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रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा   :  मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।

जून 13, 2010

मन्त्री जी पहुँचे अघोरी बाबा की शरण में

खबर कहीं और की नहीं बल्कि छ्त्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की है।प्रदेश के एक बहुचर्चित मन्त्री एक अघोरी बाबा जी की शरण में पिछ्ले कुछ वर्षों से पड़े हैं।मन्त्री जी चाहते हैं बाबा जी उन्हें अपने  तन्त्र के प्रभाव से छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बना दें । ये मन्त्री जी अपने धनबल और बोलीबानी की वजह से केवल राजधानी में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में  जाने-पहचाने जाते हैं ।छात्र राजनीति से मुख्यधारा में पहुंचे इन मन्त्री जी को पहले-पहल तलाश थी राजनीतिक जमीं की , जो उन्हें मुकम्मल हो गई , लेकिन अब उनके पास जमीन ही जमीन है   छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक  । बस गर कुछ नहीं है तो वो है मनचाहा पद ।धनबल पर इक्छित पद मिल नहीं पा रहा है , दिल्ली वाले मान नहीं रहे हैं । अब यह कुर्सी तन्त्र के दम पर मिलने की थोड़ी बहुत उम्मीदें जरूर दिख पड़ती है।  लेकिन सब कुछ इतना आसां भी तो नहिं है ना बाबा जी भी बहुत पहुँचे हुये हैं , सब कुछ भलीभांति जानते हैं । इन दिनों बाबा जी भी मन्त्री जी के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं । मन्त्री जी भी यथासंभव सब कुछ उपलब्ध कराने की चेष्टा करते देखे जा सकते हैं । बाबा जो चाहो लेलो ,बस एक बार मुख्यमंत्री बना दो ,बन गया तो आपको राजकीय अतिथी का दर्जा भी दे दूंगा , रुपयों से लाद दूंगा ,कभी कोई कमी न होगी। मगर बाबा भी जानते हैं कि ऐसा गर हो गया तो राज्य की प्रजा का , लोगों की जमीन-जायदाद का क्या हाल होगा ? बाबा जी किसी एक के नहीं वरन समुचे भारत वर्ष से प्रेम रखने वालों मे से हैं। भूमि(धरती-जमीन ) को अपनी माँ का दर्जा देते  हैं । फ़िर भला कैसे वो अपनी  धरती माँ  को  छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सौदागर के हांथों (राज्य की बागडोर) सौंपने के लिए तन्त्र का उपयोग होने देंगे ?  इस अति महत्वाकांक्षी राजनेता से शहर तो वाकिफ़ है ही समूचा प्रदेश भी इन्हें इनके स्वभावगत कारणों से जानता है । आप भी समझ ही गये होंगे । हमारा मानना है भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं ।ऊपर वाले को अगर आप भी  मानते हों तो प्रार्थना कीजियेगा कि हे नीली छ्तरी वाले छ्त्तीसगढ की रक्षा कीजियेगा ।  इनके और भी कारनामें पढ़ने मिलेंगे आपको ।


1 टिप्पणी:

आपकी मूल्यवान टिप्पणी के लिए कोटिशः धन्यवाद ।

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