मेरा अपना संबल

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा   :  मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।

जनवरी 07, 2011

देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान…


मृत विधायक राजकिशोर और आरोपी महिला रूपम पाठक
वो मेरी बेटी का इज्जत लूटना चाहते थे। उसका पीए फोन पर लगातार धमकियां देता था। विधायक हत्याकांड में दोषी रूपम पाठक ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। रूपम का कहना है कि, राजकिशोर केसरी का पीए विपिन उसको फोन पर बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाने की बात कहता था। उसने मेरी इज्जत तो बर्बाद कर ही दी, अब बेटी की इज्जत बर्बाद करना चाहते थे। इसलिए मैंने उसे मार दिया।
दैहिक शोषण के खिलाफ़ आवाज उठी , पुलिस में रिपोर्ट हुई , रिपोर्ट वापस लेने दबाव बना , रिपोर्ट वापस भी हो गई , पीड़ित-आक्रोशित महिला ने चाकू से दोषी को मारा , दोषी की मौत हो गई । राज्य के मुख्यमंत्री ने तुरंत ही यह घोषणा कर दी की पूरे राजकीय सम्मान के साथ मृत विधायक का अंतिम संस्कार किया जायेगा । इस पूरी घटना से लगा कि दो ही वर्ग है । एक राजनेताओं का , राजनीतिज्ञों का दूसरा आमजनता का । हर हाल में सम्मान के हकदार ये नेता ही हैं चाहे वे कूछ भी कर लें । सम्मान जनता का तो है ही नहीं । एक महिला ने इतना बड़ा कदम किन हालातों में , क्यों और कैसे उठाया , यह सोचने - समझने की जरूरत ही नहीं , सारी हमदर्दी राजनीति के साथ  है तभी तो बिना देर किये मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी कि मृत विधायक का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा । मर गई संवेदना , कि भरी भीड़ में उस महिला ने आखिर ऐसा किया क्यों ? उसकी आवाज क्यों और कैसे दबा दी गई ? राजनीति कहाँ आकर खड़ी है ? तमाम सवाल हैं जिसकी मानो किसी को परवाह ही नहीं है। उल्टा समाज के ठेकेदारों - मर्दों ने उस अकेली महिला को सरे आम पीट कर मानो कानून की रक्षा की । चापलूसी का उत्कृष्ट नमूना पेश किया । राज्य शासन को शायद इन्हें भी पुरस्कृत करना चाहिए । भूल गये मुख्यमंत्री जी इस आशय की घोषणाकरना शायद ।
 बिहार में सत्ताधारी भाजपा के स्थानीय विधायक राजकिशोर केसरी की एक महिला ने कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी।
बिहार के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने बताया कि मंगलवार सुबह पूर्णिया के विधायक केसरी अपने घर पर आम लोगों से मिल रहे थे। उसी दौरान रूपम पाठक नामक एक महिला ने अचानक उन पर चाकू से हमला कर दिया। नीलमणि ने बताया कि हमले के बाद खून से लथपथ केसरी को पास के अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।घटना के बाद विधायक के घर पर मौजूद लोगों ने आरोपी महिला को बुरी तरह पीटा और बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
आरोपी महिला ने छह महीने पहले विधायक केसरी के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था।भाजपा विधायक की मौत से स्तब्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की उच्चस्तरीय जाँच कराने के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिए और विधायकों से मिलने से पहले लोगों की समुचित तलाशी सुनिश्चित करने को कहा।
