहा है कि देश की जनता क्या चाहती है ? “दर्द होता रहा,छटपटाते रहे,आईने॒ से सदा चोट खाते रहे।<br />
वो वतन बेचकर मुस्कुराते रहे,हम वतन के लिए॒ सिर कटाते रहे॥<br />
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280 लाख करोड़ का सवाल है ...<br />
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भारतीय गरीब है लेकिन भारत देश कभी गरीब नहीं रहा"* ये कहना है स्विस बैंक के डाइरेक्टर का. स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है. ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है.<br />
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या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है. या यूँ भी कह सकते है कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड बनाया जा सकता है.<br />
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ऐसा भी कह सकते है कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकते है. ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जाये तो 60 साल तक ख़त्म ना हो. यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत नहीं है. जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को<br />
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लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक 2011 तक जारी है.<br />
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इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है. अंग्रेजो ने हमारे भारत पर करीब 200 सालो तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा.<br />
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मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे भ्रस्टाचार ने 280 लाख करोड़ लूटा है. एक तरफ 200 साल में 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल 64 सालों में 280 लाख करोड़ है. यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने करीब 36 हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है.<br />
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भारत को किसी वर्ल्ड बैंक के लोन की कोई दरकार नहीं है. सोचो की कितना पैसा हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और उच्च अधिकारीयों ने ब्लाक करके रखा हुआ है.<br />
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हमे भ्रस्ट राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ जाने का पूर्ण अधिकार है.हाल ही में हुवे घोटालों का आप सभी को पता ही है - CWG घोटाला, २ जी स्पेक्ट्रुम घोटाला , आदर्श होउसिंग घोटाला ... और ना जाने कौन कौन से घोटाले अभी उजागर होने वाले है ....</div>
खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-4833801661767020552011-07-29T13:39:00.002+05:302011-07-29T13:39:39.932+05:30<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEibxoPjpW4tVzqXi8vTD9J44UuhLvvo2p0ILB0AnLMpjoPAvEl3-tiOYcHeMFyYBZ0cSxSDxaUZDcFoojCeCx7nxrboSvtVxUqApr6GHMnZv8rgsScMyvzk2NYTCw275MJQPFvJa9vmsYYh/s1600/279956_10150323155445709_753495708_9977318_1322973_o.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="640" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEibxoPjpW4tVzqXi8vTD9J44UuhLvvo2p0ILB0AnLMpjoPAvEl3-tiOYcHeMFyYBZ0cSxSDxaUZDcFoojCeCx7nxrboSvtVxUqApr6GHMnZv8rgsScMyvzk2NYTCw275MJQPFvJa9vmsYYh/s640/279956_10150323155445709_753495708_9977318_1322973_o.jpg" width="521" /></a></div>
<br /></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-70014807739378876402011-06-12T13:07:00.005+05:302011-06-13T09:34:43.748+05:30लोग क्या चाहते हैं और क्या कर रही है सरकार ???<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikW0WkLEET3ymYFfSBh1gWNgG1erkkNe8mBqsCjh0cU2h4V4Orwi-DR8ROLWFdtprnq1Qj82xtIKUYkJLXO4HPLzvgnfUU0uJkznra7-WN5I4zW-t-AKz0jiROnlcJPKMIBASccr3ZLEhE/s1600/bell.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikW0WkLEET3ymYFfSBh1gWNgG1erkkNe8mBqsCjh0cU2h4V4Orwi-DR8ROLWFdtprnq1Qj82xtIKUYkJLXO4HPLzvgnfUU0uJkznra7-WN5I4zW-t-AKz0jiROnlcJPKMIBASccr3ZLEhE/s1600/bell.jpg" /></a></div>
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इस देश में मंहगाई की वजह से आम आदमी रोजमर्रा के जरूरी सामान जुटाने में ही मरा जा रहा है , खुद को तबाह होता , बर्बाद होता पा रहा है । मंहगाई और लूट का आलम यह कि शिक्षा - चिकित्सा - रोटी - पानी , मकान - दुकान सब कुछ धीरे धीरे आम आदमी के हाँथ से मानो फ़िसलता जा रहा है। जीवन में उसके लिए अब कुछ आसान नहीं रह गया है । मन मानो अधीर सा होता जा रहा है । इसी मर्म को महसूस कर आगे आए अन्ना हजारे और बाबा रामदेव का गला दबाने की कोशिश सिर्फ़ और सिर्फ़ इसलिए की जाने लगी क्योंकि ये किसी राजनीतिक दल सीधे सीधे कहें तो सत्तासीन कांग्रेस के नहीं हैं ! आरोप मढ़ने का प्रयास किया गया कि येRSS और BJP समर्थित हैं और देश का ध्यान मुख्य बात से हटाने का सुनियोजित और असफ़ल प्रयास भी किया गया । इसमें कहीं कोई शक नहीं कि कांग्रेस के इन गंदे प्रयासों के चलते आम जनता उससे नाराज है , यहां तक की स्वयं कांग्रेस में भी तमाम वरिष्ठ जन अपनी पार्टी की हरकतों से नाराज बैठे हैं , एक्का-दुक्का बयान भी आ रहे हैं । इस देश के असंखय लोग जो चाहकर भी धरना - प्रदर्शन या आन्दोलन के लिए समय नहीं निकाल सकते वे सभी अपनी ताकत अन्ना और बाबा रामदेव को दे रहे थे तन नहीं तो मन और धन से , जो बात कांग्रेस को बहुत जोर से खटकने लगी और उसने अपने चिरपरिचित अंदाज में दांव खेला जिसमें उसका बच्चा - बच्चा माहिर है । अब दौर शुरु हो गया है अपने अपने काले - पीले धन को मैनेज करने का , यहाँ - वहाँ शिफ़्ट करने का , जिसके चलते हर बड़ा कहा जाने वाला आदमी - नेता विदेशों के फ़ेरे ले रहा है , अपने-अपने विश्वस्थों - रिश्तेदारों को इसी काम से भेज रहा है । जब यह काम पूरा हो जायेगा तब होगी घोषणा कालेधन को लेकर । तब तक दमनचक्र चलता रहेगा । केन्द्र हो या फ़िर कोई भी राज्य सभी जगह सता पक्ष मनमानी कर रहा है और वहाँ का विपक्ष उसमें जगह देख कर अपनी - अपनी रोटियाँ भी सेंक ले रहा है । जनता यह सब कुछ देख भी रही है और समझ भी रही है । व्यवस्था में सुधार और समस्याओं के समाधान के लिए केन्द्र सरकार ने तमाम समितियों का एक ऐसा घना सा जाल बुना जिसमें तेजतर्रार समझे जाने वाले विपक्षी नेता भी उलझे हुए हैं । केन्द्र सरकार शयाद इस भ्रम में है कि मौजुदा व्यवस्था में किसी भी तरह का बदलाव या बड़े सुधार की तो नौबत ही नहीं आयेगी । केन्द्र को न तो मंहगाई का मुद्दा दिखता है और न ही कहीं भ्रष्टाचार या कालेधन का कोई मुद्दा दिखता है , दिखे भी कैसे आखिर यह सब उपज भी तो उसी के लोगों के प्रयासों का नतीजा है ! सरकार यह समझने की भूल कर बैठी है कि रामलीला मैदान में बैठे 50 - 60 हजार की भीड़ क्या है भला , उसके साथ तो देश की सवा अरब जनता है , उसे भला किस बात की चिंता ! अन्ना या बाबा तो नाम हैं उन करोड़ों लोगों का जो इस देश में चोतरफ़ा मची लूट से राहत चाहते हैं , यह भी सही है कि अब लोगों को नेताओं और उनकी पार्टियों पर भी भरोसा नहीं रह गया है । यही कारण है कि हम सभी किसी सर्वमान्य गैरराजनीतिक नैतृत्व की तलाश में अब भी भटक रहे हैं ।<br />
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<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg5TddmpH42u6qg-Xn7lHQDN2L1Zv1CpkZ8lTZIy4FGBZ_PTOUzSftV8VoT5yfSHGyhCwpA4113CZwve6H0jiTG5XBQ-RMQDBV88ADCQExiLG9ro5HQDBY7R8YKz4OuUujpZGAV18k6ZthA/s1600/HE+RAM.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="296" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg5TddmpH42u6qg-Xn7lHQDN2L1Zv1CpkZ8lTZIy4FGBZ_PTOUzSftV8VoT5yfSHGyhCwpA4113CZwve6H0jiTG5XBQ-RMQDBV88ADCQExiLG9ro5HQDBY7R8YKz4OuUujpZGAV18k6ZthA/s320/HE+RAM.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">हे राम…</span></b></td></tr>
</tbody></table>
<br /></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-37702416172370599902011-06-06T19:46:00.006+05:302011-06-07T20:03:47.231+05:30प्रजातंत्र बनाम तानाशाही …<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgS1Pn3aPsZ3khoY70vJUqesnb54A6MAhfSoauI_vq303ayuSiVFE_Z7frkL0VP5Oz7mVJ9BYhR7yXhq9KQn_JOkoX_kBvaSaH5hHieQtoB_d_QzV3HYKyUmlbITAMd1b0Ic3uSJMDK6yTA/s1600/police++ramdev+4.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="298" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgS1Pn3aPsZ3khoY70vJUqesnb54A6MAhfSoauI_vq303ayuSiVFE_Z7frkL0VP5Oz7mVJ9BYhR7yXhq9KQn_JOkoX_kBvaSaH5hHieQtoB_d_QzV3HYKyUmlbITAMd1b0Ic3uSJMDK6yTA/s400/police++ramdev+4.jpg" width="400" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>मध्य रात्रि मंच पर एकाएक मची अफ़रा तफ़री …</b></td></tr>
</tbody></table>
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देश की राजधानी में पाँच जून की आधी रात बाबा रामदेव के पंडाल में जो कुछ भी घटना घटी उसने दिल्ली में - देश में राज करने वालों की मंसा जाहिर कर दी है । ये सरकारें जन सामान्य के प्रति कितनी संवेदनशील हैं यह भी दिखा जब सो रहे हजारों लोगों पर रात दो बजे लाठियाँ बरसाईं गईं , अश्रुगैस के गोले छोड़े , महिलाओं बच्चों और बूढ़ो को पुलिसिया जूतों तले रौंदा गया , महिलाओं के साथ खुले आम बदसलूकी की गई । भ्रष्टाचार और अनाचार के खिलाफ़ लड़ी जाने वाली लड़ाई अब शायद इसी तरह दमित की जाती रहेगी , मानो लुटेरों की खिलाफ़त करने वालों की अब खैर नहीं। एक राजनीतिक आदेश ने पुलिस को इतना बल दिया कि दिल्ली पुलिस ने आधी रात रामलीला मैदान में भगदड़ मचा कर रातो रात लोगों को पंडाल से खदेड़ कर दम ही लिया । सियासतदारोम को जहाँ इस दुश्कर्म के लिए शर्म आनी चाहिए तो वहीं वे इसे पूरी बेशर्मी के साथ सही कार्यवाही निरूपित करने की कवायद करते देखे जा रहे हैं । क्या यही सही तरीका है शासन - प्रशासन का जनता के प्रति जवाबदेही का ? क्या गुनाह किया था आधीरात सो रही है जनता ने ? क्या नागरिक अधिकार खत्म कर दिये गये हैं ?<br />
देख लिया अंग्रेजों की औलादों को …<br />
दिल्ली के रामलीला मैदान पर आधी रात सो रहे हजारों अनशनकारियों पर पुलिस की लाठियाँ बरसाने का आदेश देकर और बाबा रामदेव , आचार्य बालकृष्ण सहित तमाम अन्य नेतृत्वकर्ताओं को अज्ञात स्थल पर ले जाकर दिल्ली में बैठी केन्द्र और दिल्ली राज्य की कांग्रेस सरकार ने यह साबित कर दिखाया है कि अपने लोगों पर शासन करने का उनका तरीका आज भी अंग्रेजियत से प्रेरित है ।<br />
पंडाल में आग लगाना , सो रहे निर्दोष इंसानों ,महिलाओं - बच्चों - बुजुर्गों पर लाठी बरसाना कहाँ तक उचित है ? पाँच जून की सुबह कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रेस काफ़्रेंस में बाबा रामदेव पर तरह तरह के आरोप लगाये और उन्हें गलत आदमी बताया , क्या मैं यह जान सकता हूँ कि अब तक बाबा रामदेव की गलतियों के लिये उनके विरूद्ध आवाज समय रहते क्यों नहीं उठाई गई ? क्यों कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों ने उनसे एयरपोर्ट पर और पाँच सितारा होटल में जाकर घण्टों बातचीत की ? क्यों एक गलत समझे जाने वाले बाबा और उनके महामंत्री आचार्य बालकृष्ण से लिखित आश्वासन लिया ? एक तरफ़ बाबा रामदेव को आप सिरे से खारिज करते हैं ठीक उसी वक्त उसी आदमी बाबा रामदेव को आपके ही दल के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और वरिष्ठ मंत्री (बकौल दिग्विजय सिंह) सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगा कर चर्चा क्यों करती है ??? क्या यह दोहरा चरित्र नहीं है कांग्रेस का ?<br />
क्या अविभाजित मध्य प्रदेश की जनता दिग्विजय सिंह को नहीं जानती ? क्या उनके कार्यकाल को नहीं जानती ? क्या कभी अपने गिरेबान में झांकने का साहस करेंगे हमारे देश के नेता ? दिग्विजय सिंह कहते थे दो दिन पहले की ही बात है कि अगर कांग्रेस बाबा रामदेव से डरती होती तो उन्हें गिरफ़्तार कर लेती । अब क्या समझा जाय ? क्या डर गई कांग्रेस जो रातोरात उसे ऐसी बर्बर कार्यवाही करने प्रशासन का दुरुपयोग करना पड़ा ? है कोई जबाव दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसियों के पास ?<br />
इस घटना ने एक बार फ़िर जलियाँवाला बाग की बर्बरतापूर्ण घटना की याद दिला दी है , शर्म आनी चाहिये ऐसी कथित आजादी पर और नेताओं के नाम पर अंग्रेज की ऐसी संतानों पर ।<br />
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<table cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="float: right; margin-left: 1em; text-align: right;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhaE4iYI7UlwPWE_Hd_P4kf2rgWIbfnIe-UnK5O-Lg81BDulda7jYPnbvE9UTs1ZEpr_a9BS8PAmE_bR9nR7PXgEP5nD3quS_0xlNocaeDycn2uY8S1Tzeu54VM3boSMgpztZ1mYGE-2uYY/s1600/police++ramdev+2.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; margin-bottom: 1em; margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="177" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhaE4iYI7UlwPWE_Hd_P4kf2rgWIbfnIe-UnK5O-Lg81BDulda7jYPnbvE9UTs1ZEpr_a9BS8PAmE_bR9nR7PXgEP5nD3quS_0xlNocaeDycn2uY8S1Tzeu54VM3boSMgpztZ1mYGE-2uYY/s320/police++ramdev+2.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>सो रहे लोगों को पंडाल से खसिट कर बाहर ले जाती दिल्ली पुलिस</b></td></tr>
</tbody></table>
इससे पहले देर रात की घटना -<br />
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<table cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="float: left; margin-right: 1em; text-align: left;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvIC-us0fr83h3MLcx_vNV8CIiPfJSSIcskK1XUJm-9W939qlAuL7ehFPgUYFpZ8MNKZB7N__h83hOa0SkpppUdPrYF6b9A9T8xiacVHiacSdgZpGTKqpLTmz9KBqYOl3ea7mlchCoHv0J/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A1%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B2+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2588+%25E0%25A4%2586%25E0%25A4%2597.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; margin-bottom: 1em; margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvIC-us0fr83h3MLcx_vNV8CIiPfJSSIcskK1XUJm-9W939qlAuL7ehFPgUYFpZ8MNKZB7N__h83hOa0SkpppUdPrYF6b9A9T8xiacVHiacSdgZpGTKqpLTmz9KBqYOl3ea7mlchCoHv0J/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A1%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B2+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2588+%25E0%25A4%2586%25E0%25A4%2597.jpg" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>मुख्य मंच पर लगाई आग </b></td></tr>
