नारायण सामी |
बीते दिनों कुछ हलचल सी मची थी रायपुर में उस वक्त जब कांग्रेस के केन्द्रिय मंत्री और छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी नारायण सामी के ऊपर कालिख फ़ेंकी गई । हंगामा मचा , दूसरे दिन एक नाम सामने आया कि यह सब पप्पू फ़रिश्ता के इशारे पर हुआ है । नाम आने से पहले डरे- सहमे से बैठे रहे कांग्रेस नेता गण । डर इस बात का कि कहीं कोई उनका नाम ना घसीट ले इस काण्ड में ।
कालिख काण्ड में एक नाम सामने आते ही मानो सब खुशी से उछल - मचल गये कि चलो अपन तो बच गये, न जाने दूसरा - तीसरा गुट क्या करता मेरे खिलाफ़ ? अब इस बात का तो डर खत्म हुआ । सारे कांग्रेसी एक हो गये "दोषी पप्पू" को सजा दिलाने की दिखावटी और खुद को बचाने वाली मांग करने लगे । वहीं कुछ बडे कहे जाने वाले नेता इस बात का भी प्रयास करने लगे कि 'पप्पू' उनके दुश्मन का नाम ले दे कि उसके कहने पर उसने ऐसा किया है फ़िर 'पप्पू' को हाई कमान से ले जाकर मिलवाते हैं । यह प्रयास बंद हो गये हैं ऐसी बात भी नहीं है । इस बात के लिए यह भी प्रयास किये जा रहे हैं कि रायपुर के नगर भईया जो मंत्री भी हैं प्रदेश में, पप्पू उनकी बात तो मानता है , और मान ही लेगा , क्यों न उन मंत्री जी की मदद ली जाय बदले में उनके मामलों में अन्दर-बाहर से हम सहयोग करेंगे । कहने का सीधा सा मतलब यही कि सारी गुटबाजी पूरी तरह से सक्रिय है इस काण्ड के बाद एक - दूसरे को पटखनी देने के लिए । सामने वाले की लकीर मिटा कर अपनी लकीर को बड़ा बताने की कोशिश में लगे हैं कथित दिग्गज नेता गण यहाँ ।
इस पूरे प्रकरण में सर्वाधिक चिंता और दुख का विषय यह है कि देश और प्रदेश का कोई भी नेता यह सोचने - समझने को तैयार नहीं है कि आखिर किसी कांग्रेसी(पप्पू) को ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा ? प्रदेश में कांग्रेस का यह हाल कैसे ,क्यों और कब
हो गया ? कौन - कौन हैं इस दशा के निर्माण के लिए जिम्मेदार ? उनकी सजा भी कुछ होनी चाहिए या नहीं ? या सजा केवल छोटे मोटे पप्पूओं को ही ? क्या इससे सुधर जायेगी कांग्रेस की स्थिति ? छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से आज तक एक नेता का बस यही कहना है कि "मैं नहीं तो कांग्रेस नहीं" । क्या कांग्रेस के कथित हाई कमान तक यह आवाज नहीं पहुंची है या अनसुनी कर दी गई 'जार्ज' के कहने पर ? यहां कांग्रेस में एक नहीं तमाम पप्पू घूम रहे हैं जिन्होने अपना सब कुछ लुटाया है कांग्रेस के लिए और नया राज्य, नई सरकार बनते ही ऐसे निष्ठावान लोगों को दूध में से निकाल कर फ़ेंकी गई मक्खी की ही तर्ज पर पार्टी से निकाल फ़ेंका या फ़िर दरकिनार कर दिया गया है । नकली सिक्कों ने असली सिक्कों को मानो चलन से बाहर कर दिया है । पप्पू यहाँ प्रतीक मात्र है । जगह-जगह कांग्रेस को पराजय का मुंह क्यों देखना पड़ रहा है ? कांग्रेस को अपनी दशा-दिशा का गहन अध्ययन जरूर करना चाहिए पप्पू के बहाने ही सही ।
केंद्रीय मंत्री व छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी वी नारायण सामी पर मंगलवार 19 अक्टूबर की सुबह कुछ युवकों ने स्याही फेंक दी। सामी उस वक्त प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों की बैठक के लिए कांग्रेस भवन में जा रहे थे। स्याही फेंकने वाला युवक मौके से फरार हो गया।
हालांकि बाद में नारे लगाने वाले चार लड़कों को पकड़ लिया गया। मौके पर मिले पर्चे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपेक्षा किए जाने की बात लिखी गई है। सामी प्रदेश चुनाव अधिकारी श्रीमती विप्लव ठाकुर और सांसद चरणदास महंत के साथ जैसे ही कांग्रेस भवन पहुंचे, करीब 20 से 22 कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नारे लगाने शुरू कर दिए। इन्हीं में एक लड़के ने शीशी में भरी काली स्याही सामी पर फेंकी। सामी के कपड़ों के अलावा चेहरे पर भी स्याही के छींटे पड़े। उनके साथ खड़े महंत के कपड़ों पर भी स्याही लग गई।
जब लड़कों को पकड़ने की कोशिश की गई तो स्याही फेंकने वाला युवक मौके से भाग गया। इस बीच नारे लगा रहे चार लड़कों की पिटाई कर दी गई। बाद में उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया। पकड़े गए लड़के रायपुर के हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रदर्शनकारी युवक नशे में धुत थे।
... iss tarah ki ghatanaayen nirantar raipur ko sharmsaar kar rahee hain ... afsosjanak !!!
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