नन्ही बच्ची के हाँथों नींबू का रस पीकर अन्ना ने तोड़ा अनशन |
सुबह साढ़े दस बजे जंतर मंतर स्थित मंच पर पहुंचे अन्ना ने सबसे पहले 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाए। वहां मौजूद बड़ी संख्या में लोगों ने भी अन्ना के सुर में सुर मिलाए। अन्ना ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'आज हमारी जो जीत हुई, आपके चलते हुई। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई। हम मिलते रहेंगे।' अन्ना और उनके समर्थकों ने इसे जनता की जीत करार दिया है।
अन्ना ने धरना स्थल पर अनशन पर बैठे अन्य लोगों को पहले जूस पिलाया, इसके बाद खुद एक बच्ची के हाथों जूस पीकर अपना उपवास तोड़ा। अन्ना के उपवास तोड़ने के साथ ही धरना स्थल पर जश्न का माहौल है। बीच-बीच में ‘अन्ना हजारे जिंदाबाद’ , ‘अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे सुनाई दे रहे हैं। मंच पर मौजूद कई कलाकारों ने गीत-संगीत के रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।
इससे पहले सरकार ने आज सुबह साढे नौ बजे के करीब जन लोकपाल बिल से जुड़े सरकारी आदेश की कॉपी स्वामी अग्निवेश को सौंप दी। अग्निवेश इस कॉपी को लेकर जंतर मंतर पहुंचे और वहां मंच से इसकी कॉपी की प्रति पूरे देश को दिखाई गई। किरण बेदी ने इसे 'आत्म सम्मान' की जीत करार दिया है।
हजारे ने जन लोकपाल बिल के लिए गत मंगलवार को आमरण अनशन शुरू किया था। उसके बाद लगातार उनके साथ लोग जुड़ते गए। धीरे-धीरे भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में गुस्सा भी बढ़ रहा था। इसे देखते हुए शुकवार रात सरकार ने घुटने टेक दिए। सरकार बिल के मसौदा प्रस्ताव के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाने पर राजी हो गई। इसके बाद अन्ना ने ऐलान किया कि जनता की जीत हुई है और अब वह अनशन तोड़ देंगे।
दोनों पक्षों में बातचीत के बाद शुक्रवार देर रात समझौता हुआ। सरकार के प्रमुख वार्ताकार कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लोकपाल बिल पर तुरंत काम शुरू करेंगे। हमें हर हाल में 30 जून से पहले ड्राफ्ट तैयार कर लेना है। इससे इसे मानसून सत्र में संसद में पेश करना मुमकिन होगा। हजारे ने इस कामयाबी को पूरे देश की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं।
सरकार झुकी
हजारे समर्थक किरण बेदी और स्वामी अग्निवेश ने साफ किया था कि जब तक सरकार बिल की मसौदा समिति के गठन का औपचारिक आदेश जारी नहीं करेगी तब तक अनशन खत्म नहीं किया जाएगा। इसके बाद सिब्बल को कहना पड़ा कि सरकार आदेश जारी करने पर भी राजी है।
मसौदा समिति के सदस्य
सरकार की ओर से : प्रणब मुखर्जी (अध्यक्ष), सदस्य- केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम तथा सलमान खुर्शीद।
सिविल सोसाइटी की ओर से : शांति भूषण (सह-अध्यक्ष), सदस्य- प्रशांत भूषण, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज संतोष हेगड़े, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल तथा अन्ना हजारे।
आगे क्या?
- बिल बनने और संसद में पेश करने की राह खुलेगी।
प्रधानमंत्री, सोनिया को पत्र
- हजारे ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि जारी होने वाली अधिसूचना में इसके अध्यक्ष व सदस्यों के नाम, समय-सीमा तथा शर्तो का जिक्र हो।
- हजारे ने याद दिलाया कि सरकार संयुक्त मसौदा समिति पर राजी हुई है जिसमें 50 फीसदी सदस्य गैर-सरकारी होंगे।
- सोनिया ने हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की थी। इस पर हजारे ने सोनिया को लिखे पत्र में याद दिलाई है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उप समिति जन लोकपाल बिल के व्यापक मसौदे पर राजी थी।
- उन्होंने सोनिया से परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा का आश्वासन भी मांगा।
ये मांगें मानीं
समिति में सामाजिक संगठनों और सरकार के पांच-पांच प्रतिनिधि हों। बिल बनाने का काम तुरंत शुरू हो। संसद के मानसून सत्र में इसे पेश किया जाए।
दो मुद्दों पर गतिरोध
लेकिन समिति के अध्यक्ष पद पर सरकार वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को रखने पर अड़ी दिखी। लेकिन हजारे इस पर किसी रिटायर्ड जज की नियुक्ति चाहते थे। फिर हजारे ने समिति के गठन संबंधी अधिसूचना जारी करने की भी मांग रखी। लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
ऐसे बनी रजामंदी
बाद में हजारे ने अपने रुख में नरमी दिखाते हुए कहा कि सरकार भले ही समिति के अध्यक्ष का पद अपने पास रख ले। लेकिन सह-अध्यक्ष हमारा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समिति में कोई दागी मंत्री नहीं होना चाहिए।
बीच का रास्ता निकाला
हजारे ने कहा, यदि अध्यक्ष हमारा होगा तो सरकार को कठिनाई होगी। लेकिन यदि कोई मंत्री अध्यक्ष बनेगा तो कैबिनेट को उसकी सिफारिशें मंजूर करनी होंगी। अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष के अधिकारों में कोई अंतर नहीं होगा।
सत्य अमर है,और सत्य अमर रहेगा ।
जवाब देंहटाएंअन्ना तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं
जवाब देंहटाएंजनता का साथ मिला!
जवाब देंहटाएंजीत हुई लोकतन्त्र की!
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की पहली जीत !
जवाब देंहटाएंye naye vakt ki shuruat hai..
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