</tbody></table>
दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन को अभी एक रात भी नहीं बीती थी कि पूरे आयोजन ने एक अति-नाटकीय मोड़ ले लिया।दिल्ली पुलिस ने देर रात रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन पंडाल को चारों ओर से घेरे में ले लिया. इससे पहले बाबा रामदेव की अनशन करने की अनुमति को रद्द कर दिया गया। उधर रामलीला मैदान में मौजूद बाबा रामदेव के समर्थकों ने पंडाल के मंच और बाकी स्थानों को घेर लिया और बाबा के बचाव में उनके समर्थक पुलिस से आमने-सामने उतर आए। इस दौरान पंडाल के एक हिस्से में आग लगने की खबर से अफरातफरी मच गयी. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि यह आग शायद पुलिस द्वारा लगायी गयी हो. देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गयी. इस दौरान पुलिस ने थोड़ा बल प्रयोग भी किया और आंसूगैस के गोले भी छोड़े. इस पूरे माहौल के बाद से बड़ी तादाद में रामदेव समर्थकों को पंडाल छोड़कर भागना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वहां का नजारा जलियावाला बाग घटना से मेल खाता था. यह देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा था कि देश आजाद हो चुका है । भ्रष्टाचार और विदेशों में जमा काले धन के खिलाफ बाबा रामदेव ने चार जून से दिल्ली में अपने हज़ारों समर्थकों के साथ अनशन की शुरुआत की थी । हालांकि शाम होते-होते ही अनशन को लेकर बाबा रामदेव और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था.। जहां एक ओर केंद्र सरकार ने बाबा रामदेव पर समझौते के बावजूद अनशन को जारी रखने का आरोप लगाया वहीं बाबा रामदेव ने केंद्र सरकार पर अफवाहें फैलाने और उनके साथ धोखा करने का आरोप लगाया । शाम को ही केंद्र सरकार अपने बयान में तल्ख नज़र आने लगी थी. सरकार का कहना था कि बाबा रामदेव अपने वादे से मुकरे और उन्होंने समझौते के बावजूद अनशन को जारी रखा । इससे पहले अनशन की शुरुआत के साथ ही विवादों का सिलसिला शुरू हो गया था।<br />
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgXcLoSIv_dUPXE9-XZoWXywXYcnBlho5EI-AEYZ02WrWN5nqfG0YOHK4W7MUZZoIo0ZTtJzTC20YX8UqHQndervWF-TWo3rKJWsP3N6wSNtox2dkhvzcobRJmiljYcoenANMHqDbJ11EiG/s1600/police+ramdev+3.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgXcLoSIv_dUPXE9-XZoWXywXYcnBlho5EI-AEYZ02WrWN5nqfG0YOHK4W7MUZZoIo0ZTtJzTC20YX8UqHQndervWF-TWo3rKJWsP3N6wSNtox2dkhvzcobRJmiljYcoenANMHqDbJ11EiG/s320/police+ramdev+3.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>रातो रात खाली हो गया पंडाल जहाँ सो रहे थे हजारों आम लोग </b></td></tr>
</tbody></table>
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjFIA6Pjyo0zerODS4pbiZ7hoaRrfSbUhCYSr5sX9dk389RHvy9p-ge4vJgXi3jEqsSpuvbVcdQUGmcVWC-pHJ7cQ1Jx2L03iM9RNziEfgzSI6xOhjrxquBVVjMTFsmFThKVmYO6iRMTNho/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+5.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="183" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjFIA6Pjyo0zerODS4pbiZ7hoaRrfSbUhCYSr5sX9dk389RHvy9p-ge4vJgXi3jEqsSpuvbVcdQUGmcVWC-pHJ7cQ1Jx2L03iM9RNziEfgzSI6xOhjrxquBVVjMTFsmFThKVmYO6iRMTNho/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+5.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
</tbody></table>
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTD0t7zn4h4YT5XXLtskN8Gp02ak8i_tikzSTVHE-xfg1o-dZA3eF0xaIc4y2asFMB9rk2n62ZFiyFGze3FvTSzprv9ST4SEpa-uI5vRh9YgNkQTzECpg7R9PYGscvJCnELB0IjJLxunVR/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+4.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="210" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTD0t7zn4h4YT5XXLtskN8Gp02ak8i_tikzSTVHE-xfg1o-dZA3eF0xaIc4y2asFMB9rk2n62ZFiyFGze3FvTSzprv9ST4SEpa-uI5vRh9YgNkQTzECpg7R9PYGscvJCnELB0IjJLxunVR/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+4.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
</tbody></table>
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCbOh7TeLAnBNOgBmelgMLBRICAhtZ84lDOmjOnfuwqSou2GodyFocco1HBmw_z8eO1WWF3GuRrU_ioLI74gQI1fZdz2bL8w04pSIm9SK-69OQt-16wSDlI5peBc6-5fSFoKDj9HPicjwz/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+1.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="217" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCbOh7TeLAnBNOgBmelgMLBRICAhtZ84lDOmjOnfuwqSou2GodyFocco1HBmw_z8eO1WWF3GuRrU_ioLI74gQI1fZdz2bL8w04pSIm9SK-69OQt-16wSDlI5peBc6-5fSFoKDj9HPicjwz/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+1.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
</tbody></table>
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4tl6T59A-n7OMkNCVmDIVCAPCUcgOGCV4nDBgGp5Tfrgzq82vizcdJJpz8BYDG2ErYwkxyZEYi5DuM86DHy8YuHqUTKLc5GUIRfMmVamEcoYheahIpGb3eYidiaEyVD4ZS_npzmpvFgcs/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+7.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="204" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4tl6T59A-n7OMkNCVmDIVCAPCUcgOGCV4nDBgGp5Tfrgzq82vizcdJJpz8BYDG2ErYwkxyZEYi5DuM86DHy8YuHqUTKLc5GUIRfMmVamEcoYheahIpGb3eYidiaEyVD4ZS_npzmpvFgcs/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+7.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
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<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJzDZnEEz649SVLLGb60If19agKYgql4O5o8JTc_W8rY06OnNSs1HlZ3DCF6M3xT8pVes5VhDC5g-XfKo6n8NX94Ko4nJ7Oy3NS2HdGZv_TpFv5YZLZl4GLb4K37P5au0pjEix-aBBwKGN/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+6.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="215" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJzDZnEEz649SVLLGb60If19agKYgql4O5o8JTc_W8rY06OnNSs1HlZ3DCF6M3xT8pVes5VhDC5g-XfKo6n8NX94Ko4nJ7Oy3NS2HdGZv_TpFv5YZLZl4GLb4K37P5au0pjEix-aBBwKGN/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+6.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
</tbody></table>
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgDOdE-tZOvcoHdUY1BNajrtR9kWkwMYjbHMI9v5QHEPd_HgpikXTOBt324mU9JV6Cw_ijJwnXqD5T2ucgcpOiSjQVPx2drU_OVtu5Jbm_419Af16jxUUNQyzwk2dSIUWCJM0nuwE3qMhRh/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+2.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="213" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgDOdE-tZOvcoHdUY1BNajrtR9kWkwMYjbHMI9v5QHEPd_HgpikXTOBt324mU9JV6Cw_ijJwnXqD5T2ucgcpOiSjQVPx2drU_OVtu5Jbm_419Af16jxUUNQyzwk2dSIUWCJM0nuwE3qMhRh/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+2.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
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<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdanl9GxPlGb26yh2yk_D7f_krkxmIBd-TGL1bKhEInUNdR-EzAntbO7RpqDvLGuJHNtNcAZf30jXdX1XYygmFFqlLIrAjKxa6J-9iLXGHT4TsMAJrM1ABgvH8QMsUxrLa1_KI2CdAW2oN/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdanl9GxPlGb26yh2yk_D7f_krkxmIBd-TGL1bKhEInUNdR-EzAntbO7RpqDvLGuJHNtNcAZf30jXdX1XYygmFFqlLIrAjKxa6J-9iLXGHT4TsMAJrM1ABgvH8QMsUxrLa1_KI2CdAW2oN/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580.jpg" width="210" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
</tbody></table>
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg676fftxVSB0iKmKiUbnr7EHdNKZwkAtxOW7LDNN1XVUIh0de-Kdwwkn6liuSdeNyk6PP6ORH5RknMyVVV2mIBDb25evC9achDVGcsQ9zaECRzorrHgzIfkqtsHod-EdhyphenhyphenyRXRtzbmlsgb/s1600/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+8.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg676fftxVSB0iKmKiUbnr7EHdNKZwkAtxOW7LDNN1XVUIh0de-Kdwwkn6liuSdeNyk6PP6ORH5RknMyVVV2mIBDb25evC9achDVGcsQ9zaECRzorrHgzIfkqtsHod-EdhyphenhyphenyRXRtzbmlsgb/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580+8.jpg" width="249" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">चित्र कुछ बोल रहे हैं…</td></tr>
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<br /></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-51351033160246175892011-05-19T21:08:00.006+05:302011-05-20T08:24:19.474+05:30Cabinet approves caste and BPL census / देश में जाति आधारित जनगणना को मंत्रिमंडल ने दी हरी झंडी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_aNxaKotA6y4tcJzluhCRU1KpNUJcapjV6foP0X2g9ta8skUy9wIBLtNtv1UY3bSRGdKcuJLY2wFrwU2uUCGRLruNkP-TO1Cw_DsGs5D8EwwROz21GCtGnzgSjz_t4KfnqDKRqwl7qA-J/s1600/india+map.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_aNxaKotA6y4tcJzluhCRU1KpNUJcapjV6foP0X2g9ta8skUy9wIBLtNtv1UY3bSRGdKcuJLY2wFrwU2uUCGRLruNkP-TO1Cw_DsGs5D8EwwROz21GCtGnzgSjz_t4KfnqDKRqwl7qA-J/s1600/india+map.jpg" /></a></div>
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केंद्र सरकार ने जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति के आधार पर जनगणना के प्रस्ताव को आज गुरुवार 19मई2011 को हरी झंडी दे दी। आजादी के बाद पहली बार ऐसी जनगणना होने जा रही है । इससे गरीबी रेखा के नीचे तथा उसके ऊपर जीवनयापन कर रहे लोगों और उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।<br />
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जनगणना के लिए सर्वेक्षण जल्द ही शुरू हो जाने की उम्मीद है। जाति तथा धर्म के बारे में जानकारी से इस बात के मूल्यांकन में मदद मिलेगी कि सामाजिक तथा धार्मिक पृष्ठभूमि के कारण देश के बहुत से नागरिकों के लिए आर्थिक अवसर कहां तक सीमित होते हैं।<br />
जनगणना करने वाले कर्मचारी लोगों के बीच धर्म और जाति से संबंधित प्रश्नावली बांटेंगे । लोगों को सिर्फ दो सवालों के जवाब देने होंगे कि उनकी जाति क्या है और उनका धर्म क्या है? लेकिन गरीबी रेखा के संबंधित सवाल पर कई प्रश्न पूछे जाएंगे, जैसे- परिवार के सदस्यों की संख्या, रोजाना की आय तथा खर्च।<br />
गरीबी से संबंधित जनगणना इससे पहले 2002 में कराई गई थी, लेकिन जाति और धर्म को जनगणना में पहली बार शामिल किया जा रहा है। यह गणना जून से शुरु हो कर दिसम्बर 2011 तक पूरी की जायेगी ।<br />
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<b>Approvel of caste and BPL census is wrong step of Cabinet </b><br />
<b>देश में जाति आधारित जनगणना , मंत्रिमंडल का गलत कदम , देश नुकसान उठाएगा ! </b><br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhYlgl-u2GUTX-jWrvRo0FqHAoxOPe6aWaDdXEWZN2l39vVs61Yz1VN1DANWRcI4tApu5dh3P8YFAe1g181dVPCSJaw7WSdD9l7r1Z9y0yr-uUBVu2umWzc6z3qyfkziENiE-ArgLninZAv/s1600/%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%2596%25E0%25A4%25A3%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A1+%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A4+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A4+%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25A8.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhYlgl-u2GUTX-jWrvRo0FqHAoxOPe6aWaDdXEWZN2l39vVs61Yz1VN1DANWRcI4tApu5dh3P8YFAe1g181dVPCSJaw7WSdD9l7r1Z9y0yr-uUBVu2umWzc6z3qyfkziENiE-ArgLninZAv/s320/%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%2596%25E0%25A4%25A3%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A1+%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A4+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A4+%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25A8.jpg" width="258" /></a></div>
भारत जैसे धर्म निरपेक्ष देश में जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति के आधार पर जनगणना कराना आत्मघाती कदम है , समय इसे प्रमाणित करेगा । यह एक ओर जहाँ राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है तो वहीं दूसरी ओर नेताओं के मानसिक दिवालियेपन परिचायक है ।<br />
विकास एक बहाना है । अब तक इस देश मे किसी भी योजना का ठीक-ठीक क्रियान्वयन नहीं हो सका है , कदम कदम पर केवल बदनियति ही झलकती दिखी है , इस गणना के बाद नया क्या और किनके सहारे कर लेगी कोई भी सरकार ? प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति भी इस देश की दुर्दशा और यहाँ व्याप्त भ्रष्टाचार से त्रस्त दिखता है , वह अपने एक मंत्री को नहीं सम्हाल पाता है तो लाखों अधिकारियों - कर्मियों की क्या गारंटी ?इस गणना के परिणाम स्वरूप देश में वर्ग संघर्ष बढ़ेगा , राजनेता इसका लाभ लेते दिखेंगे ।<br />
अराजकता और आतंक बढ़ेगा , सरकार पंगु साबित होगी ।देश , आजादी के 65 वर्षों बाद भी आज तक हिन्दु - मुसलमान के झगड़े से तो उबर नहीं पा रहा है , नये नये और झगड़ों की शुरूआत होगी ।देश का दुर्भाग्य ही है कि जब समूचा संसार जाति और धर्म से ऊपर उठ कर विकास के नित्य नये सोपान गढ़ रहा है तभी हम जिसे जाति - धर्म का कड़वा अनुभव भी है , उससे उबरना छोड़ इसकी खाई और गहरी करने चले हैं । यहाँ यह कहना कतई भी गलत नहीं होगा कि यह केन्द्र सरकार की सोची-समझी और ऐतिहासिक भूल साबित होगी । देश विरोध करने की ताकत नहीं रखता तो तैयार रहे भुगतने को । अंग्रेजों ने भारत में सन 1931 में कराई थी ऐसी ही जनगणना और नतीजा भारत - पाकिस्तान के रूप में समूचे विश्व के सामने है ।<br />
जाति आधारित जनगणना का विरोध महात्मा गांधी सहित पंडित जवाहर लाल नेहरू , सरदार वल्लभ भाई पटेल यहाँ तक कि डॉ भीमराव अम्बेडर ने भी किया था । इतिहास और संसदीय दस्तावेज आज भी इस बात के साक्ष्य हैं कि - इनके समकालीन तमाम दिग्ग्ज कांग्रेसी और गैर कांग्रेसियों ने इसका विरोध किया था । लेकिन दुर्भाग्य देखिए देश का कि उन्हीं के अनुयायी अब जब अपनी तमाम गलत नीतियों की वजह से राजनीति में चंहुओर पिटने लगे हैं तब उन्होंने फ़िर एक बार एक देश का बेड़ा गर्क करने वाला आत्मघाती हथकंडा अपनाया है । इसका विरोध राजनीति से ऊपर उठ कर जन-जन को करना चाहिए ।</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-63733538846662081132011-05-18T21:57:00.003+05:302011-05-18T22:25:35.385+05:30Political game in Noida - Is Rahul flip flops on Bhatta-Parsaul facts ? / गंदे - सड़े नेता देश को सड़ाने पर हैं आमदा !!!<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgy4lNVlWuZKYmM1GjXWQLv9n5DBPk84m70fw5iL5eWyLE4eeF491JqIMyD1NJJJdDidIuBwraWNet0T73FWQF6io_rrtA85E7B1f1EmsFXwFvyySC5LZtF5rOVgiCmIZ3B9BFw09EA4Xtz/s1600/%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B9%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgy4lNVlWuZKYmM1GjXWQLv9n5DBPk84m70fw5iL5eWyLE4eeF491JqIMyD1NJJJdDidIuBwraWNet0T73FWQF6io_rrtA85E7B1f1EmsFXwFvyySC5LZtF5rOVgiCmIZ3B9BFw09EA4Xtz/s1600/%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B9%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B2.jpg" /></a></div>
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खबर आई है कि भट्टा में रेप की बात कहकर बुरे फंस गये राहुल गांधी और बचाव में उतरी उनकी कांग्रेस पार्टी । लगता है इस देश के सारे नेता केवल और स्वार्थी और बुद्धिहीन हो कर ही जीना पंसंद कर रहे हैं । राहुल राजनीति में नया है , यदि उतावलेपन में ही उसने कोई जनहित की बात कह डाली तो नेता उस बात में जनता का नहीं , अपना नफ़ा-नुकसान ही देखते हैं , कितने शर्म की बात है यह ? अब भाजपा को यह लग रहा है कि कहीं राहुल की कही गई कोई बात सच साबित हो जाती है तो इसका फ़ायदा उसकी पार्टी को मिलेगा , ऐसा होने नहीं देना चाहिए चलो हल्ला मचाना शुरु करें । देखिए क्या हल्ला हो रहा है …<br />
<br />
ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव में महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था। राहुल गांधी के इस आरोप से विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बिना ठोस सुबूत बलात्कार का आरोप लगाकर राहुल गांधी ने गांव की महिलाओं का अपमान किया है। वहीं बैकफुट पर आई कांग्रेस ने सफाई दी है कि राहुल ने वही कहा, जो किसानों ने उन्हें बताया था।<br />
सोमवार को किसानों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने आए राहुल ने गांव में महिलाओं के साथ बलात्कार का आरोप लगाया था। लेकिन समस्या ये है कि इस सनसनीखेज आरोप की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है। अभी तक गांव की किसी महिला या परिवार ने इस सिलसिले में शिकायत नहीं की है। ऐसे में राहुल के दावे पर सवाल उठ रहे हैं। बीजेपी ने राहुल के बयान को ग्रामीण महिलाओं का अपमान बताया है।<br />
<br />
भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे भट्टा पारसौल के किसानों के बीच सबसे पहले पहुंच कर राहुल गांधी ने विरोधियों को पटखनी दे दी थी। अब कांग्रेस यूपी में इसका फायदा उठाने में जुटी है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि गांव में उन्होंने 70 फुट व्यास का राख का ढेर देखा था। राहुल ने राख में मानव हड्डियों के होने की आशंका जताई थी। हालांकि यूपी सरकार ने राहुल के दावों को बेबुनियाद बताया था। सरकार राख की फारेंसिक जांच भी करा रही है। जाहिर है, कांग्रेस बैकफुट पर है। लेकिन वो सरकार को चुनौती देने में जुटी हुई है। महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि राहुल ने वही बोला जो गांव वालों ने उन्हें बताया था। अगर आरोप गलत हैं तो राज्य सरकार जांच करा ले।<br />
2012 के यूपी चुनावों के लिए कांग्रेस को खड़ा करने की कोशिश में जुटे राहुल को इस विवाद से झटका लगा है। हालांकि पार्टी राहुल के साथ खड़ी दिखने की कोशिश कर रही है, लेकिन राहुल के सलाहकारों पर सवाल तो उठने ही लगे हैं। राहुल ने भट्टा पारसौल गांव सबसे पहले पहुंचकर विरोधियों पर राजनीतिक बढ़त बनाई थी लेकिन उनके बयान ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है। सवाल ये है कि भरोसा किस पर किया जाए। बीजेपी, कांग्रेस या यूपी सरकार पर। जो भी हो इस मामले की सच्चाई जल्द से जल्द सामने आनी चाहिए।<br />
<div>
ऐसा लगता है देश के सारे नेताओं ने मानों एक होकर इस बात की कसम खा रखी है कि भूल से भी किसी नेता से कोई अच्छा काम होने नहीं देंगे । कांग्रेस ने अपने महासचिव राहुल गांधी के इस दावे का बचाव किया है कि ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल गांव में राख के 74 ढेर मिले हैं जिनमें मानव अवशेष हैं। राहुल गांधी ने मायावती सरकार के खिलाफ जंग का एलान किया।<br />
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह मामले की जांच कराए। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया, "मीडिया में जो कुछ (राहुल गांधी के बयान के बारे में) आया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. कहीं उन्होंने 74 संख्या या 74 शवों का जिक्र नहीं किया है। राहुल गांधी ने यह कहा है कि एक जगह है जहां जगह पर 70 फीट के इलाके में राख का एक ढेर है जिसमें कुछ हड्डियां मिली हैं।"<br />
सोमवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. किसानों के साथ राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को भट्टा परसौल गांव के जले हुए शवों, हड्डियों वाली राख और तहस नहस घरों के कुछ फोटो भी सौंपे। उनका कहना है कि राज्य सरकार के लोगों ने गांव में बलात्कार और स्थानीय लोगों पर और भी अत्याचार किए हैं। जमीन अधिग्रहण के मामले पर भट्टा परसौल में ग्रामीणों की सरकार की लोगों से झड़पें हुईं।<br />
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है। बुधवार को उन्होंने वाराणसी में कहा कि कांग्रेस हर गांव में जाएगी और इस सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए संघर्ष करेगी. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार कहती हैं कि भट्टा परसौल में सब ठीक हैं तो फिर वहां धारा 144 क्यों लगाई गई। अगर सब कुछ ठीक हैं तो लोग वहां से भाग क्यों रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक है तो फिर मामले की न्यायिक जांच के आदेश क्यों नहीं दिए जाते। स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके।"<br />
द्विवेदी ने साफ किया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पुलिस पर लगाए गए लोगों के आरोपों के बारे में बताया। उन्होंने यह बात राहुल गांधी के इस बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कही कि पुलिस भट्टा परसौल और दूसरे मायावती भी पलटवार की तैयारी में हैं।<br />
गांवों में महिलाओं का बलात्कार हुआ. उन्होंने कहा, "यह जांच का मामला है. इसकी जांच होनी चाहिए। अगर हड्डियां मिली हैं और पता लगाया जाना चाहिए कि वे किसकी हड्डियां हैं। और अगर महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं और उन्हें पीटा गया है तो ऐसा क्यों हुआ।"<br />
इस बीच उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस का समर्थन करते हुए जांच की मांग की है. पार्टी के मुताबिक इस बारे में केंद्र सरकार को मायावती की उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगनी चाहिए ।<br />
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</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-25679707464824117202011-05-16T17:19:00.008+05:302011-05-18T22:12:02.155+05:302G SCAM : PLEASE SHARE IF YOU CARE.<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjxgtNIQZ00OQNbx7ZYC5Ih-5HO_BuU3GC2NVTlGGOEPZOawYuugwQ5gdYW5GFMRae3bR_Y2As9fQujLYLEGLDODZ9swpALSFBeuJp6ISmYr49w8Pc3j2txDzDx-EOEv4dUzpxY_usXH27/s1600/2g+spectrum.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="314" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjxgtNIQZ00OQNbx7ZYC5Ih-5HO_BuU3GC2NVTlGGOEPZOawYuugwQ5gdYW5GFMRae3bR_Y2As9fQujLYLEGLDODZ9swpALSFBeuJp6ISmYr49w8Pc3j2txDzDx-EOEv4dUzpxY_usXH27/s400/2g+spectrum.jpg" width="400" /></a></div>
<br />
<br />
<b>PLEASE SHARE IF YOU CARE.</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>1) CAG report on 2G scam identified three groups of</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>losses.</b><br />
<b>a) 102498 cr loss with 122 licenses,</b><br />
<b>b) 37154 cr dual tech,</b><br />
<b>c) 36993 cr below 6.3Mhz spectrum</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>2) CBI has been focusing only on the 122 new license</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>part (2007-08) of 2G scam. A.Raja, Kani., etc are from here. : )</b><br />
<b><br /></b><br />
<b><br /></b><br />
<b>3) Dual Tech Part:- Reliance-14 circles, Tata-19 circles &</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>others-2 circles,a 2G scam loss of Rs.37,154 cr are NOT</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>under CBI probe at present : (</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>4) 2G scam's spectrum under 6.2MHz:- BSNL/MTNL,</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>Bharti, Vodafone and IDEA, totalling Rs.36,993 cr loss,</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>NOT under CBI investigation now : (</b><br />
<b><br /></b><br />
<b>Source: @DNA Newspaper.</b><br />
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</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-11836701762842107612011-05-12T12:33:00.000+05:302011-05-14T02:03:24.934+05:30Binayak sen in Planing commission of India बिनायक सेन योजना आयोग में , बिफरे डॉ. रमन<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgE5ccAWCU4sd0VrVz53IkNDhUUpRqgJd6M5lgCvy-oSZTZrTferwm18eTt0Gzaoy3u6vUgeyJ3tU_MO-TzMWUMTRRdk7135HN_31ysZln_LCB4c-u0YQ7CRLhdbIm7HvNdZKy23hPEMy6o/s1600/Dr+Raman+with+montek+singh+ahluwalia.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="214" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgE5ccAWCU4sd0VrVz53IkNDhUUpRqgJd6M5lgCvy-oSZTZrTferwm18eTt0Gzaoy3u6vUgeyJ3tU_MO-TzMWUMTRRdk7135HN_31ysZln_LCB4c-u0YQ7CRLhdbIm7HvNdZKy23hPEMy6o/s320/Dr+Raman+with+montek+singh+ahluwalia.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोन्टेक सिंह अहलूवालिया के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह</b></td></tr>
</tbody></table>
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<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEitZpGrVkS-v3ogJKGjC0TuCj07Z0qm-IEAWq_KeSGyPAbg4tzJH-STmdPuNgg126dM4ucFP8SvYsXqx8m0F6VuTPSMCOYpPmDHJR2ABZc175LOVLdiozHIr6NeM2ea40scNZTPhUHlaJ1x/s1600/binayak+sen.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEitZpGrVkS-v3ogJKGjC0TuCj07Z0qm-IEAWq_KeSGyPAbg4tzJH-STmdPuNgg126dM4ucFP8SvYsXqx8m0F6VuTPSMCOYpPmDHJR2ABZc175LOVLdiozHIr6NeM2ea40scNZTPhUHlaJ1x/s1600/binayak+sen.jpg" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>डॉ बिनायक सेन </b></td></tr>
</tbody></table>
<br />
डॉक्टर बिनायक सेन को भारत सरकार के योजना आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है । भारत सरकार के योजना आयोग ने माना है कि सामाजिक कार्यकर्ता और हाल में जेल से छूटे डॉक्टर बिनायक सेन का " बच्चों, खासकर आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम योगदान है। " इसी वजह से आयोग ने उन्हें उस स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया है जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए रणनीति तैयार करने में आयोग को सलाह देगी। सेन कुछ समय पहले तक नक्सलियों के कथित समर्थन करने और देशद्रोह के आरोप में छतीसगढ़ शासन द्वारा गिरफ़्तार कर रायपुर सेन्ट्रल जेल मे बंद किये गये थे। हाल ही में उन्हें<br />
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है।<br />
<b>नियुक्ति महत्वपूर्ण क्यों - </b><br />
बिनायक सेन की यह नियुक्ति इस मायने में काफी महत्वपूर्ण माना जा रही है कि छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार उन्हें अभी भी दोषी मानती है। वे आयोग की उस 40 सदस्यीय समिति के सदस्य होंगे जिसकी अध्यक्षता आयोग की सदस्य सईदा हामिद करेंगी। इस समिति में सेन बिलासपुर के जन स्वास्थ्य सहयोग – नामक गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित होंगे। इस समिति की पहली बैठक इसी महीने की 25-26 तारीख को होने की उम्मीद है।<br />
<b>समिति क्या देगी सलाह</b><br />
आयोग के अनुसार यह समिति जिन प्रमुख बिंदुओं पर काम करेगी वह इस प्रकार है :<br />
<b>-</b> ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर सुधार की नई दिशाएं सुझाना।<br />
-प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रशासनिक सुधार के नए उपाय बताना ।<br />
-कुपोषण, मातृ स्वास्थ्य जैसे कई अन्य संबंधित मामलों पर सुझाव देना॥<br />
-12 वीं योजना के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह देना शामिल है।<br />
छत्तीसगढ़ इलाके में आदिवासी बच्चों के कुपोषण के क्षेत्र में सेन ने महत्वपूर्ण काम किया है। आयोग को उनकी इस विशेषज्ञता का फायदा मिलेगा। सेन की नियुक्ति आयोग का सम्मिलित फैसला है। – मोंटेक सिंह अहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग<br />
