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रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा   :  मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।

सितंबर 08, 2010

आपको भी शायद गुस्सा आना चाहिए


चीन की हरकतें चिंता का विषय होना ही चाहिए ,लेकिन यह हमारा भी दुर्भाग्य ही है कि हमारे नेतागण अपने निहित स्वार्थों से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं ,देश का भला ये क्या खाक सोच पायेंगे !

चीन ने दक्षिण एशिया में अपना वर्चस्‍व बढ़ाने को पूरी तरह जायज ठहराया है। उसका कहना है कि वह एशिया का ‘अहम सदस्‍य’ है और एशिया में शांति व स्थिरता कायम रखना उसकी जिम्‍मेदारी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता जियांग यू ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान को हल्‍के में लिया कि बीजिंग दक्षिण एशिया में वर्चस्‍व हासिल करने के लिए काम कर रहा है।
ड्रैगन की करतूतों से हाल के दिनों में चीन की ऐसी कई गतिविधियों का खुलासा हुआ है, जो भारत के लिहाज से सही नहीं मानी जा सकतीं और भारत-चीन तनाव को हवा दे सकती हैं। चीन ने पहली बार म्‍यांमार में अपने दो जंगी पोत तैनात किए हैं। गुलाम कश्‍मीर में वह करीब डेढ़ दर्जन परियोजनाओं पर काम कर रहा है। अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक उसने गुलाम कश्‍मीर के गिलगिट और बा‍लटिस्‍तान में अपने 11000 सैनिक तैनात कर रखे हैं। कश्‍मीर को विवादित क्षेत्र बता कर उसने भारतीय सेना के वरिष्‍ठतम अफसरों में से एक को वीजा देने से मना कर दिया। साथ ही, यह भी कहा कि कश्‍मीर के लोगों को वज अलग पन्‍ने पर वीजा देने की नीति जारी रखेगा। प्रशांत महासागर में 20000 किमी के दायरे में युद्धपोत को मार गिराने की क्षमता वाली मिसाइल तैयार करने संबंधी उसकी योजना भी जगजाहिर हो गई है। और तो और, नेपाल में माओवादियों को सांसदों की खरीद-फरोख्‍त के लिए पैसे देकर मनमाफिक सरकार बनवाने की उसकी चाल भी सामने आ चुकी है। नेपाल सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। वैसे, चीन की ऐसी कोशिशों की खबरों के बीच मंगलवार को सातवें दौर के चुनाव में भी प्रधानमंत्री पद के चुनाव में नेपाल में माओवादियों को हार ही हाथ लगी।
भारत विरोधी गतिविधियों की खबरों के मद्देनजर सोमवार को भारतीय संपादकों ने मनमोहन सिंह से चीन से संबंधित एक सवाल पूछा था। इसी के जवाब में उन्‍होंने कहा था कि चीन किसी न किसी तरह दक्षिण एशिया में प्रभुत्‍व बनाना चाहता है, जिस बारे में भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। मंगलवार को बीजिंग में नियमित प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों ने यू से मनमोहन के बयान पर चीन की प्रतिक्रिया पूछी थी। यू ने कहा कि चीन, दक्षिण एशिया में प्रभुत्‍व बनाने के लिए काम नहीं कर रहा, बल्कि भारत के साथ मिल कर शांतिपूर्ण तरीके से दक्षिण एशिया में शांति, स्थि‍रता और विकास लाना चाहता है। पर उसकी हरकतें ऐसी नहीं हैं, जिनसे शांति आ सके।

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपका लेख अच्छा लगा .धन्यवाद
    * पोला त्योहार की बधाई .*

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  2. गुस्सा करके भी क्या करेंगे , बिना रीढ़ की हड्डी वाले ५४३ जो बिठा रखे है !

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  3. अगर हमारे गुस्सा करने से कुछ होता तो बात ही क्या थी, गुस्सा तो संसद में बैठे नामर्दों को आना चाहिये, तभी कुछ होगा जब इन नामर्दों को मर्दों का गुस्सा आयेगा, जब ये भ्रष्टाचार के दल दल से बाहर निकल कर देखेंगे।

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आपकी मूल्यवान टिप्पणी के लिए कोटिशः धन्यवाद ।

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