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रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा   :  मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।

मई 19, 2011

Cabinet approves caste and BPL census / देश में जाति आधारित जनगणना को मंत्रिमंडल ने दी हरी झंडी




केंद्र सरकार ने जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति के आधार पर जनगणना के प्रस्ताव को आज गुरुवार 19मई2011 को हरी झंडी दे दी। आजादी के बाद पहली बार ऐसी जनगणना होने जा रही है । इससे गरीबी रेखा के नीचे तथा उसके ऊपर जीवनयापन कर रहे लोगों और उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जनगणना के लिए सर्वेक्षण जल्द ही शुरू हो जाने की उम्मीद है। जाति तथा धर्म के बारे में जानकारी से इस बात के मूल्यांकन में मदद मिलेगी कि सामाजिक तथा धार्मिक पृष्ठभूमि के कारण देश के बहुत से नागरिकों के लिए आर्थिक अवसर कहां तक सीमित होते हैं।
जनगणना करने वाले कर्मचारी लोगों के बीच धर्म और जाति से संबंधित प्रश्नावली बांटेंगे । लोगों को सिर्फ दो सवालों के जवाब देने होंगे कि उनकी जाति क्या है और उनका धर्म क्या है? लेकिन गरीबी रेखा के संबंधित सवाल पर कई प्रश्न पूछे जाएंगे, जैसे- परिवार के सदस्यों की संख्या, रोजाना की आय तथा खर्च।
गरीबी से संबंधित जनगणना इससे पहले 2002 में कराई गई थी, लेकिन जाति और धर्म को जनगणना में पहली बार शामिल किया जा रहा है। यह गणना जून से शुरु हो कर दिसम्बर 2011 तक पूरी की जायेगी ।


Approvel of caste and BPL census is wrong step of Cabinet 
देश में जाति आधारित जनगणना , मंत्रिमंडल का गलत कदम , देश नुकसान उठाएगा ! 

भारत जैसे धर्म निरपेक्ष देश में जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति के आधार पर जनगणना कराना आत्मघाती कदम है , समय इसे प्रमाणित करेगा । यह एक ओर जहाँ राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है तो वहीं दूसरी ओर नेताओं के मानसिक दिवालियेपन परिचायक है ।
विकास एक बहाना है । अब तक इस देश मे किसी भी योजना का ठीक-ठीक क्रियान्वयन नहीं हो सका है , कदम कदम पर केवल बदनियति ही झलकती दिखी है , इस गणना के बाद नया क्या और किनके सहारे कर लेगी कोई भी सरकार ? प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति भी इस देश की दुर्दशा और यहाँ व्याप्त भ्रष्टाचार से त्रस्त दिखता है , वह अपने एक मंत्री को नहीं  सम्हाल पाता है तो लाखों अधिकारियों - कर्मियों की क्या गारंटी ?इस गणना के परिणाम स्वरूप देश में वर्ग संघर्ष बढ़ेगा , राजनेता इसका लाभ लेते दिखेंगे ।
अराजकता और आतंक बढ़ेगा , सरकार पंगु साबित होगी ।देश , आजादी के 65 वर्षों बाद भी आज तक हिन्दु - मुसलमान के झगड़े से तो उबर नहीं पा रहा है , नये नये और झगड़ों की शुरूआत होगी ।देश का दुर्भाग्य ही है कि जब समूचा संसार जाति और धर्म से ऊपर उठ कर विकास के नित्य नये सोपान गढ़ रहा है तभी हम जिसे जाति - धर्म का कड़वा अनुभव भी है , उससे उबरना छोड़ इसकी खाई और गहरी करने चले हैं । यहाँ यह कहना कतई भी गलत नहीं होगा कि यह केन्द्र सरकार की सोची-समझी और ऐतिहासिक भूल साबित होगी । देश विरोध करने की ताकत नहीं रखता तो तैयार रहे भुगतने को । अंग्रेजों ने भारत में सन 1931 में कराई थी ऐसी ही जनगणना और नतीजा भारत - पाकिस्तान के रूप में समूचे विश्व के सामने है ।
जाति आधारित जनगणना का विरोध महात्मा गांधी सहित पंडित जवाहर लाल नेहरू , सरदार वल्लभ भाई पटेल यहाँ तक कि डॉ भीमराव अम्बेडर ने भी किया था । इतिहास और संसदीय दस्तावेज आज भी इस बात के साक्ष्य हैं कि - इनके समकालीन तमाम दिग्ग्ज कांग्रेसी और गैर कांग्रेसियों ने इसका विरोध किया था । लेकिन दुर्भाग्य देखिए देश का कि उन्हीं के अनुयायी अब जब अपनी तमाम गलत नीतियों की वजह से राजनीति में चंहुओर पिटने लगे हैं तब उन्होंने फ़िर एक बार एक देश का बेड़ा गर्क करने वाला आत्मघाती हथकंडा अपनाया है । इसका विरोध राजनीति से ऊपर उठ कर जन-जन को करना चाहिए ।

