लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
जुलाई 29, 2011
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आप सबको हरियाली अमावस्या की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंbahut accha
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं, स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .