भारतीय रुपये को अब सारा संसार इस
सिम्बल, चिन्ह से जान और लिख सकेगा ।मुम्बई आई आई टी के डी उदय कुमार की डिजाइन इस प्रतीक के लिये चुनी गई । भारत सरकार उन्हें इसके लिए ढ़ाई लाख रुपयों का ईनाम देगा और हम सब भारतीय उन्हें बधाई तो देंगे ही साथ ही इस विशिष्ट कार्य के लिए युगों तक याद रखेंगे । बधाई डी उदय कुमार जी । अभी तक रुपए को आरएस (Rs) या आरई (Re) या आईएनआर (INR) लिखकर दर्शाया जाता रहा है । पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका में भी रुपए के लिए इन्हीं अक्षरों का इस्तेमाल होता है । भारतीय वित्त मंत्रालय एक ऐसा चिन्ह चाहती थी जिसमें भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों की झलक हो और उन्होंने आम जनता से अप्रैल में इसके लिए सुझाव मांगा था। अंतिम फ़ैसले के लिए पाँच चिन्हों को चुना गया था , जिसमें से अपनी विशिष्ट पहचान के लिये डी उदय के द्वारा बनाये गये सिम्बल को फ़ाईनल किया गया । इसकी खासियत यह है कि यह हमारी भारतीय संस्कृति से मेल खाता है , देवनागरी और रोमन दोनों ही लिपियों का संगम है ।यूरो करेंसी की ही तरह इस
सिम्बल के बीच में एक आडी लाईन भी है । अब जल्दी यह डिजाईन विश्व भर में कम्प्यूटर पर भी एप्लीकेबल हो जायेगा । कैबिनेट ने भी आज इस
रुपये के इस नए प्रतीक, पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी है । इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया डी उदय कुमार का नाम , बधाईयाँ ।
chinh filhal to ajnabi hi lag raha hai. shayad dhire dhire aadat me aakar sahaj lagne lage.
जवाब देंहटाएंवन्दे मातरम !!
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग को पढ़कर अच्छा लगा, मेरी कामना है की यह ब्लॉग लोकप्रिय एवं सार्थक बने आपसे आग्रह है की कृपया मेरे ब्लॉग में प्रवेश कर मुझे अपने विचारों से भी अवगत कराएँ !!
पुनः शसक्त लेखन एवं ब्लॉग की सार्थकता के लिए बधाई सहित.........वन्दे मातरम !!
Aaj vaakai FEEL GOOD ho raha hai. Umeed hai ki hamara naya chinh Hindustan ko nayi unchai ki orr le jayega.
जवाब देंहटाएंMishraji,
जवाब देंहटाएंSmt & Shri VISHNU BHAGWAN se prarthna hai ki Rupaye ke is naye Pratik ko itni shakti de ki ye US $ nahi to kam se kam Singapore $ ke barabar ho jaye. Hamara kal awashya sunhera hoga.