लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
मार्च 06, 2011
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बहुत ही सुंदर जानकारी जी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअब सावधान रहना होगा। उपयोगी जानकारी।
जवाब देंहटाएंकाम की जानकारी....आभार
जवाब देंहटाएंश्री भाटिया जी , त्रिपाठी जी , मोनिका शर्मा जी आपके आगमन और हौसलाफ़्जाई के लिए आभारी हूँ आप सभी का , आप सबों को कोटिशः धन्यवाद ।
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