नीतीश ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को तुरंत घटनास्थल पर रवाना होने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केसरी की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। उन्होंने पूर्णिया में विधायक समर्थकों और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि दोषी को समुचित सजा दिलाई जाएगी।
मुझे फाँसी दे दीजिए -
विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या की आरोपी 40 वर्षीय महिला रूपम पाठक ने कहा है कि उसे फाँसी दे दी जाए। रूपम का इलाज कटिहार के एक अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल में रूपम ने पत्रकारों से कहा कि वह दुष्ट है, शैतान है, पापी है, अन्यायी है। वह नहीं मर सकता। पूर्णिया के राजहंस पब्लिक स्कूल में शिक्षिका रूपम ने कहा कि उसे फाँसी दे दी जाती तो अच्छा होता।
सारे देश के लिये यह खबर एक नया सन्देश लेकर आयी है।  मौके पर तैनात पुलिस वालों ने रूपम को घटनास्थल पर पकड लिया और पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।
घटनास्थल पर उपस्थित अधिकांश लोगों को और विशेषकर पुलिसवालों को इस बात की पूरी जानकारी थी कि विधायक पर क्यों हमला किया गया है एवं हमला करने वाली महिला कितनी मजबूर थी। बावजूद इसके पुलिस वालों ने आक्रमण करने वाली  आरोपी महिला रूपम पाठक द्वारा किये गए आक्रमण के समय सुरक्षा गार्ड उसको नियन्त्रित नहीं कर सके और उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिसका पुलिस को कोई अधिकार नहीं था। रूपम की पिटाई करने वाले पुलिस वालों के विरुद्ध किसी प्रकार का प्रकरण तक दर्ज नहीं किया गया है। जबकि रूपम के विरुद्ध हत्या का अभियोग दर्ज करने के साथ-साथ, रूपम पर आक्रमण करने वालों के विरुद्ध भी मामला दर्ज होना चाहिये था।
राजकिशोर केसरी की हत्या के बाद यह बात सभी के सामने आ चुकी है कि इस घटना से पहले रूपम पाठक ने बाकायदा लिखित में फरियाद की थी कि राज किशोर केसरी, विधायक चुने जाने से पूर्व से ही गत तीन वर्षों से उसका यौन-शोषण करते रहे थे और उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित भी कर रहे थे। जिसके विरुद्ध नीतिश कुमार प्रशासन से कानूनी संरक्षण प्रदान करने और दोषी विधायक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग भी की गयी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन एवं नीतिश सरकार कुमार ने रूपम पाठक को न्याय दिलाना तो दूर, किसी भी प्रकार की प्राथमिक कानूनी कार्यवाही करना तक जरूरी नहीं समझा। आखिर सत्ताधारी गठबन्धन के विधायक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कैसे की जा सकती थी?
स्वाभाविक रूप से रूपम पाठक द्वारा पुलिस को फरियाद करने के बाद; विधायक राज किशोर केसरी एवं उनकी चौकडी ने रूपम पाठक एवं उसके परिवार को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। सूत्र यह भी बतलाते हैं कि रूपम पाठक से राज किशोर केसरी के लम्बे समय से सम्बन्ध थे। जिन्हें बाद में रूपम ने यौन शोषण का नाम दिया है। हालांकि इन्हें रूपम ने अपनी नीयति मानकर स्वीकार करना माना है, लेकिन पिछले कुछ समय से राज किशोर केसरी ने रूपम की 17-18 वर्षीय बेटी पर कुदृष्टि डालना शुरू कर दिया था, जो रूपम पाठक को मंजूर नहीं था। इसी कारण से रूपम पाठक ने पहले पुलिस में गुहार की और जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो खुद ने ही विधायक एवं विधायक के आतंक का खेल खतम कर दिया!