बिनायक सेन के सुझावों का फायदा स्वास्थ्य के क्षेत्र में 12वीं योजना की रूपरेखा तैयार करने में मिलेगा। समिति अपनी रिपोर्ट का मसौदा 30 सितंबर तक और अंतिम रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक सौंप देगी। -सईदा हामिद, अध्यक्ष, स्वास्थ्य पर स्थायी समिति, योजना आयोग बिफरे रमन सिंह -<br />
सेन के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में संगीन मामले लंबित हैं। जिस पर देशदोह के आरोप लगे<br />
हों, उसे स्वास्थ्य नीति पर सलाह देने वाली विशेषज्ञ समिति में शामिल कर केंद्र सरकार गलत<br />
परिपाटी की शुरुआत कर रही है। – डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-79439280827226098132011-05-10T14:43:00.005+05:302011-05-10T15:41:31.435+05:30पेंशन की खातिर एक वृद्ध सब इंजीनियर ने कलेक्टोरेट अधीक्षक को मारा चाकू<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgjDrNgBtJKUbmuJc7UqbAUoauC2c5YHZkRD4HizBbwvZC4bxfT-x6WAL2pDAiGMRmhAO2YmD6da_56myy0khNhQsyRFJx5uMJ7MsG_iOAWnmXd3k6ImbmBnf3DfEisUmfISH48anqIwtLY/s1600/lokendra+singh.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgjDrNgBtJKUbmuJc7UqbAUoauC2c5YHZkRD4HizBbwvZC4bxfT-x6WAL2pDAiGMRmhAO2YmD6da_56myy0khNhQsyRFJx5uMJ7MsG_iOAWnmXd3k6ImbmBnf3DfEisUmfISH48anqIwtLY/s320/lokendra+singh.jpg" width="235" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>सामने दिख रहे हैं रिटायर्ड सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ,पीछे सफ़ेद पैंट और</b><br />
<b> ब्लू लाईनिंग शर्ट पहने हुए हैं जिला अधीक्षक जिन पर हमला हुआ । </b><br />
<b>यह चित्र धटना के बाद का है ।</b></td></tr>
</tbody></table>
<br />
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राजधानी रायपुर में पिछले चार वर्षों से अपनी पेंशन पाने के लिए भटक रहे एक वृद्ध सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ने कलेक्टोरेट अधीक्षक पर चाकू से हमला बोल दिया । अपनी पेंशन पाने सरकारी दफ़्तरों के चार साल से चक्कर लगाते - लगाते हताश हो चले इस वृद्ध के सब्र का बांध टूट गया और मानो मरने - मारने पर आमदा हो गया वह थक हार कर । 09 मई 2011 की दोपहर इस वृद्ध सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ने चाकू से जिला कलेक्ट्रेट में पदस्थ अधीक्षक जे आर साहू के गाल पर चाकू से वार किया और तभी मौके पर मौजूद जिला प्रशासन अन्य कर्मियों ने फ़ौरी तौर पर उसे पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया । इतनी ही फ़ूर्ती यदि उसके पेंशन प्रकरण में निबटारे के लिए दिखाई गई होती तो शायद ऐसे वाकिए ही न होते । फ़िर क्या था सामने आया देश का कानून जिसने परेशान उस वृद्ध को सजा देने अपना लम्बा हाँथ आगे बढ़ाया , मगर यही कानून उसे उसके हक की पेंशन न दिला पाया ।<br />
हताशा की यह छूरी चलाई है 36 साल जल संसाधन विभाग में कार्यरत रहे सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ने , जिन्हें विभाग से रिटायर हुए वर्षों हो चुकने के बाद भी आज तक पेंशन तक नसीब नहीं हो पाई है । जी पी एफ़ विभाग ने फ़ंसा रखी है इस व्यक्ति की पेंशन की फ़ाईल और घुमाता रहा जिला कार्यालय इसे ।<br />
नियम है कि रिटायरमेंट के बाद अगले ही महिने से मिलने लगती है पेंशन और यदि किन्हीं कारणों से देर हो रही हो तो पेंशन की यह राशि उस व्यक्ति को एरियर्स के रूप में तुरंत मिलने लगती है । खेद जनक पहलू यह कि यहाँ उस वृद्ध सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह को ऐसी कोई सुविधा नहीं मिल पाई , सिवाय प्रताड़ना और दफ़्तरों के चक्कर पर चक्कर लगाने के , वह अपने तमाम दस्तावेजों से भरा भारी भरकम (करीब 20 - 25 किलो वजनी) बैग टांगे सरकारी दफ़्तरों के चक्कर लगाता रहता और दोपहर लंच के समय कौफ़ी हाऊस पहुंच कर कभी दूध ब्रेड तो कभी चाय ब्रेड खा कर दोबारा उन्हीं दफ़्तरों के चक्कर काटने के लिए ताकत जुटाता दिखा ।<br />
पेंशन और ग्रेच्युटी के लिए लगातार चार साल से चक्कर काट रहे सेवानिवृत्त सब इंजीनियर लोकेंद्र सिंह ने सोमवार को कलेक्टोरेट के अधीक्षक जतिराम साहू पर जब चाकू से हमला कर दिया तब हमले की खबर से कलेक्टोरेट परिसर में हड़कंप सा मच गया। कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी तत्काल अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमा हो गए। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। गोलबाजार थाने की पुलिस पहुंचने के बाद घायल अधीक्षक को तत्काल डॉक्टरी मुलाहिजे के लिए आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया। आरोपी को मौके पर ही चाकू के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।<br />
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बालाघाट निवासी लोकेंद्र सिंह की माली हालत अच्छी नहीं बताई जाती है , वह जलसंसाधन विभाग रायपुर में सब इंजीनियर के पद पर पदस्थ थे। वे चार साल पहले ही सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन का भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। जिसके लिए उन्हें बारबार बालाघाट से यहाँ रायपुर के चक्कर लगाने पड़ते हैं । तीन दिन पहले ही उन्होंने कलेक्टर से मुलाकात कर भुगतान करने के संबंध में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी। कलेक्टर ने यह पत्र कार्यवाही के लिए कलेक्टोरेट अधीक्षक के पास भेज दिया। सोमवार को लोकेंद्र ने अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपने प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई की मांग की। अधीक्षक श्री साहू ने उन्हें कुछ देर बैठने के लिए कहा। काफी समय तक अधीक्षक के बुलावे का इंतजार कर लोकेंद्र को देर तक नहीं बुलाया गया। इससे आक्रोशित होकर उन्होंने अपने पास रखे सब्जी काटने के चाकू से जति राम पर हमला कर दिया। <b>चाकू के वार से अधीक्षक के गाल पर हल्की खरोंच आई है। तात्कालिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।</b><br />
ऐसा तो हाल है राजधानी रायपुर में संवेदनशील कही जाने वाली सरकार के महकमे का , वह अपने सरकारी अधिकारियों - कर्मियों को जब तंग करने से बाज नहीं आ रहा है तो भला सोचिए आम आदमी यहाँ किस हाल में और कैसा होगा ? लोकेन्द्र अकेला नहीं है आज भी यहाँ पेंशन के हजारों प्रकरण लंबित हैं जिसकी परवाह किसी को भी नहीं है , क्या सभी को वृद्धावस्था में अपनी - अपनी पेंशन पाने इसी तरह चाकू - छूरी का सहारा लेना होगा ?<br />
' सिस्टम' के गाल पर पड़ी हताशा की इस छूरी से क्या कुछ सबक लेगा यहां का स्वयंभू और कथित ' संवेदनशील' प्रशासन , कहा नहीं जा सकता !!! </div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-19039395267027832312011-05-08T18:06:00.002+05:302011-05-08T18:16:02.417+05:30अंग्रेजों से कहीं ज्यादा बर्बर और लालची लोग<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZbzuf1WmBGoDxJnPYRmrBTfNF97YWy-W3Q-8UVZe-FAIzf4js2xDjEQopVMHunL1AnSZAXGlX0-GLESq66g_fyPRJkZK_359hdPipU05Jd41uJ7XkBlVRAbaLRkhoF38rZgXGeMbmXdVr/s1600/up+1.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZbzuf1WmBGoDxJnPYRmrBTfNF97YWy-W3Q-8UVZe-FAIzf4js2xDjEQopVMHunL1AnSZAXGlX0-GLESq66g_fyPRJkZK_359hdPipU05Jd41uJ7XkBlVRAbaLRkhoF38rZgXGeMbmXdVr/s1600/up+1.jpg" /></a></div>
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अंग्रेजों से कहीं ज्यादा बर्बर और लालची साबित हो रहे हैं हमारे अपने लोग जिनके हाँथों में है सत्ता की बागडोर । उत्तर प्रदेश अकेला नहीं है समूचे देश में इस समय सत्ताधीश और पूर्व सताधीश मिलजुल कर जमीन का कारोबार खुलेआम , बेझिझक पूरी बेशर्मी के साथ करतेअ देखे जा सकते हैं । किसानों की जमीनों को सस्ते में खरीद कर बड़े औद्योगिक धरानों को ऊंचे दामों व अपनी शर्तों पर उपलब्ध कराने का काम करने में मस्त हैं ये कथित राजनेता और अखिल भारतीय स्तर पर एकजुट भी हैं , दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर एक हैं ये ।<br />
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध जिले के भट्टा ग्राम में अपनी जमीन के जबरिया और मनमाने अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों और उनके परिजनों के साथ खून की होली खेलने पर आमदा है उत्तर प्रदेश का कथित दलित पीड़ित जनों का शासन । यहाँ शासन ने अपनी योग्यता और नीयत का खुला प्रदर्शन कर दिया है । देश है कि तमाशबीन बना बैठा है और हिजड़ों के जैसा बैठा है केन्द्र शासन। उत्तर प्रदेश पीएसी के जवानों ने नोएडा के भट्ठा गांव में रात भर तांडव मचाया। यहां किसानों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने घरों में घुस कर बच्चों और महिलाओं को प्रताडि़त किया। गांव की महिलाओं का आरोप है कि कई पुलिस वालों ने लूटपाट भी की। यही नहीं सोते बच्चों पर भी पुलस वाले अत्याचार करने से बाज नहीं आये।<br />
पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठियां भांजी और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां भी चलाईं। पुलिस ने रात भर अभियान चलाकर 100 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया है। गौतमबुद्धनगर में धारा 114 लागू कर दी गई है। आगरा व ग्रेटर नोएडा दोनों जगह भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिये गये हैं।<br />
नोएडा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए अपनी जमीनों के अधिग्रहण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की फायरिंग, रात भर भट्ठा गांव में रात भर किसानों की धरपकड़ के लिए पुलिस का तांडव और अब रविवार की सुबह से आगरा में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की दोबारा फायरिंग।<span class="Apple-style-span" style="color: #666666;"><b> जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ शनिवार को नोएडा से भड़का किसानों का उग्र आंदोलन निर्माणाधीन यमुना एक्सप्रेसवे के आखिरी छोर आगरा तक पहुँच गया है । अधिकारियों के अनुसार रविवार को आगरा में किसानों के साथ संघर्ष में प्रांतीय सशस्त्र बल पीएसी के कम से कम चार जवान घायल हो गए हैं, जबकि नोएडा में मरने वालों की संख्या पांच हो गई है ।</b></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #666666;"><b>नोएडा में मरने वालों में दो पुलिस जवान और दो किसान हैं , जबकि पांचवें व्यक्ति की शिनाख्त नही हो पाई है ।</b></span><br />
जी हां ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा के चोगन ग्राम तक किसानों पर पुलिस का कहर जारी है। वो भी उस दिन जब प्रदेश सरकार के चार साल पूरे हुए हैं।<br />
उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने आज अपने चार साल पूरे किये हैं, लेकिन ऐसे समय में जहां मुख्यमंत्री अपनी उपलब्धियों का बखान करने निकली हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं की पुलिस किसानों पर कहर बरपा रही है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा में फायरिंग के दौरान एक जवान और दो किसानों की मौत के खिलाफ आगरा व ग्रेटर नोएडा दोनों जगह किसानों ने रविवार की सुबह जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने आगरा में कई फैक्ट्रियों में आग लगा दी और एक्सप्रेस हाईवे जाम कर दिया। उधर अलीगढ़ के किसान भी आंदोलन में उतर आये हैं।<br />
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का तो हाल ही बुरा है । यहाँ तो सरकारें ही नहर , तालाब और बांध औद्योगिक घरानों को बेच रही है , विधान सभा में आये दिन हंगामें होतो और शांत पडते देखे-सुने जाते हैं । किसानों की जमीनें हथियाने और कालोनी बनाने का काम यहाँ भी जोरशोर से चल रहा है ,लोग कोलकाता , ओरिशा , राजस्थान , बिहार , और महाराष्ट्र से आकर यहाँ बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं और सता के संगवारी उनके साथ देखे जा सकते हैं । यहाँ जमीनों के मामले अदालतों में न्याय पाने की अभिलाषा लिये अपनी अपनी बारी आने की बाट जोह रहे हैं ।<br />
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<br /></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-39600747536752366652011-05-02T15:07:00.008+05:302011-05-04T17:34:00.527+05:30शर्म करो बेशर्मों , कुछ तो सीखो …<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<table cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="float: left; margin-right: 1em; text-align: left;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiYG41nrAGx7NhLex69F5Gpo7_m7yIuWyIuOw__IYIbDWtJU5wcfEq5j8b2YWj2fz9QEV1LaTMRXy9Mcf0-oc_x_f2ogMVZuKfIHPZmLDwJaqcTek5H1eYkBCJjR8Dv5v7bYzxA4cuhhhPd/s1600/laden.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; margin-bottom: 1em; margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiYG41nrAGx7NhLex69F5Gpo7_m7yIuWyIuOw__IYIbDWtJU5wcfEq5j8b2YWj2fz9QEV1LaTMRXy9Mcf0-oc_x_f2ogMVZuKfIHPZmLDwJaqcTek5H1eYkBCJjR8Dv5v7bYzxA4cuhhhPd/s1600/laden.jpg" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">ओसामा बिन लादेन (जिंदा)</td></tr>
</tbody></table>
<table cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="float: right; margin-left: 1em; text-align: right;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjQhXstpfm9GY-dymc-dMBD5T6vXRpK1tgt_uJRjxnpgfHrc8rv9ZXNavP3MBDrxcPtYTxGxjiycfIon9X5WVB7GgnpMnzInd6UZRV4JthZAhGtcl2q-xHiRG0DZpyTwOHwTjvmh1z5cZ4v/s1600/laden+2.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; margin-bottom: 1em; margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjQhXstpfm9GY-dymc-dMBD5T6vXRpK1tgt_uJRjxnpgfHrc8rv9ZXNavP3MBDrxcPtYTxGxjiycfIon9X5WVB7GgnpMnzInd6UZRV4JthZAhGtcl2q-xHiRG0DZpyTwOHwTjvmh1z5cZ4v/s1600/laden+2.jpg" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">ओसामा बिन लादेन (मुर्दा)</td></tr>
</tbody></table>
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विश्वगुरू बनने की लालसा रखने वाले भारत के दो मुहें नेताओं को कुछ सिखने और शर्मसार होने का समय आया है । एक ओर जहाँ विश्व के सर्वाधिक भ्रष्ट और बड़े तानाशाह, लीबिया के शासक कर्नल गद्दाफी को साफ़ करने की मुहिम जारी है, त्रिपोली उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हवाई हमले में शनिवार 29अप्रैल को लीबिया के शासक कर्नल गद्दाफी बाल-बाल बच गए लेकिन उनके सबसे छोटे बेटे सैफ अल-अरब गद्दाफी (29) और तीन पोतों की मौत हो गई।<br />