मई 18, 2011

Political game in Noida - Is Rahul flip flops on Bhatta-Parsaul facts ? / गंदे - सड़े नेता देश को सड़ाने पर हैं आमदा !!!




खबर आई है कि भट्टा में रेप की बात कहकर बुरे फंस गये राहुल गांधी और बचाव में उतरी उनकी कांग्रेस पार्टी । लगता है इस देश के सारे नेता केवल और स्वार्थी और बुद्धिहीन हो कर ही जीना पंसंद कर रहे हैं । राहुल राजनीति में नया है , यदि उतावलेपन में ही उसने कोई जनहित की बात कह डाली तो नेता उस बात में जनता का नहीं , अपना नफ़ा-नुकसान ही देखते हैं , कितने शर्म की बात है यह ? अब भाजपा को यह लग रहा है कि कहीं राहुल की कही गई कोई बात सच साबित हो जाती है तो इसका फ़ायदा उसकी पार्टी को मिलेगा , ऐसा होने नहीं देना चाहिए चलो हल्ला मचाना शुरु करें । देखिए क्या हल्ला हो रहा है …

ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव में महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था। राहुल गांधी के इस आरोप से विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बिना ठोस सुबूत बलात्कार का आरोप लगाकर राहुल गांधी ने गांव की महिलाओं का अपमान किया है। वहीं बैकफुट पर आई कांग्रेस ने सफाई दी है कि राहुल ने वही कहा, जो किसानों ने उन्हें बताया था।
सोमवार को किसानों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने आए राहुल ने गांव में महिलाओं के साथ बलात्कार का आरोप लगाया था। लेकिन समस्या ये है कि इस सनसनीखेज आरोप की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है। अभी तक गांव की किसी महिला या परिवार ने इस सिलसिले में शिकायत नहीं की है। ऐसे में राहुल के दावे पर सवाल उठ रहे हैं। बीजेपी ने राहुल के बयान को ग्रामीण महिलाओं का अपमान बताया है।

भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे भट्टा पारसौल के किसानों के बीच सबसे पहले पहुंच कर राहुल गांधी ने विरोधियों को पटखनी दे दी थी। अब कांग्रेस यूपी में इसका फायदा उठाने में जुटी है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि गांव में उन्होंने 70 फुट व्यास का राख का ढेर देखा था। राहुल ने राख में मानव हड्डियों के होने की आशंका जताई थी। हालांकि यूपी सरकार ने राहुल के दावों को बेबुनियाद बताया था। सरकार राख की फारेंसिक जांच भी करा रही है। जाहिर है, कांग्रेस बैकफुट पर है। लेकिन वो सरकार को चुनौती देने में जुटी हुई है। महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि राहुल ने वही बोला जो गांव वालों ने उन्हें बताया था। अगर आरोप गलत हैं तो राज्य सरकार जांच करा ले।
2012 के यूपी चुनावों के लिए कांग्रेस को खड़ा करने की कोशिश में जुटे राहुल को इस विवाद से झटका लगा है। हालांकि पार्टी राहुल के साथ खड़ी दिखने की कोशिश कर रही है, लेकिन राहुल के सलाहकारों पर सवाल तो उठने ही लगे हैं। राहुल ने भट्टा पारसौल गांव सबसे पहले पहुंचकर विरोधियों पर राजनीतिक बढ़त बनाई थी लेकिन उनके बयान ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है। सवाल ये है कि भरोसा किस पर किया जाए। बीजेपी, कांग्रेस या यूपी सरकार पर। जो भी हो इस मामले की सच्चाई जल्द से जल्द सामने आनी चाहिए।
ऐसा लगता है देश के सारे नेताओं ने मानों एक होकर इस बात की कसम खा रखी है कि भूल से भी  किसी नेता से कोई अच्छा काम होने नहीं देंगे । कांग्रेस ने अपने महासचिव राहुल गांधी के इस दावे का बचाव किया है कि ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल गांव में राख के 74 ढेर मिले हैं जिनमें मानव अवशेष हैं। राहुल गांधी ने मायावती सरकार के खिलाफ जंग का एलान किया।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह मामले की जांच कराए। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया, "मीडिया में जो कुछ (राहुल गांधी के बयान के बारे में) आया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. कहीं उन्होंने 74 संख्या या 74 शवों का जिक्र नहीं किया है। राहुल गांधी ने यह कहा है कि एक जगह है जहां जगह पर 70 फीट के इलाके में राख का एक ढेर है जिसमें कुछ हड्डियां मिली हैं।"
सोमवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. किसानों के साथ राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को भट्टा परसौल गांव के जले हुए शवों, हड्डियों वाली राख और तहस नहस घरों के कुछ फोटो भी सौंपे। उनका कहना है कि राज्य सरकार के लोगों ने गांव में बलात्कार और स्थानीय लोगों पर और भी अत्याचार किए हैं। जमीन अधिग्रहण के मामले पर भट्टा परसौल में ग्रामीणों की सरकार की लोगों से झड़पें हुईं।
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है। बुधवार को उन्होंने वाराणसी में कहा कि कांग्रेस हर गांव में जाएगी और इस सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए संघर्ष करेगी. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार कहती हैं कि भट्टा परसौल में सब ठीक हैं तो फिर वहां धारा 144 क्यों लगाई गई। अगर सब कुछ ठीक हैं तो लोग वहां से भाग क्यों रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक है तो फिर मामले की न्यायिक जांच के आदेश क्यों नहीं दिए जाते। स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके।"
द्विवेदी ने साफ किया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पुलिस पर लगाए गए लोगों के आरोपों के बारे में बताया। उन्होंने यह बात राहुल गांधी के इस बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कही कि पुलिस भट्टा परसौल और दूसरे मायावती भी पलटवार की तैयारी में हैं।
गांवों में महिलाओं का बलात्कार हुआ. उन्होंने कहा, "यह जांच का मामला है. इसकी जांच होनी चाहिए। अगर हड्डियां मिली हैं और पता लगाया जाना चाहिए कि वे किसकी हड्डियां हैं। और अगर महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं और उन्हें पीटा गया है तो ऐसा क्यों हुआ।"
इस बीच उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस का समर्थन करते हुए जांच की मांग की है. पार्टी के मुताबिक इस बारे में केंद्र सरकार को मायावती की उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगनी चाहिए ।


मई 16, 2011

2G SCAM : PLEASE SHARE IF YOU CARE.




PLEASE SHARE IF YOU CARE.


1) CAG report on 2G scam identified three groups of


losses.
a) 102498 cr loss with 122 licenses,
b) 37154 cr dual tech,
c) 36993 cr below 6.3Mhz spectrum


2) CBI has been focusing only on the 122 new license


part (2007-08) of 2G scam. A.Raja, Kani., etc are from here.  :  )




3) Dual Tech Part:- Reliance-14 circles, Tata-19 circles &


others-2 circles,a 2G scam loss of Rs.37,154 cr are NOT


under CBI probe at present    : (


4) 2G scam's spectrum under 6.2MHz:- BSNL/MTNL,


Bharti, Vodafone and IDEA, totalling Rs.36,993 cr loss,


NOT under CBI investigation now    : (


Source: @DNA Newspaper.

मई 12, 2011

Binayak sen in Planing commission of India बिनायक सेन योजना आयोग में , बिफरे डॉ. रमन

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोन्टेक सिंह अहलूवालिया  के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह


डॉ बिनायक सेन 

डॉक्टर बिनायक सेन को भारत सरकार के योजना आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है । भारत सरकार के योजना आयोग ने माना है कि सामाजिक कार्यकर्ता और हाल में जेल से छूटे डॉक्टर बिनायक सेन का " बच्चों, खासकर आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम योगदान है। " इसी वजह से आयोग ने उन्हें उस स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया है जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए रणनीति तैयार करने में आयोग को सलाह देगी। सेन कुछ समय पहले तक नक्सलियों के कथित समर्थन करने और देशद्रोह के आरोप में छतीसगढ़ शासन द्वारा गिरफ़्तार कर रायपुर सेन्ट्रल जेल मे बंद किये गये थे। हाल ही में उन्हें
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है।
नियुक्ति महत्वपूर्ण क्यों  - 
बिनायक सेन की यह नियुक्ति इस मायने में काफी महत्वपूर्ण माना जा रही है कि छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार उन्हें अभी भी दोषी मानती है। वे आयोग की उस 40 सदस्यीय समिति के सदस्य होंगे जिसकी अध्यक्षता आयोग की सदस्य सईदा हामिद करेंगी। इस समिति में सेन बिलासपुर के जन स्वास्थ्य सहयोग – नामक गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित होंगे। इस समिति की पहली बैठक इसी महीने की 25-26 तारीख को होने की उम्मीद है।
समिति क्या देगी सलाह
आयोग के अनुसार यह समिति जिन प्रमुख बिंदुओं पर काम करेगी वह इस प्रकार है :
- ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर सुधार की नई दिशाएं सुझाना।
-प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रशासनिक सुधार के नए उपाय बताना ।
-कुपोषण, मातृ स्वास्थ्य जैसे कई अन्य संबंधित मामलों पर सुझाव देना॥
-12 वीं योजना के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह देना शामिल है।
छत्तीसगढ़ इलाके में आदिवासी बच्चों के कुपोषण के क्षेत्र में सेन ने महत्वपूर्ण काम किया है। आयोग को उनकी इस विशेषज्ञता का फायदा मिलेगा। सेन की नियुक्ति आयोग का सम्मिलित फैसला है।             – मोंटेक सिंह अहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग
बिनायक सेन के सुझावों का फायदा स्वास्थ्य के क्षेत्र में 12वीं योजना की रूपरेखा तैयार करने में मिलेगा। समिति अपनी रिपोर्ट का मसौदा 30 सितंबर तक और अंतिम रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक सौंप देगी। -सईदा हामिद, अध्यक्ष, स्वास्थ्य पर स्थायी समिति, योजना आयोग बिफरे रमन सिंह  -
सेन के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में संगीन मामले लंबित हैं। जिस पर देशदोह के आरोप लगे
हों, उसे स्वास्थ्य नीति पर सलाह देने वाली विशेषज्ञ समिति में शामिल कर केंद्र सरकार गलत
परिपाटी की शुरुआत कर रही है। – डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

मई 10, 2011

पेंशन की खातिर एक वृद्ध सब इंजीनियर ने कलेक्टोरेट अधीक्षक को मारा चाकू

सामने दिख रहे हैं रिटायर्ड सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ,पीछे सफ़ेद पैंट और
 ब्लू लाईनिंग शर्ट पहने हुए हैं जिला अधीक्षक जिन पर हमला हुआ । 
यह चित्र धटना के बाद का है ।



