छत्तीसगढ़ में पहली बार राजधानी रायपुर में 'राष्ट्र प्रहरी' की अवधारणा पर अपनी सेना को जाने नाम से सैन्य मेले का आयोजन किया गया है। इस मेले के प्रति छत्तीसगढ़ की जनता विशेषकर युवाओं, किशोरों और बच्चों के अपार उत्साह और उमंग तथा उनके इस मेले के प्रति आकर्षण को देखते हुए इसकी अवधि दो दिन से बढ़ाकर तीन दिन की गई। आज रविवार को मेले के समापन अवसर पर 22 अक्टूबर को तेज बारिश के कारण निरस्त सभी साहसिक और जांबाजी से भरें प्रदर्शनों को फिर से किया गया।
डेयर डेविल्स नाम से प्रसिध्द मोटर साइकिल सवारों ने कम्पनी हवलदार राजेश कुमार के नेतृत्व में आग के गोले के बीच से निकलकर टयूब लाईट की दीवार तोड़ने, ईटों की छद्म दीवार तोड़ने सहित पिरामिड और कमल की आकृति बनाने तथा अन्य रोमांचक प्रदर्शन किए। भारतीय वायु सेना के माइक्रोलाइट नन्हें प्लेनों ने भारतीय सेना के झण्डे फहराते हुए मैदान में गोता लगाया और जमीन से काफी नजदीक आकर फिर से आसमान की राह पकड़ी। इसी तरह पैरा मोटर के नाम से प्रसिध्द तथा छोटे से मोटर की सहायता से उड़ने वाले ग्लाइडर ने लम्बे समय तक पुलिस परेड मैदान के चारों ओर घुमते हुए दर्शकों को लुभाया और अंत में मैदान में उतर कर दर्शकों को रोमांचित किया। राडार की पकड़ से बचने के कारण ऐसे माइक्रोलाइट और पैरामोटर सरहद पार जाकर दुश्मन की गोपनीय गतिविधियों की जानकारी लेने में सक्षम है। सेना के गुड़सवारों ने तेज गति से दौड़ते हुए भाले से अपना शिकार पकड़ा और मैदान में बनाए गए सभी बाधाओं को पार किया। मैदान में प्रदर्शित हाट एयर बैलून भी दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा। जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमलों को नाकाम करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन 'रक्षक' तथा श्रीलंका में चलाए गए ऑपरेशन 'पवन' में दुश्मनों से लड़ते हुए विकलांग बने सेना के पांच वीर सैनिकों को राज्यपाल ने विशेष स्कूटर प्रदान किया। सिक्ख रेजीमेंट द्वारा भागड़े का उत्साहपूर्ण प्रदर्शन भी किया गया।
डेयर डेविल्स नाम से प्रसिध्द मोटर साइकिल सवारों ने कम्पनी हवलदार राजेश कुमार के नेतृत्व में आग के गोले के बीच से निकलकर टयूब लाईट की दीवार तोड़ने, ईटों की छद्म दीवार तोड़ने सहित पिरामिड और कमल की आकृति बनाने तथा अन्य रोमांचक प्रदर्शन किए। भारतीय वायु सेना के माइक्रोलाइट नन्हें प्लेनों ने भारतीय सेना के झण्डे फहराते हुए मैदान में गोता लगाया और जमीन से काफी नजदीक आकर फिर से आसमान की राह पकड़ी। इसी तरह पैरा मोटर के नाम से प्रसिध्द तथा छोटे से मोटर की सहायता से उड़ने वाले ग्लाइडर ने लम्बे समय तक पुलिस परेड मैदान के चारों ओर घुमते हुए दर्शकों को लुभाया और अंत में मैदान में उतर कर दर्शकों को रोमांचित किया। राडार की पकड़ से बचने के कारण ऐसे माइक्रोलाइट और पैरामोटर सरहद पार जाकर दुश्मन की गोपनीय गतिविधियों की जानकारी लेने में सक्षम है। सेना के गुड़सवारों ने तेज गति से दौड़ते हुए भाले से अपना शिकार पकड़ा और मैदान में बनाए गए सभी बाधाओं को पार किया। मैदान में प्रदर्शित हाट एयर बैलून भी दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा। जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमलों को नाकाम करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन 'रक्षक' तथा श्रीलंका में चलाए गए ऑपरेशन 'पवन' में दुश्मनों से लड़ते हुए विकलांग बने सेना के पांच वीर सैनिकों को राज्यपाल ने विशेष स्कूटर प्रदान किया। सिक्ख रेजीमेंट द्वारा भागड़े का उत्साहपूर्ण प्रदर्शन भी किया गया।