वहीं इसी बीच यह खबर आती है कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन अल कायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन आखिरकार मारा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के समीप अबोटाबाद में एक आलीशान हवेली में छिपे लादेन को सीआईए के ऑपरेशन में मार गिराया गया।अमेरिका ने ले लिया 9 / 11 की घटना का बदला दस वर्षों बाद , ढ़ूंढ़ कर मार गिराया अपने दुश्मन को ।<br />
आतंकवाद को जड़ से मिटाने की बात कहने वालों ने कामयाबी पा ली है , श्रीलंका ने भी चीन की मदद से अपने यहाँ लिट्टे का सफ़ाया कर लिया । सिर्फ़ अमेरिका की चमचागिरी करना ही “विदेश नीति” नहीं होती, यह बात कौन हमारे नेताओं को समझायेगा? आखिर कब भारत एक तनकर खड़ा होने वाला देश बनेगा। तथाकथित मानवाधिकारों की परवाह किये बिना कब भारत अपने बारे में सोचेगा?<br />
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgNx7M0c7HSe3777h5dUXqOC3ONyKhAIyPZvyeULgwqnG6wFadvnZyVkkTqW70juOKvbD9dV4xgpY-KRoS5gpn6gHu35tVNB6o_h2YUJVNCMgY-qYJ7FwHtGabPS5r6XMIbBwPHGr3b0inN/s1600/9+11.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgNx7M0c7HSe3777h5dUXqOC3ONyKhAIyPZvyeULgwqnG6wFadvnZyVkkTqW70juOKvbD9dV4xgpY-KRoS5gpn6gHu35tVNB6o_h2YUJVNCMgY-qYJ7FwHtGabPS5r6XMIbBwPHGr3b0inN/s200/9+11.jpg" width="137" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">अमेरिका में 9 / 11 की घटना</td></tr>
</tbody></table>
जो कुछ चीन ने श्रीलंका में किया क्या हम नहीं कर सकते थे ?<br />
शर्म आनी चाहिए उनको जो भारत में आतंकवाद को , आतंकवादियों को खुले आम पनाह देते हैं , डरते हैं कसाब और अफ़जल गुरु जैसे आतंकवदियों को सजा देने से । भला ऐसे कमजोर नेता कैसे बलवान भारत बनायेंगे ???<br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjH9Sqc4YNRYN9NFdV8b9GfCVUhsSeovokoxgCOeawPmr31fJmJVoYeK6OnUz1LOL3A3FaVyyr_OPmV572LHMvbf82xuHN-8KPbXM0s_hbnqKAYhT520tk1mOh80SsfGUN7vHcevyqkylVI/s1600/cia.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="228" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjH9Sqc4YNRYN9NFdV8b9GfCVUhsSeovokoxgCOeawPmr31fJmJVoYeK6OnUz1LOL3A3FaVyyr_OPmV572LHMvbf82xuHN-8KPbXM0s_hbnqKAYhT520tk1mOh80SsfGUN7vHcevyqkylVI/s320/cia.jpg" width="320" /></a></div>
सीआईए प्रमुख लियोन पेनेटा ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए पाकिस्तान में चलाए गए अभियान की जानकारी मंगलवार को अमेरिकी सांसदों को दी।<br />
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सांसदों के साथ बातचीत में समझा जाता है कि पेनेटा ने बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को इसलिए कोई सूचना नहीं दी थी क्योंकि उसे लगता था कि यदि कोई सूचना दी गयी हो तो वह लीक हो सकती है।<br />
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अमेरिकी कांग्रेस की खबरों की कवरेज करने वाले दी हिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीआईए चीफ पेनेटा ने सीनेटरों को एक बैठक में बिन लादेन मिशन के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्रशासन ने पाकिस्तान को सूचित नहीं करने का फैसला किया था क्योंकि आशंका थी कि जानकारी लीक हो सकती है और मिशन में बाधा आ सकती है।<br />
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बैठक में मौजूद एक सांसद ने यह जानकारी दी। पेनेटा ने इससे पहले टाइम मैगजीन को बताया था कि यह फैसला किया गया कि पाकिस्तान के साथ मिलकर कार्रवाई करने का कोई भी प्रयास अभियान को पंगु बना सकता है। हो सकता है कि वे संबंधित लोगों को चेतावनी दे दें।<br />
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बैठक के बाद सांसद पीटर किंग ने संवाददाताओं से कहा कि यह यकीन करना असंभव है कि जिस प्रकार की आधुनिक खुफिया एजेंसी और सैन्य क्षमता पाकिस्तान के पास है, उसके बावजूद उन्हें यह नहीं पता हो कि दुनिया का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी खुले आम इस कदर आंखों के सामने रह रहा है।<br />
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उन्होंने सवाल किया कि पाकिस्तान को अहसास होना चाहिए कि कांग्रेस में कई सदस्य गंभीर सवाल उठा रहे हैं। सवाल यह है कि दुनिया का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी उनके बीच में रह रहा है और वे उसे पकड़ नहीं सकते तो हमें क्यों सालाना तीन अरब डॉलर की राशि उसे देनी चाहिए।<br />
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</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-91403399590782521762011-04-19T08:35:00.002+05:302011-04-19T08:49:30.878+05:30क्या होगा कांग्रेस का यहाँ … ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhU-TtWHgPKgakG8NUuVfBENU9Kp_B7dxkIecTGGbutxo8yxiJQngxV_8ltEgXWlraZ5uoo_cf9Ggdwg9IUpop_OkiFcl1jvyONRHWAzgt4UqoG0CuX4unAeLMlKbVePNJhnFfunY0Pb9YP/s1600/Nand+kumar+patel.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="312" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhU-TtWHgPKgakG8NUuVfBENU9Kp_B7dxkIecTGGbutxo8yxiJQngxV_8ltEgXWlraZ5uoo_cf9Ggdwg9IUpop_OkiFcl1jvyONRHWAzgt4UqoG0CuX4unAeLMlKbVePNJhnFfunY0Pb9YP/s400/Nand+kumar+patel.jpg" width="400" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>छ्त्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नंद कुमार पटेल</b></td></tr>
</tbody></table>
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<b><span class="Apple-style-span" style="color: red;">क्या होगा कांग्रेस का यहाँ … ?</span></b><br />
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हालात किसी से छिपे नहीं हैं , इन्हीं हालातों के बीच पार्टी आलाकमान ने पूर्वमंत्री नंद कुमार पटेल को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है । अब दौर है कहीं खुशी - कहीं गम का क्योंकि यही खासियत है इस पार्टी कि जितने सर उतने धड़े , गुटीय राजनीति ने सर्वाधिक नुकसान किया है कांग्रेस का , यह बात सभी कांग्रेसी और गैरकांग्रेसी बखूबी जानते - समझते हैं , पर कांग्रेस को बचाने के लिए शायद समझना ही नहीं चाहते ।<br />
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प्रदेश में कांग्रेस की इस दुर्गति के जिस एक अतिजिम्मेदार नेता का नाम लिया जाता है , उसका उल्लेख करना अब यहाँ जरूरी नहीं समझता हूँ , समूचा प्रदेश ही नहीं बल्कि देश जानता है उस नेता तो , शुक्र है उस नीली छतरी वाले का जिसने छत्तीसगढ़ को दूसरा बिहार बनने से बचा लिया । यहाँ वर्ग संघर्ष के जनक को पदच्युत कर दिया और शायद प्रभावहीन भी । इन नये अध्यक्ष महोदय पर उन नेता की छवि - उनका आशीर्वाद , उनका वरदहस्त होना बताया जाता है , सच्चाई तो ऊपर वाला और वे दोनो नेता ही समझ सकते हैं , पर जो हल्ला है उससे इंकार नहीं किया जा सकता । अब सवाल यहाँ यह है कि कैसे सुधरेगी प्रदेश में कांग्रेस की दशा-दिशा ? क्या उन पुराने कांग्रेसियों को वापस कांग्रेस में सम्मान के साथ काम करने का अवसर मिल पायेगा जैसा कि वे वर्षों से करते आ रहे थे और इस प्रदेश को दशकों तक कांग्रेस का गढ़ बना कर रखा था । यहाँ इस बात का उल्लेख करना बेहद जरूरी हो जाता है कि नया राज्य बनने और नई राजनीतिक शुरुआत ने यहां प्रदेश के गाँव - गाँव , शहर - शहर से ऐसे निष्टावान कांग्रेसियों को एक मुश्त उखाड़ फ़ेंकने का काम एक बहुत ही सोची समझी साजिश के चलते किया था , जिसे नया राज्य बनने के बाद , आज तक 11 वर्षों बाद तक भी किसी कांग्रेसी नेता ने सुधारना नहीं चाहा और परिणाम सामने है । क्या नये अध्यक्ष इस दिशा में भी सोचेंगे ? या फ़िर इशारों में चलेगी यहाँ कांग्रेस जैसा कि बीते एक दशक से चलती आ रही है । शर्म आती है जब सार्वजनिक तौर पर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि अमुख कांग्रेस नेता तो अमुख बी जे पी के नेता - मंत्री से सेट है , कांग्रेस प्रत्याशी को अमुख जगह चुनाव हराने में उसकी बड़ी भूमिका थी , उसने तो "इतना सूटकेस" या "खोखा" लेकर अपनी ही पार्टी को वहाँ हराने का काम बड़ी सक्रियता से किया । क्या नये अध्यक्ष इस चुनौती को स्वीकार कर कुछ कर दिखायेंगे यहाँ जिसकी कि आम कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे अपेक्षा करता है ! छत्तीसगढ़ का आम कार्यकर्ता यह भी भलीभाँति जानता है कि उसके किस अतिजिम्मेदार नेता ने सन 2003 के पहले और 2008 के दूसरे विधान सभा चुनावों में अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को चुनाव हराने के लिए क्या क्या नहीं किया था । तब से आज तक यहाँ कांग्रेस की स्थिति सुधरती नहीं दिखती है । क्या करेंगे नये अध्यक्ष महोदय इस दिशा में ? शायद उन्हें इसकी जानकारी होगी ।<br />
<b>एक आम कार्यकर्ता यह नहीं समझ पाता है कि जो भी - जहाँ भी कांग्रेस अध्यक्ष बनता है सबको (सभी गुटों को) साथ में लेकर चलने की बात क्यों करता है , वह कांग्रेस के साथ चलने और सबको कांग्रेस के साथ चलाने की बात क्यों नहीं करता ???</b> </div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-78959309987443719512011-04-13T17:11:00.012+05:302011-04-13T18:53:22.969+05:30अनुकंपा नियुक्ति की माँग करता परिवार : चार हो गये आत्महत्या के शिकार<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBs_Lu72ty7jFTMMwg_jRRNZXltRpWUQ6semQQD5ZbwJ5HnJwmUP1yvA18QqL7wXt5-436oqXeUBD_mavGHT4o4Vyr3Fe2UJQ6EDE2T0FDdWGyYr1U5lMUJSWp3qRpB6gKbts7jo-BZ1qA/s1600/sahu+parivar.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="211" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBs_Lu72ty7jFTMMwg_jRRNZXltRpWUQ6semQQD5ZbwJ5HnJwmUP1yvA18QqL7wXt5-436oqXeUBD_mavGHT4o4Vyr3Fe2UJQ6EDE2T0FDdWGyYr1U5lMUJSWp3qRpB6gKbts7jo-BZ1qA/s400/sahu+parivar.jpg" width="400" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><b>साहु परिवार : माँ और पीछे खड़ी बेटियाँ , भाई सुनील जहर दिखाता हुआ । यह फ़ोटो उन दिनों की है जब तंग आकर इस परिवार खुद को अपने ही घर में कैद कर लिया था और सल्फ़ास खाकर मर जाने की धमकी भी दे डाली थी , मगर दुर्भाग्य कि शासन-प्रशासन सोया रहा। </b></td></tr>
</tbody></table>
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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड के भिलाई इस्पात संयंत्र में अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे परिवार के पाँच सदस्यों ने 12 अप्रैल2011 को जहर खा लिया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई तथा एक सदस्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।<br />
राज्य के मुख्य विपक्षी दल काँग्रेस ने इस मामले की न्यायिक जाँच कराने की माँग की है।<br />
भिलाई निवासी 39 वर्षीय सुनील साहू संयंत्र की कालोनी में अपनी माँ मोहिनी साहू [65], तथा तीन बहने रेखा [40], शीला [32] और शोभा [28] के साथ रहता था। सात अप्रैल को साहू परिवार ने भिलाई इस्पात संयंत्र में अनुकंपा नियुक्ति की माँग को लेकर स्वयं को घर में बंद कर लिया था।<br />
इस घटना के बाद जब भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने परिवार से लगातार बात की तो कल को परिवार ने घर से बाहर आने की बात मान ली थी, लेकिन आज सुबह परिवार के सदस्यों ने जहर खा लिया।<br />
कुमार ने बताया कि परिवार के जहर खाने के बाद सुनील ने इसकी जानकारी जब अपने पड़ोसियों को दी तो उन्होंने पुलिस की मदद ली। पुलिस ने परिवार के सदस्यों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक साहू की माँ मोहिनी साहू तथा तीनों बहनें रेखा, शीला और शोभा की मृत्यु हो गई थी। साहू अस्पताल में भर्ती है, जहाँ उसकी हालत स्थिर है। कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।<br />
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि सुनील के पिता एमएल साहू भिलाई इस्पात संयंत्र में अधिकारी थे तथा दिसंबर 1994 में एक रेल दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से वह संयंत्र में अनुकंपा नियुक्ति की माँग की थी।<b> <span class="Apple-style-span" style="font-family: mangal, raghu8; font-size: 14px; line-height: 23px;">मृत मोहिनीदेवी के पति एम.एल. साहू बीएसपी के औद्योगिक सम्बंध (आईआर) विभाग में डिप्टी मैनेजर थे। उनका शव 4 दिसम्बर 1994 को रेलवे पटरी पर संदिग्ध हालत में पाया गया था। परिजनों ने घटना में बीएसपी के ही कुछ कर्मियों पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की थी। </span><span class="Apple-style-span" style="font-family: mangal, raghu8; font-size: 14px; line-height: 23px;">पुलिस ने घटना में आत्महत्या का मामला दर्ज किया था। इस आधार पर प्रबंधन ने अनुकम्पा नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था। एम.एल. साहू की मौत के बाद भी परिवार बीएसपी क्वार्टर में रह रहा था। गुरूवार 7 अप्रैल को कब्जा खाली कराने के लिए चल रहे अभियान के दौरान उनके घर की बिजली सप्लाई रोक दी गई। अनुकम्पा नियुक्ति व आवास आवंटन की मांग को लेकर शुक्रवार को परिवार ने खुद को मकान में बंधक बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया था।</span></b><br />
इस दौरान सुनील का परिवार संयंत्र की कालोनी में ही रह रहा था। गत दिनों जब संयंत्र प्रबंधन ने मकान खाली करने के लिए सुनील को नोटिस दिया तो उसके परिवार ने अनशन शुरू कर दिया और स्वयं को मकान में बंद कर लिया। ।<br />
इस मामले में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने अब इस घटना के बाद इसे दुखद बताते हुए कहा कि प्रबंधन ने सुनील के प्रकरण पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा दिलाया था।<br />
सवाल यह है कि यदि भरोसा दिलाने में प्रबंधन कामयाब रहता तो साहू परिवार सल्फ़ास जैसा जहर खा कर आत्म हत्या क्यों करता ???<br />
भिलाई इस्पात संयत्र के उपमहाप्रबंधक जनसंपर्क एसपीएस जग्गी ने बताया कि कल सोमवार को बीएसपी प्रबंधन के उप महाप्रबंधक [औद्योगिक संबंध] एके कायल, एसडीएम सिद्धार्थ दास तथा सीएसपी राकेश भट्ट ने सुनील से उनके निवास पर मिलकर चर्चा की थी।<br />