राजधानी रायपुर में पिछले चार वर्षों से अपनी पेंशन पाने के लिए भटक रहे एक वृद्ध सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ने कलेक्टोरेट अधीक्षक पर चाकू से हमला बोल दिया । अपनी पेंशन पाने सरकारी दफ़्तरों के चार साल से चक्कर लगाते - लगाते हताश हो चले इस वृद्ध के सब्र का बांध टूट गया और  मानो मरने - मारने पर आमदा हो गया वह थक हार कर । 09 मई 2011 की दोपहर इस वृद्ध सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ने चाकू से जिला कलेक्ट्रेट में पदस्थ अधीक्षक जे आर साहू के गाल पर चाकू से वार किया और तभी मौके पर मौजूद जिला प्रशासन अन्य कर्मियों ने फ़ौरी तौर पर उसे पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया । इतनी ही फ़ूर्ती यदि उसके पेंशन प्रकरण में निबटारे के लिए दिखाई गई होती तो शायद ऐसे वाकिए ही न होते । फ़िर क्या था सामने आया देश का कानून जिसने परेशान उस वृद्ध को सजा देने अपना लम्बा हाँथ आगे बढ़ाया ,  मगर यही कानून उसे उसके हक की पेंशन न दिला पाया ।
 हताशा की यह छूरी चलाई है 36 साल जल संसाधन विभाग में कार्यरत रहे सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह ने , जिन्हें विभाग से रिटायर हुए वर्षों हो चुकने के बाद भी आज तक पेंशन तक नसीब नहीं हो पाई है । जी पी एफ़ विभाग ने फ़ंसा रखी है इस व्यक्ति की पेंशन की फ़ाईल और घुमाता रहा जिला कार्यालय इसे ।
नियम है कि रिटायरमेंट के बाद अगले ही महिने से मिलने लगती है पेंशन और यदि किन्हीं कारणों से देर हो रही हो तो पेंशन की यह राशि उस व्यक्ति को एरियर्स के रूप में तुरंत मिलने लगती है । खेद जनक पहलू यह कि यहाँ उस वृद्ध सब इंजीनियर लोकेन्द्र सिंह को ऐसी कोई सुविधा नहीं मिल पाई , सिवाय प्रताड़ना और दफ़्तरों के चक्कर पर चक्कर लगाने के , वह अपने तमाम दस्तावेजों से भरा भारी भरकम (करीब 20 - 25 किलो वजनी) बैग टांगे सरकारी दफ़्तरों के चक्कर लगाता रहता और दोपहर लंच के समय कौफ़ी हाऊस पहुंच कर कभी दूध ब्रेड तो कभी चाय ब्रेड खा कर दोबारा उन्हीं दफ़्तरों के चक्कर काटने के लिए ताकत जुटाता दिखा ।
पेंशन और ग्रेच्युटी के लिए लगातार चार साल से चक्कर काट रहे सेवानिवृत्त सब इंजीनियर लोकेंद्र सिंह ने सोमवार को कलेक्टोरेट के अधीक्षक जतिराम साहू पर  जब चाकू से हमला कर दिया तब  हमले की खबर से कलेक्टोरेट परिसर में हड़कंप सा मच गया। कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी तत्काल अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमा हो गए। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। गोलबाजार थाने की पुलिस पहुंचने के बाद घायल अधीक्षक को तत्काल डॉक्टरी मुलाहिजे के लिए आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया। आरोपी को मौके पर ही चाकू के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

बालाघाट निवासी लोकेंद्र सिंह की माली हालत अच्छी नहीं बताई जाती है , वह  जलसंसाधन विभाग रायपुर में सब इंजीनियर के पद पर पदस्थ थे। वे चार साल पहले ही सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन का भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। जिसके लिए उन्हें बारबार बालाघाट से यहाँ रायपुर के चक्कर लगाने पड़ते हैं । तीन दिन पहले ही उन्होंने कलेक्टर से मुलाकात कर भुगतान करने के संबंध में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी। कलेक्टर ने यह पत्र कार्यवाही के लिए कलेक्टोरेट अधीक्षक के पास भेज दिया। सोमवार को लोकेंद्र ने अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपने प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई की मांग की। अधीक्षक श्री साहू ने उन्हें कुछ देर बैठने के लिए कहा। काफी समय तक अधीक्षक के बुलावे का इंतजार कर लोकेंद्र को देर तक नहीं बुलाया गया। इससे आक्रोशित होकर उन्होंने अपने पास रखे सब्जी काटने के चाकू से जति राम पर हमला कर दिया। चाकू के वार से अधीक्षक के गाल पर हल्की खरोंच आई है। तात्कालिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
ऐसा तो हाल है राजधानी रायपुर में संवेदनशील कही जाने वाली सरकार के महकमे का , वह अपने सरकारी अधिकारियों - कर्मियों को जब तंग करने से बाज नहीं आ रहा है तो भला सोचिए आम आदमी यहाँ किस हाल में और कैसा होगा ? लोकेन्द्र अकेला नहीं है आज भी यहाँ पेंशन के हजारों प्रकरण लंबित हैं जिसकी परवाह किसी को भी नहीं है , क्या सभी को वृद्धावस्था में अपनी - अपनी पेंशन पाने इसी तरह चाकू - छूरी का सहारा लेना होगा ?
' सिस्टम' के गाल पर पड़ी हताशा की इस छूरी से क्या कुछ सबक लेगा यहां का स्वयंभू और कथित ' संवेदनशील' प्रशासन , कहा नहीं जा सकता !!!  

