लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
अक्तूबर 30, 2010
नन्हें हांथों का कमाल …
दिवाली आई दिवाली आई , मेरी नन्हीं बिटिया अकुलाई , उसके नन्हें हांथों ने आंगन में देखो एक सुन्दर सी है रंगोली सजाई ।
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ale wah, kitta sundar...
जवाब देंहटाएंaapne kabhi bataya nai ki hamari bhatiji sahiba kitni badi hai, kabhi milwaya bhi nai aapne bhaiya...
jao jao aapse acchi artistik hai vo to...
jug-jug jiye meri bhatiji.... mastery le kalaon mein......bitiya rani..., bol dena use ki jab bhi aap daanto use, mujhe yad kar le bas, aapko fatak se side kar use bachaunga aapki daant se ;) bolunga, beti kahan budhau ki baat sunti hai, chal ghum ke ice-cream kha ke aate hain, fir dekhna, aapko puchhti hai ya mujhe.... ;)
जितनी सुन्दर रँगोली है , उतनी ही सुन्दर आपकी कविता भी है । और आपको भी शुभ दीपावली ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत
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