चर्चा के दौरान सुनील को बताया गया था कि उनके प्रकरण में मानवीय आधार पर सहानुभूतिपूर्वक पुन: विचार किया जाएगा। इससे पहले समय समय पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने उससे चर्चा कर उसे पूरी सहायता करने का आश्वासन दिया था। कल प्रबंधन के कुछ अधिकारियों से चर्चा के बाद सुनील ने कहा था कि आज 12 अप्रैल को सुबह 11 बजे बाहर आकर सामान्य स्थिति बहाल करेगा ।<br />
यह सारा नाटक आत्महत्या की इस बड़ी घटना के बाद महज अखबार बाजी करने की औपचारिता मात्र प्रतीत होती है ।सच्चाई यह है कि प्रबंधन से विगत 17वर्षों से प्रताड़ित साहू परिवार सामूहिक आत्महत्या करने को मजबूर हो गया और इस घटना को नया मोड़ देने भिलाई का प्रबंधन अब एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है , जिसमें उसके "पेड" लोग काफ़ी सक्रिय गेखे जा रहे हैं ।<br />
इधर, इस घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल काँग्रेस ने इसके लिए रमन सरकार और भिलाई इस्पात संयंत्र को आड़े हाथों लेते हुए इस मामले की न्यायिक जाँच की माँग की है।<br />
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा है कि सुनील का परिवार पिछले 17 सालों से अनुकंपा नियुक्ति के लिए लड़ रहा है। यदि इस मामले की न्यायिक जाँच कराई जाएगी तो ही इस घटना के दोषियों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।<br />
जोगी ने कहा है कि राज्य में युवक नौकरी को लेकर आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार इस मामले में असंवेदनशील है। सरकार इस मामले की न्यायिक जाँच की घोषणा करे तथा दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करे। भिलाई स्टील प्लांट में छोटे कर्मचारियों - अधिकारियों को , उनके परिजनों को , प्रबंधन के द्वारा सताये जाने के तमाम मामले वर्षों से देखे - सुने जा रहे हैं , जो बाद में स्थिति बिगड़ने के बाद मीड़िया और चंद नेताओं के जेबें गरम होते ही शांत कर दिये जाते हैं , इसमें भी यही होना है । <br />
राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने जताया शोक<br />
राज्यपाल शेखर दत्त ने इस घटना को स्तब्ध कर देने वाली त्रासदपूर्ण बताते हुए गहरा शोक प्रकट किया और उन्होंने परिवार के एकमात्र बचे सदस्य के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना ईश्वर से की है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी घटना को अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यजनक बताया है और पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है। उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया है और दुर्ग कलेक्टर को जांच करने तथा जल्द अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने परिवार के बेरोजगार युवा सदस्य द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र से अनुकम्पा नियुक्ति की मांग किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय इस्पात प्राधिकरण और संयंत्र प्रबंधन को इस पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार करते हुए गंभीरता और तत्परता से ध्यान देना चाहिए था।</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-79656607403202494342011-04-12T15:23:00.001+05:302011-04-12T15:25:11.874+05:30जलियांवाला बाग और शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1Nek2K8Y3Aqrg_XO3lKyQHM56KNLNSNG3co68DgdszlFDPpsFrSn48z6uy19gM79i5yxBuhcMRLNiosCc17YOl9kGnaI5UxZmCI0tytA9W4P7ZbaEMDm1HtpVHuIld2LDtkZnbQikNdAI/s1600/jaliyavala+bag1.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="309" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1Nek2K8Y3Aqrg_XO3lKyQHM56KNLNSNG3co68DgdszlFDPpsFrSn48z6uy19gM79i5yxBuhcMRLNiosCc17YOl9kGnaI5UxZmCI0tytA9W4P7ZbaEMDm1HtpVHuIld2LDtkZnbQikNdAI/s400/jaliyavala+bag1.jpg" width="400" /></a></div>
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<b>जलियांवाला बाग </b>अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास का एक बगीचा है जहाँ <b>13 अप्रैल 1919 </b>को ब्रिगेडियर <b>जनरल रेजीनॉल्ड डायर</b> के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हज़ारों लोगों को घायल कर दिया था। यदि किसी एक घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था तो वह घटना यह जधन्य हत्याकाण्ड ही था। इस हत्याकांड ने तब 12 वर्ष की उम्र के भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। इसकी सूचना मिलते ही भगत सिंह अपने स्कूल से १२ मील पैदल चलकर जालियावाला बाग पहुंच गए थे।<b>बैसाखी के दिन</b> 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा रखी गई, जिसमें कुछ नेता भाषण देने वाले थे। शहर में कर्फ्यू लगा हुआ था, फिर भी इसमें सैंकड़ों लोग ऐसे भी थे, जो बैसाखी के मौके पर परिवार के साथ मेला देखने और शहर घूमने आए थे और सभा की खबर सुन कर वहां जा पहुंचे थे। जब नेता बाग में पड़ी रोड़ियों के ढेर पर खड़े हो कर भाषण दे रहे थे, तभी ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर 90 ब्रिटिश सैनिकों को लेकर वहां पहुँच गया। उन सब के हाथों में भरी हुई राइफलें थीं। नेताओं ने सैनिकों को देखा, तो उन्होंने वहां मौजूद लोगों से शांत बैठे रहने के लिए कहा।सैनिकों ने बाग को घेर कर बिना कोई चेतावनी दिए निहत्थे लोगों पर गोलियाँ चलानी शुरु कर दीं। <b>10 मिनट में कुल 1650 राउंड गोलियां चलाई गईं</b>। जलियांवाला बाग उस समय मकानों के पीछे पड़ा एक खाली मैदान था। वहां तक जाने या बाहर निकलने के लिए केवल एक संकरा रास्ता था और चारों ओर मकान थे। भागने का कोई रास्ता नहीं था। कुछ लोग जान बचाने के लिए मैदान में मौजूद एकमात्र कुएं में कूद गए, पर देखते ही देखते वह कुआं भी लाशों से पट गया।<br />
बाद को उस कुएं में से 120 लाशें निकाली गईं। शहर में कर्फ्यू लगा था जिससे घायलों को इलाज के लिए भी कहीं ले जाया नहीं जा सका। लोगों ने तड़प-तड़प कर वहीं दम तोड़ दिया। अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में 484 शहीदों की सूची है, जबकि जलियांवाला बाग में कुल 388 शहीदों की सूची है। ब्रिटिश राज के अभिलेख इस घटना में 200 लोगों के घायल होने और 379 लोगों के शहीद होने की बात स्वीकार करते है जिनमें से 337 पुरुष, 41 नाबालिग लड़के और एक 6-सप्ताह का बच्चा था। अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार 1000 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए।मुख्यालय वापस पहुँच कर ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को टेलीग्राम किया कि उस पर भारतीयों की एक फ़ौज ने हमला किया था जिससे बचने के लिए उसको गोलियाँ चलानी पड़ी। ब्रिटिश लेफ़्टिनेण्ट गवर्नर मायकल ओ डायर ने इसके उत्तर में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर को टेलीग्राम किया कि तुमने सही कदम उठाया। मैं तुम्हारे निर्णय को अनुमोदित करता हूँ। फिर ब्रिटिश लेफ़्टिनेण्ट गवर्नर मायकल ओ डायर ने अमृतसर और अन्य क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने की माँग की जिसे वायसरॉय लॉर्ड चेम्सफ़ोर्ड नें स्वीकृत कर दिया।इस हत्याकाण्ड की विश्वव्यापी निंदा हुई जिसके दबाव में भारत के लिए सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट एडविन मॉण्टेगू ने 1919 के अंत में इसकी जाँच के लिए हंटर कमीशन नियुक्त किया। कमीशन के सामने ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने स्वीकार किया कि वह गोली चला कर लोगों को मार देने का निर्णय पहले से ही ले कर वहाँ गया था और वह उन लोगों पर चलाने के लिए दो तोपें भी ले गया था जो कि उस संकरे रास्ते से नहीं जा पाई थीं। हंटर कमीशन की रिपोर्ट आने पर 1920 में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर को पदावनत कर के कर्नल बना दिया गया और अक्रिय सूचि में रख दिया गया। उसे भारत में पोस्ट न देने का निर्णय लिया गया और उसे स्वास्थ्य कारणों से ब्रिटेन वापस भेज दिया गया। हाउस ऑफ़ कॉमन्स ने उसका निंदा प्रस्ताव पारित किया परंतु हाउस ऑफ़ लॉर्ड ने इस हत्याकाण्ड की प्रशंसा करते हुये उसका प्रशस्ति प्रस्ताव पारित किया। विश्वव्यापी निंदा के दबाव में बाद को ब्रिटिश सरकार ने उसका निंदा प्रस्ताव पारित किया और 1920 में ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर को इस्तीफ़ा देना पड़ा।<br />
1927 में प्राकृतिक कारणों से उसकी मृत्यु हुई।<br />
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhQf3CO-FR60JA8UyZNBzfZw-_szYZh4CO5SWvX59M-yaIM5U031fOibo7Kxa_QiJDyWochd6LxzYJLiLO26o0c3q5EYsXDo0Ar1FZPbQkFulBq9b53Fc0YGO0TKiKhct_6KlNBLEUloAVH/s1600/jaliyavala+bag+final.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="228" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhQf3CO-FR60JA8UyZNBzfZw-_szYZh4CO5SWvX59M-yaIM5U031fOibo7Kxa_QiJDyWochd6LxzYJLiLO26o0c3q5EYsXDo0Ar1FZPbQkFulBq9b53Fc0YGO0TKiKhct_6KlNBLEUloAVH/s320/jaliyavala+bag+final.jpg" width="320" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">स्मारक : शहीदों की स्मृति को संजोकर रखने के लिए</td></tr>
</tbody></table>
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<b>शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह .... शहीद राम मोहम्मद सिंह आजाद </b><br />
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भारत की आज़ादी की लड़ाई में पंजाब के प्रमुख क्रान्तिकारी सरदार उधम सिंह का नाम अमर है। आम धारणा है कि उन्होने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी जनरल डायर को लन्दन में जाकर गोली मारी और निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लिया, लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उन्होंने माइकल ओडवायर को मारा था, जो जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर थे। ओडवायर जहां उधम सिंह की गोली से मरा, वहीं जनरल डायर कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होकर मरा।<br />
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<b>जीवन वृत्त</b><br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgHzfemUPEpKuBApsNBvJhgzkF1Br2-YecgfgMWtC-h7x-i83kohXLeu_Hhnm4SCqoXlgm0v8ZgYe9qVW5wMJzYk7Zqfe-c2FGbt6JGOG_NGIjTeLsnWft3nsPANmq2fKzbkfk7N5-iG9yy/s1600/images+%252855%2529.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgHzfemUPEpKuBApsNBvJhgzkF1Br2-YecgfgMWtC-h7x-i83kohXLeu_Hhnm4SCqoXlgm0v8ZgYe9qVW5wMJzYk7Zqfe-c2FGbt6JGOG_NGIjTeLsnWft3nsPANmq2fKzbkfk7N5-iG9yy/s1600/images+%252855%2529.jpg" /></a><br />
<b>उधम सिंह</b> का जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में हुआ था। सन 1901 में उधमसिंह की माता और 1907 में उनके पिता का निधन हो गया। इस घटना के चलते उन्हें अपने बड़े भाई के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में शरण लेनी पड़ी। उधमसिंह का बचपन का नाम शेर सिंह और उनके भाई का नाम मुक्तासिंह था जिन्हें अनाथालय में क्रमश: उधमसिंह और साधुसिंह के रूप में नए नाम मिले। इतिहासकार मालती मलिक के अनुसार उधमसिंह देश में सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे और इसीलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था जो भारत के तीन प्रमुख धर्मों का प्रतीक है।<br />
अनाथालय में उधमसिंह की जिन्दगी चल ही रही थी कि 1917 में उनके बड़े भाई का भी देहांत हो गया। वह पूरी तरह अनाथ हो गए। 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया और क्रांतिकारियों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में शमिल हो गए। उधमसिंह अनाथ हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद वह विचलित नहीं हुए और देश की आजादी तथा डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहे । उधमसिंह 13 अप्रैल, 1919 को घटित जालियाँवाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे। राजनीतिक कारणों से जलियाँवाला बाग में मारे गए लोगों की सही संख्या कभी सामने नहीं आ पाई। इस घटना से वीर उधमसिंह तिलमिला गए और उन्होंने जलियाँवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर माइकल ओ डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली। अपने मिशन को अंजाम देने के लिए उधम सिंह ने विभिन्न नामों से अफ्रीका, नैरोबी, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा की। सन् 1934 में उधम सिंह लंदन पहुंचे और वहां 9, एल्डर स्ट्रीट कमर्शियल रोड पर रहने लगे। वहां उन्होंने यात्रा के उद्देश्य से एक कार खरीदी और साथ में अपना मिशन पूरा करने के लिए छह गोलियों वाली एक रिवाल्वर भी खरीद ली। भारत का यह वीर क्रांतिकारी माइकल ओ डायर को ठिकाने लगाने के लिए उचित वक्त का इंतजार करने लगा।उधम सिंह को अपने सैकड़ों भाई-बहनों की मौत का बदला लेने का मौका 1940 में मिला। जलियांवाला बाग हत्याकांड के 21 साल बाद 13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी जहां माइकल ओ डायर भी वक्ताओं में से एक था। उधम सिंह उस दिन समय से ही बैठक स्थल पर पहुंच गए। अपनी रिवॉल्वर उन्होंने एक मोटी किताब में छिपा ली। इसके लिए उन्होंने किताब के पृष्ठों को रिवॉल्वर के आकार में उस तरह से काट लिया था, जिससे डायर की जान लेने वाला हथियार आसानी से छिपाया जा सके ।बैठक के बाद दीवार के पीछे से मोर्चा संभालते हुए उधम सिंह ने माइकल ओ डायर पर गोलियां दाग दीं। दो गोलियां माइकल ओ डायर को लगीं जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई। उधमसिंह ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर दुनिया को संदेश दिया कि अत्याचारियों को भारतीय वीर कभी बख्शा<br />
नहीं करते। उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी। उन पर मुकदमा चला। अदालत में जब उनसे पूछा गया कि वह डायर के अन्य साथियों को भी मार सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया। उधम सिंह ने जवाब दिया कि वहां पर कई महिलाएं भी थीं और भारतीय संस्कृति में महिलाओं पर हमला करना पाप है।4 जून, 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई। इस तरह यह क्रांतिकारी भारतीय स्वाधीनता संग्राम के<br />
इतिहास में अमर हो गया। 1974 में ब्रिटेन ने उनका अस्थि कलश भारत को सौंप दिया।<br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: red;">शहीद उधम सिंह को कोटि कोटि नमन …।</span></b><br />