मई 08, 2011

अंग्रेजों से कहीं ज्यादा बर्बर और लालची लोग




अंग्रेजों से कहीं ज्यादा बर्बर और लालची साबित हो रहे हैं हमारे अपने लोग जिनके हाँथों में है सत्ता की बागडोर । उत्तर प्रदेश अकेला नहीं है समूचे देश में इस समय सत्ताधीश और पूर्व सताधीश मिलजुल कर जमीन का कारोबार खुलेआम , बेझिझक पूरी बेशर्मी के साथ करतेअ देखे जा सकते हैं । किसानों की जमीनों को सस्ते में खरीद कर बड़े औद्योगिक धरानों को ऊंचे दामों व अपनी शर्तों पर उपलब्ध कराने का काम करने में मस्त हैं ये कथित राजनेता और अखिल भारतीय स्तर पर एकजुट भी हैं , दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर एक हैं ये ।
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध जिले के भट्टा ग्राम में अपनी जमीन के जबरिया और मनमाने अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों और उनके परिजनों के साथ खून की होली खेलने पर आमदा है उत्तर प्रदेश का कथित दलित पीड़ित जनों का शासन । यहाँ शासन ने अपनी योग्यता और नीयत का खुला प्रदर्शन कर दिया है । देश है कि तमाशबीन बना बैठा है और हिजड़ों के जैसा बैठा है केन्द्र शासन। उत्तर प्रदेश पीएसी के जवानों ने नोएडा के भट्ठा गांव में रात भर तांडव मचाया। यहां किसानों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने घरों में घुस कर बच्‍चों और महिलाओं को प्रताडि़त किया। गांव की महिलाओं का आरोप है कि कई पुलिस वालों ने लूटपाट भी की। यही नहीं सोते बच्‍चों पर भी पुलस वाले अत्‍याचार करने से बाज नहीं आये।
पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठियां भांजी और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां भी चलाईं। पुलिस ने रात भर अभियान चलाकर 100 से ज्‍यादा किसानों को हिरासत में लिया है। गौतमबुद्धनगर में धारा 114 लागू कर दी गई है। आगरा व ग्रेटर नोएडा दोनों जगह भारी संख्‍या में पुलिस बल तैनात कर दिये गये हैं।
नोएडा एक्‍सप्रेस वे के निर्माण के लिए अपनी जमीनों के अधिग्रहण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की फायरिंग, रात भर भट्ठा गांव में रात भर किसानों की धरपकड़ के लिए पुलिस का तांडव और अब रविवार की सुबह से आगरा में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की दोबारा फायरिंग। जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ शनिवार को नोएडा से भड़का किसानों का उग्र आंदोलन निर्माणाधीन यमुना एक्सप्रेसवे के आखिरी छोर आगरा तक पहुँच गया है । अधिकारियों के अनुसार रविवार को आगरा में किसानों के साथ संघर्ष में प्रांतीय सशस्त्र बल पीएसी के कम से कम चार जवान घायल हो गए हैं, जबकि नोएडा में मरने वालों की संख्या पांच हो गई है ।
नोएडा में मरने वालों में दो पुलिस जवान और दो किसान हैं , जबकि पांचवें व्यक्ति की शिनाख्त नही हो पाई है ।
 जी हां ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा के चोगन ग्राम तक किसानों पर पुलिस का कहर जारी है। वो भी उस दिन जब प्रदेश सरकार के चार साल पूरे हुए हैं।
उत्‍तर प्रदेश में मायावती सरकार ने आज अपने चार साल पूरे किये हैं, लेकिन ऐसे समय में जहां मुख्‍यमंत्री अपनी उपलब्धियों का बखान करने निकली हैं, वहीं दूसरी ओर उन्‍हीं की पुलिस किसानों पर कहर बरपा रही है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा में फायरिंग के दौरान एक जवान और दो किसानों की मौत के खिलाफ आगरा व ग्रेटर नोएडा दोनों जगह किसानों ने रविवार की सुबह जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने आगरा में कई फैक्ट्रियों में आग लगा दी और एक्‍सप्रेस हाईवे जाम कर दिया। उधर अलीगढ़ के किसान भी आंदोलन में उतर आये हैं।
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का तो हाल ही बुरा है । यहाँ तो सरकारें ही नहर , तालाब और बांध औद्योगिक घरानों को बेच रही है , विधान सभा में आये दिन हंगामें होतो और शांत पडते देखे-सुने जाते हैं । किसानों की जमीनें हथियाने और कालोनी बनाने का काम यहाँ भी जोरशोर से चल रहा है ,लोग कोलकाता , ओरिशा , राजस्थान , बिहार , और महाराष्ट्र से आकर यहाँ बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं और सता के संगवारी उनके साथ देखे जा सकते हैं । यहाँ जमीनों के मामले अदालतों में न्याय पाने की अभिलाषा लिये अपनी अपनी बारी आने की बाट जोह रहे हैं ।




मई 02, 2011

शर्म करो बेशर्मों , कुछ तो सीखो …


ओसामा बिन लादेन (जिंदा)
ओसामा बिन लादेन (मुर्दा)


विश्वगुरू बनने की लालसा रखने वाले भारत के दो मुहें नेताओं को कुछ सिखने और शर्मसार होने का समय आया है । एक ओर जहाँ विश्व के सर्वाधिक भ्रष्ट और बड़े तानाशाह, लीबिया के शासक कर्नल गद्दाफी को साफ़ करने की मुहिम जारी है, त्रिपोली उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हवाई हमले में शनिवार 29अप्रैल को लीबिया के शासक कर्नल गद्दाफी बाल-बाल बच गए लेकिन उनके सबसे छोटे बेटे सैफ अल-अरब गद्दाफी (29) और तीन पोतों की मौत हो गई।
 वहीं इसी बीच यह खबर आती है कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन अल कायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन आखिरकार मारा गया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद के समीप अबोटाबाद में एक आलीशान हवेली में छिपे लादेन को सीआईए के ऑपरेशन में मार गिराया गया।अमेरिका ने ले लिया 9 / 11 की घटना का बदला दस वर्षों बाद , ढ़ूंढ़ कर मार गिराया अपने दुश्मन को ।
आतंकवाद को जड़ से मिटाने की बात कहने वालों ने कामयाबी पा ली है , श्रीलंका ने भी चीन की मदद से अपने यहाँ लिट्टे का सफ़ाया कर लिया । सिर्फ़ अमेरिका की चमचागिरी करना ही “विदेश नीति” नहीं होती, यह बात कौन हमारे नेताओं को समझायेगा? आखिर कब भारत एक तनकर खड़ा होने वाला देश बनेगा। तथाकथित मानवाधिकारों की परवाह किये बिना कब भारत अपने बारे में सोचेगा?
अमेरिका में 9 / 11 की घटना
   जो कुछ चीन ने श्रीलंका में किया क्या हम नहीं कर सकते थे ?
 शर्म आनी चाहिए उनको जो भारत में आतंकवाद को , आतंकवादियों को खुले आम पनाह देते हैं , डरते हैं कसाब और अफ़जल गुरु जैसे आतंकवदियों को सजा देने से । भला ऐसे कमजोर नेता कैसे बलवान भारत बनायेंगे ???

सीआईए प्रमुख लियोन पेनेटा ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए पाकिस्तान में चलाए गए अभियान की जानकारी मंगलवार को अमेरिकी सांसदों को दी।

सांसदों के साथ बातचीत में समझा जाता है कि पेनेटा ने बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को इसलिए कोई सूचना नहीं दी थी क्योंकि उसे लगता था कि यदि कोई सूचना दी गयी हो तो वह लीक हो सकती है।

अमेरिकी कांग्रेस की खबरों की कवरेज करने वाले दी हिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीआईए चीफ पेनेटा ने सीनेटरों को एक बैठक में बिन लादेन मिशन के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्रशासन ने पाकिस्तान को सूचित नहीं करने का फैसला किया था क्योंकि आशंका थी कि जानकारी लीक हो सकती है और मिशन में बाधा आ सकती है।

बैठक में मौजूद एक सांसद ने यह जानकारी दी। पेनेटा ने इससे पहले टाइम मैगजीन को बताया था कि यह फैसला किया गया कि पाकिस्तान के साथ मिलकर कार्रवाई करने का कोई भी प्रयास अभियान को पंगु बना सकता है। हो सकता है कि वे संबंधित लोगों को चेतावनी दे दें।

बैठक के बाद सांसद पीटर किंग ने संवाददाताओं से कहा कि यह यकीन करना असंभव है कि जिस प्रकार की आधुनिक खुफिया एजेंसी और सैन्य क्षमता पाकिस्तान के पास है, उसके बावजूद उन्हें यह नहीं पता हो कि दुनिया का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी खुले आम इस कदर आंखों के सामने रह रहा है।

उन्होंने सवाल किया कि पाकिस्तान को अहसास होना चाहिए कि कांग्रेस में कई सदस्य गंभीर सवाल उठा रहे हैं। सवाल यह है कि दुनिया का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी उनके बीच में रह रहा है और वे उसे पकड़ नहीं सकते तो हमें क्यों सालाना तीन अरब डॉलर की राशि उसे देनी चाहिए।

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