छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रायपुर 13 जुलाई 2010 को अपने निवास पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शेषनारायण चंदेले के शोध ग्रंथ 'गोपाल मिश्रा की कृतियों का आलोचनात्मक अध्ययन' का विमोचन किया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के प्रथम महाकवि गोपाल मिश्र पर केन्द्रित इस शोध ग्रंथ पर सन् 1974 में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने डॉ. चंदेले को पी.एच.डी. की उपाधि दी थी। लगभग 36 वर्ष बाद इस शोध ग्रंथ का प्रकाशन और विमोचन हुआ। डॉ. चंदेले ने मुख्यमंत्री को बताया कि श्री गोपाल मिश्र रतनपुर के राजाश्रित कवि थे। उन्होंने रीतिकाल के आरंभिक युग में हिन्दी साहित्य को दो महाकाव्य दिए। श्री गोपाल मिश्र के पांच काव्य-ग्रंथ उपलब्ध हैं। जिनका राष्टीय स्तर पर भी ऐतिहासिक महत्व है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर डॉ. चंदेले को अपनी बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह शोध ग्रंथ नयी पीढ़ी के लिए काफी उपयोगी होगा। डॉ. चंदेले ने अपनी कुछ साहित्यिक और आध्यात्मिक पुस्तकें भी मुख्यमंत्री को भेंट की। डॉ. चंदेले की अब तक 21 साहित्यिक और 8 आध्यात्मिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। मध्यप्रदेश से आये प्रसिध्द समीक्षक डॉ. गंगा प्रसाद गुप्त 'बरसैंया' और 'विवरणी' पत्रिका के सम्पादक श्री शंकर प्रसाद श्रीवास्तव सहित सर्वश्री निलय चंदेले, प्रणय चंदेले और श्रीमती आशा चंदेले इस अवसर पर उपस्थित थीं। "खबरों की दुनियाँ" की ओर से सभी महानुभावों को बधाईयाँ ।
लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
जुलाई 14, 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे लिए बहुत अच्छी खबर है भईया यह, मैं पिछले कई दिनों से महाकवि गोपाल मिश्र के संबंध में जानकारी प्राप्त करना चाह रहा था मैंनें पिछले दिनों इन पर एक पोस्ट भी डाला था http://aarambha.blogspot.com/2010/05/blog-post_29.html. डॉ.चंदेले को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंइस कृति की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दीजिएगा.