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</div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-45827752602083979912011-04-09T11:31:00.000+05:302011-04-09T11:31:09.136+05:30भ्रष्टाचार के खिलाफ़ पहली जीत हुई दर्ज … बधाई<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCGRVWjSg36NWS7VcPM3sYDdmjm-F5yrkXjyc3FFIYBf9TLD04m0UTtkpb3YFZMnypNqfE_PQ6tTqg0FPAk0hh6sYIAgpVLDXc7rv-kPYeLKP_5oZypgjCxFG1lgp8Jwh4gRNBwVb9o6Dx/s1600/anna+breaks+fast.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCGRVWjSg36NWS7VcPM3sYDdmjm-F5yrkXjyc3FFIYBf9TLD04m0UTtkpb3YFZMnypNqfE_PQ6tTqg0FPAk0hh6sYIAgpVLDXc7rv-kPYeLKP_5oZypgjCxFG1lgp8Jwh4gRNBwVb9o6Dx/s1600/anna+breaks+fast.jpg" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">नन्ही बच्ची के हाँथों नींबू का रस पीकर अन्ना ने तोड़ा अनशन</td></tr>
</tbody></table>
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;">भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे का 97 घंटे से अधिक का उपवास खत्म हो गया है। जन लोकपाल बिल को लेकर सरकार की ओर से सभी मांगें माने जाने के बाद अन्ना ने शनिवार को आमरण अनशन खत्म कर दिया।<br /><br />सुबह साढ़े दस बजे जंतर मंतर स्थित मंच पर पहुंचे अन्ना ने सबसे पहले 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाए। वहां मौजूद बड़ी संख्या में लोगों ने भी अन्ना के सुर में सुर मिलाए। अन्ना ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'आज हमारी जो जीत हुई, आपके चलते हुई। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई। हम मिलते रहेंगे।' अन्ना और उनके समर्थकों ने इसे जनता की जीत करार दिया है।<br /><br />अन्ना ने धरना स्थल पर अनशन पर बैठे अन्य लोगों को पहले जूस पिलाया, इसके बाद खुद एक बच्ची के हाथों जूस पीकर अपना उपवास तोड़ा। अन्ना के उपवास तोड़ने के साथ ही धरना स्थल पर जश्न का माहौल है। बीच-बीच में ‘अन्ना हजारे जिंदाबाद’ , ‘अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे सुनाई दे रहे हैं। मंच पर मौजूद कई कलाकारों ने गीत-संगीत के रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।<br />इससे पहले सरकार ने आज सुबह साढे नौ बजे के करीब जन लोकपाल बिल से जुड़े सरकारी आदेश की कॉपी स्वामी अग्निवेश को सौंप दी। अग्निवेश इस कॉपी को लेकर जंतर मंतर पहुंचे और वहां मंच से इसकी कॉपी की प्रति पूरे देश को दिखाई गई। किरण बेदी ने इसे 'आत्म सम्मान' की जीत करार दिया है।<br /><br />हजारे ने जन लोकपाल बिल के लिए गत मंगलवार को आमरण अनशन शुरू किया था। उसके बाद लगातार उनके साथ लोग जुड़ते गए। धीरे-धीरे भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में गुस्सा भी बढ़ रहा था। इसे देखते हुए शुकवार रात सरकार ने घुटने टेक दिए। सरकार बिल के मसौदा प्रस्ताव के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाने पर राजी हो गई। इसके बाद अन्ना ने ऐलान किया कि जनता की जीत हुई है और अब वह अनशन तोड़ देंगे।<br /><br />दोनों पक्षों में बातचीत के बाद शुक्रवार देर रात समझौता हुआ। सरकार के प्रमुख वार्ताकार कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लोकपाल बिल पर तुरंत काम शुरू करेंगे। हमें हर हाल में 30 जून से पहले ड्राफ्ट तैयार कर लेना है। इससे इसे मानसून सत्र में संसद में पेश करना मुमकिन होगा। हजारे ने इस कामयाबी को पूरे देश की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं।<br /><br /><b>सरकार झुकी</b><br /><br />हजारे समर्थक किरण बेदी और स्वामी अग्निवेश ने साफ किया था कि जब तक सरकार बिल की मसौदा समिति के गठन का औपचारिक आदेश जारी नहीं करेगी तब तक अनशन खत्म नहीं किया जाएगा। इसके बाद सिब्बल को कहना पड़ा कि सरकार आदेश जारी करने पर भी राजी है।<br /><br /><b>मसौदा समिति के सदस्य</b><br />सरकार की ओर से : प्रणब मुखर्जी (अध्यक्ष), सदस्य- केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम तथा सलमान खुर्शीद।<br /><br />सिविल सोसाइटी की ओर से : शांति भूषण (सह-अध्यक्ष), सदस्य- प्रशांत भूषण, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज संतोष हेगड़े, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल तथा अन्ना हजारे।<br /><br /><b>आगे क्या?</b><br /><br />- बिल बनने और संसद में पेश करने की राह खुलेगी।<br /><br /><b>प्रधानमंत्री, सोनिया को पत्र</b><br /><br />- हजारे ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि जारी होने वाली अधिसूचना में इसके अध्यक्ष व सदस्यों के नाम, समय-सीमा तथा शर्तो का जिक्र हो।<br /><br />- हजारे ने याद दिलाया कि सरकार संयुक्त मसौदा समिति पर राजी हुई है जिसमें 50 फीसदी सदस्य गैर-सरकारी होंगे।<br /><br />- सोनिया ने हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की थी। इस पर हजारे ने सोनिया को लिखे पत्र में याद दिलाई है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उप समिति जन लोकपाल बिल के व्यापक मसौदे पर राजी थी।<br /><br />- उन्होंने सोनिया से परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा का आश्वासन भी मांगा।<br /><br /><b>ये मांगें मानीं</b><br /><br />समिति में सामाजिक संगठनों और सरकार के पांच-पांच प्रतिनिधि हों। बिल बनाने का काम तुरंत शुरू हो। संसद के मानसून सत्र में इसे पेश किया जाए।<br /><br /><b>दो मुद्दों पर गतिरोध</b><br /><br />लेकिन समिति के अध्यक्ष पद पर सरकार वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को रखने पर अड़ी दिखी। लेकिन हजारे इस पर किसी रिटायर्ड जज की नियुक्ति चाहते थे। फिर हजारे ने समिति के गठन संबंधी अधिसूचना जारी करने की भी मांग रखी। लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया।<br /><br /><b>ऐसे बनी रजामंदी</b><br /><br />बाद में हजारे ने अपने रुख में नरमी दिखाते हुए कहा कि सरकार भले ही समिति के अध्यक्ष का पद अपने पास रख ले। लेकिन सह-अध्यक्ष हमारा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समिति में कोई दागी मंत्री नहीं होना चाहिए।<br /><br /><b>बीच का रास्ता निकाला</b><br /><br />हजारे ने कहा, यदि अध्यक्ष हमारा होगा तो सरकार को कठिनाई होगी। लेकिन यदि कोई मंत्री अध्यक्ष बनेगा तो कैबिनेट को उसकी सिफारिशें मंजूर करनी होंगी। अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष के अधिकारों में कोई अंतर नहीं होगा।</span></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-17472519841258103132011-04-05T11:48:00.011+05:302011-04-08T11:28:38.239+05:30जानिए क्या है "जन लोकपाल बिल"<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi97l3X6KdTW70v2ee8W6vUql03iPiO-fkl1z6KelasIpFpdvWmVUqWY_ISIZcJ22nNgytvGksPTdUiVTCtDzDQanyEfSps6uYSOS4BqcAnkOC8urDvl9Nb8m3hy4JQCrHtnlcDo0g39U5e/s1600/lokpal+1.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="160" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi97l3X6KdTW70v2ee8W6vUql03iPiO-fkl1z6KelasIpFpdvWmVUqWY_ISIZcJ22nNgytvGksPTdUiVTCtDzDQanyEfSps6uYSOS4BqcAnkOC8urDvl9Nb8m3hy4JQCrHtnlcDo0g39U5e/s320/lokpal+1.jpg" width="320" /></a></div>
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कुछ अवगत नागरिकों द्वारा शुरू की गई एक पहल का नाम है जन लोकपाल बिल। इस कानून के अंतर्गत, केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तक् का गठन होगा। जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगों के द्वारा वेबसाइट पर दी गयी प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। यह संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी। कोई भी नेता या सरकारी आधिकारी जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा। इस बिल को भारी समर्थन प्राप्त हुआ है। शांति भूषण, जे. एम. लिंगदोह, किरण बेदी, अन्ना हजारे आदि इसके समर्थन में हैं।<br />
लोकपाल बिल की मांग है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई भी मामले की जांच एक साल के भीतर पूरी की जाये। प्ररिक्षण एक साल के अन्दर पूरा होगा और दो साल के अन्दर अन्दर भ्रष्ट नेता व आधिकारियो को सजा सुनाई जायेगी । इसी के साथ ही भ्रष्टाचारियों का अपराध सिद्ध होते ही सरकार को हुए घाटे की वसूली की जाये। यह बिल एक आम नागरिक के लिए मददगार साबित होगा, क्योंकि यदि किसी नागरिक का काम तयशुदा समय सीमा में नहीं होता है तो लोकपाल बिल की मदद से दोषी अफसर पर जुर्माना लागायेगा और वह जुर्माना<br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgtWu0zPjkdH-c44QLaPZIlVa8eKXV0qtySdzsVmdfWIduoJnDgAlcgUFgiOF1GYPuAHIXFJ4Iy7RJZOb1hfJsmBvkluC89oYPYlwOnGdxrN1nAkbXIxG2P678iAoNSrgc7CU-eUDMBjlgM/s1600/lokpal+paper+cuting.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="148" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgtWu0zPjkdH-c44QLaPZIlVa8eKXV0qtySdzsVmdfWIduoJnDgAlcgUFgiOF1GYPuAHIXFJ4Iy7RJZOb1hfJsmBvkluC89oYPYlwOnGdxrN1nAkbXIxG2P678iAoNSrgc7CU-eUDMBjlgM/s200/lokpal+paper+cuting.jpg" width="200" /></a></div>
शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में मिलेगा। इसी के साथ अगर आपका राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि तय समय के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकते है। आप किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते है जैसे की सरकारी राशन में काली बाजारी, सड़क बनाने में गुणवत्ता की अनदेखी या पंचायत निधि का दुरूपयोग। और इसी तरह के जन हित के तमाम अन्य मामले ।लोकपाल के सदस्यों का चयन जजों, नागरिको और संवैधानिक संस्थायों द्वारा किया जायेगा। इसमें कोई भी नेता की कोई भागे दारी नहीं होगी। इनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से, जनता की भागीदारी से होगी। सीवीसी, विजिलेंस विभाग, सी.बी.आई.का भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (ऐन्टी करप्शन डिपार्ट्मन्ट) का लोकपाल में विलय कर दिया जायेगा। लोकपाल को किसी जज, नेता या अफसर के खिलाफ जांच करने व मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति और व्यवस्था होगी।इस बिल के प्रति प्रधानमंत्री एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियो को 01 दिसम्बर 2010 को भेजा<br />
गया था, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. इस मुहीम के बारे में आप ज्यादा जानकारी के लिए www.indiaagainstcorruption.org पर जा सकते है. इस तरह की पहल से समाज में ना सिर्फ एक उम्दा सन्देश जाएगा बल्कि, एक आम नागरिक का समाज के नियमों पर विश्वास भी बढेगा। हर सरकार जनता को जवाबदेह है और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाना हर नागरिक का हक है।<br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZJV3LxZmHIOUirEzSOip3lXlgXuiAA9hdB4cwEEP0Njqq2liLbzF8rZikijr-PE5u2EjkxQXM83U77JOjtGzv6eVvAyAIO3NFeka7sHHKPwZ64kquhPO3zFoD6XRjhEtFB1g1s6mXSseY/s1600/anna+collas.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="179" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhZJV3LxZmHIOUirEzSOip3lXlgXuiAA9hdB4cwEEP0Njqq2liLbzF8rZikijr-PE5u2EjkxQXM83U77JOjtGzv6eVvAyAIO3NFeka7sHHKPwZ64kquhPO3zFoD6XRjhEtFB1g1s6mXSseY/s320/anna+collas.jpg" width="320" /></a></div>
बीते 40 सालों से यह बिल देश के नेताओं ने रोक रखा है , डरते हैं कि कहीं जनता का बनाया यह बिल उन भ्रष्ट नेताओं को सलाखों के पीछे न भेज दे ।<br />
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इसी जन लोकपाल बिल को देश में लागू करने की मांग को लेकर जनप्रिय समाजसेवक अन्ना हजारे नईदिल्ली में जंतर- मंतर के सामने आज 05 अप्रैल 2011 से आमरण अनशन पर बैठ गये हैं । इसे भष्टाचार के खिलाफ़ अब तक की सबसे बड़ी जंग माना जा रहा है । <span class="Apple-style-span" style="font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 16px;"> अन्ना हजारे चाहते हैं कि सरकार लोकपाल बिल तुरंत लाए, लोकपाल की सिफारिशें अनिवार्य तौर पर लागू हों और लोकपाल को जजों, सांसदों, विधायकों आदि पर भी मुकदमा चलाने का अधिकार हो। लेकिन सरकार इन खास मुद्दों बहस और चर्चा की जरूरत मान रही है। </span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8;"><span id="advenueINTEXT" name="advenueINTEXT"></span></span><br />
<div class="storydiv" id="storydiv">
<div class="Normal" style="margin-bottom: 0.0001pt; margin-left: 0in; margin-right: 0in; margin-top: 0in;">
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सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में हजारे ने आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, 'चूंकि प्रधानमंत्री ने लोकपाल बिल का स्वरूप तय करने के लिए नागरिक समाज के लोगों के साथ एक संयुक्त समिति गठित किए जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा। यदि इस दौरान मेरी जिंदगी भी कुर्बान हो जाए तो मुझे इसका अफसोस नहीं होगा। मेरा जीवन राष्ट्र को समर्पित है।'</div>
<div style="color: black; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 16px;">
हजारे मंगलवार सुबह नौ बजे राजघाट गए और उसके बाद उन्होंने इंडिया गेट से जंतर-मंतर का रुख किया। जंतर-मंतर पर उन्होंने अपना उपवास शुरू किया।</div>
<div style="color: black; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 16px;">
अन्ना हजारे, स्वामी रामदेव, स्वामी अग्निवेश, किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल आदि ने दिसंबर में प्राइम मिनिस्टर को पत्र लिखा था। पिछले महीने हजारे अपने साथियों के साथ पीएम, कानून मंत्री और कई बड़े अफसरों से मिले भी थे। पीएम ने उन्हें लोकपाल बिल पर समुचित कदम उठाने का भरोसा दिया था। एक कमेटी बनाने की बात भी की थी।</div>
<div style="color: black; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 16px;">
हजारे चाहते हैं कि उन्होंने लोकपाल बिल का जो ड्राफ्ट सरकार को दिया है, उसे उसी रूप में स्वीकार कर लिया जाए। लेकिन कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े, वकील प्रशांत भूषण और एक्टिविस्ट अरविंद केजरीवाल द्वारा तैयार इस ड्राफ्ट को मानने से पहले सरकार इस पर विचार-विमर्श करना चाहती है ।</div>
