लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
जनवरी 26, 2011
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गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
जवाब देंहटाएंआप सब को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंआदरणीय ब्लागमित्र को मेरी और से गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंhttp://hamarbilaspur.blogspot.com/2011/01/blog-post_5712.html
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंआपको भी गनतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
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