राज्यपाल ने टैंक, मिसाइल और रक्षा उपकरणों की ली जानकारी
रोमांचक कारनामों के अवलोकन के उपरांत राज्यपाल ने सैन्य मेले में लगाए गए विभिन्न स्टालों पहुंचकर उनका जायजा लिया। राज्यपाल ने यहां बड़ी संख्या में तथा अलग-अलग विशेषताओं भरें रॉकेट लान्चर, मशीन गन, एम.एम.जी, मोर्टार, अत्याधुनिक संचार उपकरण रेडियो सेट, आदि का अवलोकन किया। उन्होंने भारतीय थल सेना के टी-72 अजय टैंक, ब्रम्होस मिसाइल, बोफोर्स तोप के साथ-साथ भी अत्याधुनिक एवं विशालकाय रक्षा उपकरणों का भी अवलोकन किया। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा सब एरिया मुख्यालय, रायपुर के ब्रिगेडियर ए. कृष्णन, कर्नल राजीव खुल्लर और लेफ्टिनेन्ट कर्नल लोकेश सक्सेना ने राज्यपाल को इन रक्षा उपकरणों की विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल श्री दत्त ने यहां सैनिक स्कूल, एन.सी.सी., सैनिक कल्याण, सेन्ट्रल आर्डिनेन्स डिपो जबलपुर, सेना भर्ती कार्यालय रायपुर आदि के स्टाल पहुंचकर प्रदान की जा रही महत्पूर्ण जानकारी तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डी. आर. डी. ओ,) में प्रदर्शित अग्नि तथा अन्य उपकरणाें के मॉडलों तथा अन्य अनुसंधान कार्यो की विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
राज्यपाल का अनुरोध : 'कदम-कदम बढ़ाए जा' गीत पर बजी धुन
स्टालों के अवलोकन के अवसर पर जब राज्यपाल ब्रास बैंड और पाईप बैंड बजाने वाले जवानों के पास पहुंचकर सब मेजर पाल सिंह तथा सब मेजर ए. के. डे.और बैंड के सदस्यों को शानदार और यादगार प्रस्तुति के लिए बधाई दी तो उन्होंने राज्यपाल की इच्छा जानकर उनके अनुरोध पर 'कदम-कदम बढ़ाए जा' तथा 'ये देश है वीर जवानों का' गीतों के धुन सुनाई। उल्लेखनीय है राज्य में पहली बार सेना के इतने बड़े बैंड दल ने प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर ब्रास बैंड के अंतर्गत सिक्ख रेजीमेंटल सेन्टर, बिहार रेजीमेंट सेन्टर, ए. एस. सी. सेन्टर नार्थ, ए.ए.डी. सेन्टर, जे.ए.के. आर.आई. एफ. सेन्टर तथा पाईप लाईन बैंड के अंतर्गत ग्रेनेडियर रेजीमेंटर सेन्टर, 39 जी. टी.सी. सिक्ख रेजीमेंटल सेन्टर, ए.ए.डी. सेन्टर, ए.एस.सी. सेन्टर नार्थ ने एक साथ प्रदर्शन किया है।
आग के गोले को मोटर सायकल से पार करता जवान , सैकड़ों ट्यूब लाईट्स को फ़ोड़ते निकलता सेना का जवान .
बढिया जानकारी दी है आपने। इस तरह के कार्यक्रमों से सेना में भर्ती के प्रति आकर्षण बढेगा।
जवाब देंहटाएं(मछलियों को दाने डाल दिए है भाई, अब तो मुझे पहचानने भी लगी हैं। सफ़ेद वाली बहुत चंचल है।:)
अच्छा लगा , देश के इन रणबाकुरों का हौसला बना रहे । हमें गर्व है अपने देश पर और हमारे इन वीर जवानों पर । जय हिन्द , वन्दे मातरम ।
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