अब तक आपने सुना होगा बैंक के रिकवरी एजेंट क्लाइंट से जबरिया पैसा वसूल करते हैं । इस मामले को लोगों ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया और सुप्रीम कोर्ट ने सभी बैंकों को इस आशय के निर्देष दिये कि जबरिया या दादागिरी के तौर तरीके गलत ही नहीं गैर कानूनी भी हैं ऐसा करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए । किसी भी ॠण की वसूली कानूनी प्रावधान के अन्तर्गत ही की जानी चाहिए , इसके बाद से बैंकों ने थोड़ी नरमी के साथ काम करना शुरु किया । लेकिन यहाँ छत्तीसगढ़ में अभी भी हालात बदतर ही हैं बैंक तो बैंक यहाँ तो सरकारी महकमा भी प्रायवेट गुण्डो का सहारा नियम बना कर ले रहा है । यह अफ़सोस जनक हाल किसी और का नहीं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का विभाग (बिजली/सी एस ई बी) कर रहा है , वह भी केवल आम नागरिकों के साथ ,जिनका बिजली बिल कुछ दो-चार सौ रुपये का बकाया रह जाता है , उनके साथ , आम लोगों के साथ हो रही इस सरकारी गुण्डागर्दी की खबरें अब बकायदा शहर के अखबार छापने लगे हैं । लेकिन सरकारी महकमें को ऐसी खबरों से कोई फ़र्क नहीं पड रहा है । जिन लोगों ने भी किसी भी कारण से दो -तीन माह से अपना बिजली बिल नहीं जमा कराया ऐसे लोगों के घर दादागिरी करने वालों की , बिजली काटने वालों की एक टीम आ धमकती है , वसूली के लिए बकायदा चमकाती- धमकाती है और बिजली के सर्विस वायर को कहीं से भी काट कर चलते बनती है , मतलब जो कर सकते हो कर लो , जितना बिल दिया है पटाना ही होगा ,भले ही वह एक काम वाली बाई के दो कमरों के घर का बिल ग्यारह हजार रुपया हो , या फ़िर किसी पान की दुकान वाले का एक माह का बिल सोलह हजार रुपया आया हो , नहीं पटाया तो लाईन काटी जायेगी , वह भी दादागिरी से । गलत बिलिंग क्यों होती है ? इसके लिए दोषी कौन हैं ? दोषियों के लिए कोई सजा का प्रावधान भी है क्या ? इसका कोई जवाब नहीं है सरकार के पास । सच पुछें तो तानाशाही जैसा माहौल है यहाँ सरकारी महकमों में , और विभाग यदि माननीय मुख्यमंत्री जी का है तो फ़िर क्या कहनें । कोई कुछ नहीं कह सकता । आम जनता का बुरा हाल है । वहीं दूसरी ओर बड़े कारखानों या उन बड़े लोगों का जिनका बिजली बिल लाखों-करोड़ो रूपयों में बकाया है , उनकी लाईनें काट्ना तो दूर उनकी ओर कोई नजर उठा कर भी नहीं देखेगा । अकेले राजधानी रायपुर में लगे उद्योगों -अन्य कारोबारियों का हजारों करोड़ रुपयों का बिजली बिल बाकी है , मंत्रियों बड़े अधिकारियों के बंगलों इनके निजी आवासों का करोड़ों रूपयों का बिजली बिल बाकी है , किसी की हिम्मत नहीं है बकाया का कागज भी देने की , दादागिरी सिर्फ़ औए सिर्फ़ आम आदमी के साथ , गरीब और निरीह लोगों के साथ होती देखी जा सकती है । समूचे प्रदेश का यह हाल है कि जिन लोगों के यहाँ ए सी चलते हैं उनके यहाँ उनकी इच्छानुसार - सुविधानुसार बिजली का बिल आता है , सारी सेटिंग घर बैठे हो रही है और जिनके घरों एक पंखा या कूलर है वह मजबूर है हजारों में बिल पटाने को ।
इससे भी बड़ी विड़म्बना यहाँ यह है कि जनता के बीच से निकल कर नेता और मंत्री बने स्वनामधन्य लोग यह भूल जाते हैं वो क्या हैं ? क्यों हैं ? और कितने दिनों के लिए हैं ? कुर्सी पाते ही ऐसे लोग अधिकारियों के हाँथों खेलना शुरु हो जाते हैं । अधिकारी इनकी जी हुजूरी नहीं बल्कि ये अधिकारियों की जी हुजूरी करते नजर आते हैं । कहने में खराब जरूर लगता है पर यहाँ सच्चाई यही है । सभी विभागों का मानो यही हाल है - "अंधा बांटे रेवड़ी - चीन्ह चीन्ह के दे ।" क्या होगा छत्तीसगढ़ का ?
लाईन लास और बिजली चोरी करने वालों के बिल आम जनता को भरने पड़ते हैं। लाठियाँ उन पर ही भांजी जा रही है जिनके पास कोई पहुंच नहीं है।
जवाब देंहटाएंसीधवा के डऊकी - सबके भौजी
"Aawas Kraanti ke Janak", "Saral Hriday/Vyaktitva ke Dhani", "Chaur Wale Baba", "Garibon ke Masiha", "Desh ke No.1 C.M.", "Daru Wale Baba", ke mantralay se aur kya umeed kare. 2003 me ek KALAKAR se MUKTI ke liye inko BITHAYA, lekin 2008 me bhi hum is vyakti ko pahchaan ne me dhokha kha gaye. Ab to aisi sarkaari karyavaahiyon ki aadat banani hi padegi.
जवाब देंहटाएंअगर यही गरीब जनता मिल कर इन्हे सबक सीखाये तो देखो इन सब का क्या हाल होता हे? यही गरीब जनता के किमती वोट ले कर यह जहां पहुचे हे, उस जगह से एक दिन मे यह अपनी ऒकात मे आ सकते हे, बस जनता को जागरुक होना चाहिये,अपने को गरीब ओर लाचार ना समझे यह जनता बहुत दम हे, बस एकता की कमी हे
जवाब देंहटाएंaashutosh ji,
जवाब देंहटाएंsaari musibaten garibon ke hi hisse men aati hain !
jisake pas paisa aur takat hai wah apna har kaam apani sharton par karawa leta hai ! wah bhi saare niyam tak par rakh kar!
aap garibon ki aawaz bankar bahut hi stutya karya kar rahe hain !
naw varsh ki agrim badhai evam shubhkamanaayen!
-gyanchand marmagya
लोगों को जागरूक करती खबर।
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम! बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष मंगलमय हो!
हर जगह ऐसी ही 'सेटिंग'भ्रष्ट अधिकारियों की चलती है..क्या कर सकेगी गरीब जनता?
जवाब देंहटाएंsamaaj ek chakhle se jyada kuch nahi hai sahab....garib vaishyaein bhrasht poonjivadiyon ke dhan ke aage vivash hain.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई भाई ....लोगों को जागरूक करने वाली खबर
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष 2011की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंआपके जीवन में बारबार खुशियों का भानु उदय हो ।
जवाब देंहटाएंनववर्ष 2011 बन्धुवर, ऐसा मंगलमय हो ।
very very happy NEW YEAR 2011
आपको नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें |
satguru-satykikhoj.blogspot.com
जागरूक करने वाली पहल....
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की आपको हार्दिक सुभकामनाएँ.
2011 का आगामी नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो,
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाओं सहित...