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ये सारे नेता गर्व महसूस कर रहे हैं , दबंग अभिनेता सलमान खान का सम्मान करते हुए , और सलमान हैं कि यहाँ इस उदघाटन के कार्यक्रम में बमुश्किल 5 मिनट रुके और वापस उड़ लिए अपने उद्योगपति दोस्त के साथ । |
लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।
अक्टूबर 27, 2010
राज्योत्सव 2010 : नेताओं का सपरिवार आनंद मेला
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कामन-वेल्थ में भी तो यही हुआ था.
जवाब देंहटाएंसदा यही होते आया है।
जवाब देंहटाएंसही कह रहे हैं आप।
जवाब देंहटाएंआपकी बात से असहमत होने का तो सवाल ही नहीं है यहां। उपर से हद तो तब करते हैं ये संस्कृति के पहरुए कि इस पूरे आयोजन में छत्तीसगढ़िया संस्कृति एक कोने में दुबक कर सिसकती रहती है और मुंबईया फिल्मी संस्कृति का ही जलवा दिखाई देता है। हमारे मुख्यमंत्री से लेकर संस्कृति मंत्री भी यह जानकर हैरान नहीं होते कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति के आयोजन के लिए जितनी रकम विभाग मंजूर करता है उसका कितना ज्यादा गुना मुंबईया संस्कृति के कार्यक्रम के लिए बिना किसी हीलहवाले के मंजूर कर दिए जाते हैं।
जवाब देंहटाएंअरे हां, लिंक खुल नहीं रहा है, देखिए कहीं कोई गड़बड़ हो गई है।
जवाब देंहटाएंmai to us aadami ke dimaag k bare mey soch raha hoo, jisanae yah ''papalu'' fit kiya, had hai hamare janpratinidhi.....itane baune ho gaye ye log....?
जवाब देंहटाएंभाई साह्ब,उप्ररोक्त विशय चिन्ता का है और गरीब कि मेहनत कि कमाई इसमे झोकी जा रही है .
जवाब देंहटाएंInka kuchh na kuchh to karna hi chahiye bhai sahab ..
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