<div style="color: black; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 16px;">
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<b> आजादी की दूसरी लड़ाई… तैयार हो भाई !!!</b> <br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj6otzSmYHlxVpNNLq_4JY-GgN-SetAMx22H-e3rmu03B59On74pCjPaCOrBkDnO-2ofhJzLaUT4MihRlOuC-lpP4mDOVMG27o6x2bePN9UnjZ232Y_4dMu1VXPZa8RjsauPAjZ9C506qa6/s1600/Anna_HAZARE+%2526+gandhi+ji.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj6otzSmYHlxVpNNLq_4JY-GgN-SetAMx22H-e3rmu03B59On74pCjPaCOrBkDnO-2ofhJzLaUT4MihRlOuC-lpP4mDOVMG27o6x2bePN9UnjZ232Y_4dMu1VXPZa8RjsauPAjZ9C506qa6/s1600/Anna_HAZARE+%2526+gandhi+ji.jpg" /></a></div>
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अजादी की दूसरी लड़ाई लड़ी जा रही है । यह लड़ाई अब उन अपनों से है जिन्हें हमने भरोसे के साथ सत्ता पर बिठाया । इस भरोसे के साथ कि भारत को सोने की चिड़िया माना गया , तुम सब इसकी हिफ़ाजत करना , इसे स्वस्थ - तंदरुस्त - मजबूत रखना और आगे बढ़ाते रहना । लेकिन हमारे अपनों ने हमसे ही बेईमानी की , सोने की चिड़िया को सम्हालना छोड़ उसके सारे पंख ही भ्रष्टाचार की हमलावर - आक्रामक ऊंगलियों से नोच डाले । बेहद शर्मनाक काम किया , इतना ही नहीं इससे भी ज्यादा शर्मनाक काम तो वह किया कि देश की जनता को "बाहरी लोग" कह डाला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने । अर्थात सत्ता और उस बैठे नेता-अफ़सर अंदर के शेष देश बाहरी हो गया , ऐसी घिनौनी सोच तो अंग्रेजों की भी नहीं थी , जो विशुद्ध रूप से लूटने ही आये थे भारत को ! समय है एक जुट हो कर हम सब को , सारे देश को सड़क पर उतर कर भ्रट आचरण करने वालों को नेस्तनाबूत करने की । अपने देश को बचाने की । अन्ना हजारे एक ऐसे अखण्ड दीप क नाम है जो एक पवित्र उद्देश्य के लिए प्रज्जवलित हुआ है एक - एक दीप हमें भी बनना होगा तभी मिटेगा हमारे घर का अंधियारा , और तभी जगमगा उठेगा हमारा घर । लेकिन हमें अपने अपने घरों - दफ़्तरों - दुकानों से निकल कर सड़क पर आना होगा - आंदोलन में अपनी जीवंत भूमिका का निर्वाह कर होगा । यह ज्यादा जरूरी है । जय हिन्द - जय भारत ।<br />
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<b>- आशुतोष मिश्र , रायपुर , छत्तीसगढ़ । संपर्क - 094242 02729</b>. <br />
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEifZe-j0fH6nGA2DRYD8m4gOm6dgq7KUr7-LB0cJCy_E1M2jyKh7g5KEDMDPgMm6cWTl0opUDjBAjQbhE7ORqzowF4Z0ds8U8_n3jS13YADqFVblmNfEaRy52FKF6UoVVRmJQQ7mpLP2kiK/s1600/ANNA_HAZARE_5791e-284x300.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEifZe-j0fH6nGA2DRYD8m4gOm6dgq7KUr7-LB0cJCy_E1M2jyKh7g5KEDMDPgMm6cWTl0opUDjBAjQbhE7ORqzowF4Z0ds8U8_n3jS13YADqFVblmNfEaRy52FKF6UoVVRmJQQ7mpLP2kiK/s1600/ANNA_HAZARE_5791e-284x300.jpg" /></a></div>
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कौन हैं अन्ना हजारे …</div>
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अन्ना हजारे का वास्तविक नाम किसन बाबूराव हजारे है। 15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में जन्मे अन्ना हजारे का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे, दादा फौज में थे। दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी। अन्ना के पुश्तैनी गांव अहमद नगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया. अन्ना के 6 भाई हैं।</div>
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परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिया।</div>
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छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए. उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई. यहीं पाकिस्तानी हमले में वह मौत को धता बता कर बचे थे। इसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक पुस्तक 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने गांधी और विनोबा को भी पढ़ा।</div>
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<span class="Apple-style-span" style="font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8;"><span id="advenueINTEXT" name="advenueINTEXT">
</span></span></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-33630685717754271782011-04-04T11:43:00.011+05:302011-04-04T12:15:58.757+05:30सार्थक बनाएं माँ की आराधना<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhqyP2eSupDDVQx_CjJ6ndqTKkrdE7cYXGXwGknBZBHD_8XUYdFNbcg0GF4pWooaGEhKdH-Zxdga_ajUviAFVW2O_HCABBmZvs2PvmGAOw-B5EhAfRPpFSK6RpVnS_qEvjLuDlljJBuPsRV/s1600/%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2581+%25E0%25A4%25AC%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%259F%25E0%25A5%2580.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhqyP2eSupDDVQx_CjJ6ndqTKkrdE7cYXGXwGknBZBHD_8XUYdFNbcg0GF4pWooaGEhKdH-Zxdga_ajUviAFVW2O_HCABBmZvs2PvmGAOw-B5EhAfRPpFSK6RpVnS_qEvjLuDlljJBuPsRV/s320/%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2581+%25E0%25A4%25AC%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%259F%25E0%25A5%2580.jpg" width="320" /></a></div>
नवरात्रि के परम पावन अवसर पर हम सभी माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना में सतत लीन रहते हैं , प्रार्थना है माँ सभी की मंगल कामनाएं पूर्ण करें । साथ बेटी स्वरूप में माँ सबके घर पधारें । कोख में आए माँ के आशीर्वाद स्वरूप रत्न " कन्या " की कोई माँ - बाप या सास - ससुर , जेठ - जेठानी , देवर - देवरानी , नंद - नंदोई कोई भी हत्या न कर पाए बल्कि ऐसी पापी सोच ही किसी के दिमाग में विकसित न हो पाए तब सार्थक होगी माँ की आराधना । <b> <span class="Apple-style-span" style="color: #274e13;">प्यार की घनी छाँव हैं ये बेटियाँ </span></b><span class="Apple-style-span" style="color: red;">- उर्मि कृष्ण</span><br />
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<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">प्यार की घनी छाँव हैं ये बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">भर देती जिंदगी के अभाव ये बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">बापू की आन में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">पति की शान में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">चाचा, ताऊ और जेठ, देवर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">के भार में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">मन के गुबार को, सद्भावना के नीचे</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">दफना रही हैं ये बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">कुल की लाज में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;">सपूतों के निर्माण में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #38761d;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">अपने अरमान को</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">मौन में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">पी रही हैं ये बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">कला की आड़ में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">सौंदर्य के गुमान में</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">रंगमंच हो या टीवी</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">बेटी हो या बीवी</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">अखबार हो या पत्रिका</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">उघाड़ी जा रही हैं ये बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">आग की आँच पर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">चौपड़ की बिसात पर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">सीता सावित्री के नाम पर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">हर युग में दाँव पर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;">लगी हैं ये बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #4c1130;"><br /></span></b><br />
<b><br /></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">तुम कुछ भी कहो</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">कुछ भी करो</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">हर युग में मिटती आई है बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">घर को सँवारती</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">जग को सुधारती</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">कभी न हारती</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">नया जन्म फिर फिर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">लेती हैं बेटियाँ</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">नया जन्म फिर फिर</span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><br /></span></b><br />
<b><span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;">देती हैं बेटियाँ ।</span></b><br />
<span class="Apple-style-span" style="color: #cc0000;"><b> </b> </span><span class="Apple-style-span" style="color: #bf9000;"> </span> </div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-1849971948681302334.post-13763640142864427402011-04-03T18:29:00.005+05:302011-04-03T18:53:20.834+05:30आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2011 - हम फ़िर बने विश्व विजेता<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjmAAzE2DEva6laSrNvBCr6NJrlyaTPIWKi7-cfIEvE8jleO183aarpJiDMx_1keuBKtzm-vaT8nAQCAE0oxx0w7exWURF1SlvLvvQeEyt97z9wFQtrqg5uvgKQzMJ9idVNKpd-kZviFuhm/s1600/Dhoni-world-cup-2011.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="227" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjmAAzE2DEva6laSrNvBCr6NJrlyaTPIWKi7-cfIEvE8jleO183aarpJiDMx_1keuBKtzm-vaT8nAQCAE0oxx0w7exWURF1SlvLvvQeEyt97z9wFQtrqg5uvgKQzMJ9idVNKpd-kZviFuhm/s400/Dhoni-world-cup-2011.jpg" width="400" /></a></div>
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<br /></div>
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<br /></div>
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;">हम फ़िर बन गये विश्व विजेता । भारत ने </span><span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;">आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2011 जीत कर </span><span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;">विश्व पटल पर</span><span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;"> देश का सिर गर्व से ऊँचा किया । यह क्रम , यह जोश और यही एकता यदि हर क्षेत्र में बन जाए तो क्या कहना है "इंडिया" का !!! बधाई टीम इंडिया को , बधाई क्रिकेट के दिवानों को , बधाई आप सभी क्रिकेट प्रेमियों को । </span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;"><br /></span><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjO1GyWhhnuS2y9rt_ZcuIJ7qvZjLBiNI2rg24kUxAZ6RCGACQ4ORfkcH7OC5XrgUBD1ktkaElmFXx9bFjuS5_XqpzSOBNDviL6XsbFCDw_3LQZSIfDf6nDZcEsXsBlG3ru_pluPmhKnvH3/s1600/winner.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="222" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjO1GyWhhnuS2y9rt_ZcuIJ7qvZjLBiNI2rg24kUxAZ6RCGACQ4ORfkcH7OC5XrgUBD1ktkaElmFXx9bFjuS5_XqpzSOBNDviL6XsbFCDw_3LQZSIfDf6nDZcEsXsBlG3ru_pluPmhKnvH3/s400/winner.jpg" width="400" /></a></div>
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;"><br /></span><br />
<span class="Apple-style-span" style="font-family: Bhaskar_WEB_Intro_Test, arial; font-size: 16px; line-height: 19px;">गौतम गंभीर (97 रन) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नाबाद अर्धशतकीय कप्तानी पारी के दम पर टीम इंडिया ने 28 साल बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक नया इतिहास रच दिया है। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2011 के खिताबी मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराने के साथ वर्ल्डकप खिताब पर भी कब्जा जमा लिया।<br /><br />ये टीम इंडिया का दूसरा वर्ल्डकप है। धोनी के धुरंधरों ने 28 साल बाद वो कर दिखाया जो 1983 में कपिल देव एंड कंपनी ने इंग्लैंड में किया था। कप्तान धोनी ने शानदार पारी खेलते हुए नाबाद 91 रन बनाए। मैच के 48.2 ओवर में धोनी ने छक्का जमाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।<br /><br />इस जीत के साथ ही टीम इंडिया का वनडे रैंकिंग में नंबर 1 बनना पक्का हो गया है।<br />भारत की इस ऐतिहासिक जीत के हीरो गौतम गम्भीर रहे जिन्होंने 97 रनों की साहसिक पारी खेली। विराट कोहली (35) के साथ तीसरे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर भारत को वीरेंद्र सहवाग (0) और सचिन तेंदुलकर (18) के आउट होने से झटके से उबारने वाले गम्भीर ने कप्तान धौनी के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रन जोड़कर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया। गम्भीर और धौनी ने विश्व कप फाइनल के इतिहास में भारत की ओर से अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया।<br /><br />गम्भीर, धौनी और कोहली की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने 275 रनों के लक्ष्य को 48.2 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया। गम्भीर ने अपनी 122 गेंदों की पारी में नौ चौके लगाए। वह जब आउट हुए थे तब भारत को जीत के लिए 53 रनों की जरूरत थी। दूसरी ओर, धौनी 91 रन बनाकर विश्व कप में एक बल्लेबाज के तौर पर अपनी अब तक की नाकामी को धो दिया। उनके साथ युवराज सिंह 21 रनों पर नाबाद रहे।</span></div>खबरों की दुनियाँhttp://www.blogger.com/profile/02650413421178799430noreply@blogger.com2