रूपम पाठक ने जिस विधायक का खेल खत्म किया है, उस विधायक के विरुद्ध दाण्डिक कार्यवाही नहीं करने के लिये बिहार की पुलिस के साथ-साथ नीतिश कुमार के नेतृत्व वाली संयुक्त सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। विशेषकर भाजपा इस कलंक को धो नहीं सकती, क्योंकि राजकिशोर केसरी को भाजपा ने यह जानते हुए भी टिकिट दिया कि राज किशोर केसरी पूर्णिया जिले में आपराधिक छवि के व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। जिसकी पुष्टि चुनाव लडने के लिये पेश किये गये स्वयं राज किशोर केसरी के शपथ-पत्र से ही होती है।
पवित्र चाल, चरित्र एवं चेहरे तथा भय, भूख एवं भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का नारा देने वाली बिहार सरकार का यह भी एक चेहरा है, जिसे बिहार के साथ-साथ पूरे देश को ठीक से पहचान लेना चाहिये और नीतिश कुमार को देश में सुशासन के शुरूआत करने वाला जननायक सिद्ध करने वालों को भी अपने गिरेबान में झांकना होगा। इससे उन्हें ज्ञात होना चाहिये कि बिहार के जमीनी हालात कितने पाक-साफ हैं। जो सरकार एक महिला द्वारा दायर मामले में संज्ञान नहीं ले सकती, उससे किसी भी नयी शुरूआत की उम्मीद करना दिन में सपने देखने के सिवा कुछ भी नहीं है!
रूपम पाठक का मामला केवल बिहार, भाजपा, नीतिश कुमार या राजनैतिक ताकतों के मनमानेपन का ही प्रमाण नहीं है, बल्कि यह प्रकरण एक ऐसा उदाहरण है जो हर छोटे-बडे व्यक्ति को यह सोचने का विवश करता है कि नाइंसाफी से परेशान इंसान किसी भी सीमा तक जा सकता है। पुलिस, प्रशासन एवं लोकतान्त्रिक ताकतें आम व्यक्ति के प्रति असंवेदनशील होकर अपनी पदस्थिति का दुरूपयोग कर रही हैं और देश के संसाधनों का मनमाना उपयोग तथा दुरूपयोग कर रही हैं। सत्ता एवं ताकत के मद में आम व्यक्ति के अस्तित्व को ही नकार रही हैं।
ऐसे मदहोश लोगों को जगाने के लिये रूपम ने फांसी के फन्दे की परवाह नहीं करते हुए, अन्याय एवं मनमानी के विरुद्ध एक आत्मघाती कदम उठाया है। जिसे यद्यपि न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन रूपम का यह कदम न्याय एवं कानून-व्यवस्था की विफलता का ही प्रमाण एवं परिणाम है। जब कानून और न्याय व्यवस्था निरीह, शोषित एवं दमित लोगों के प्रति असंवेदनशील हो जाते हैं तो रूपम पाठक तथा फूलन देवियों को अपने हाथों में हथियार उठाने पडते हैं। जब आम इंसान को हथियार उठाना पडता है तो उसे कानून अपराधी मानता है और सजा भी सुनाता है, लेकिन देश के कर्णधारों के लिये और विशेषकर जन प्रतिनिधियों तथा अफसरशाही के लिये यह मनमानी के विरुद्ध एक ऐसी शुरूआत है, जिससे सर्दी के कडकडाते मौसम में अनेकों का पसीना छूट रहा है।
अत: बेहतर होगा कि राजनेता, पुलिस एवं उच्च प्रशासनिक अधिकारी रूपम के मामले से सबक लें और लोगों को कानून के अनुसार तत्काल न्याय देने या दिलाने के लिये अपने संवैधानिक और कानूनी फर्ज का निर्वाह करें, अन्यथा हर गली मोहल्लें में आगे भी अनेक रूपम पैदा होने से रोकी नहीं जा सकेंगी। समझने वालों के लिये रूपम एक चेतावनी है ।

14 टिप्‍पणियां:

  1. सच में बहुत अच्छा प्रयास है , आपसे अपेक्षा है कि आपकी लेखनी से वर्तमान संचार सुविधा से सभी परिचित हों , और हमारे शहर और प्रदेश की सर्व सुन्दरता बनाये रखने में जन प्रतिनिधि विशेष रूचि ले !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सटीक विचार। रूपम के साहस से कइयों की आँखें खुल जाएंगी।

    मुझे नहीं पता कि रूपम की कहानी इससे पहले किसी मीडिया ने प्रकाशित की थी कि नहीं। मामला जब इस हद तक पहुँच गया है तभी यह जन सामान्य की जानकारी में आ सका है।

    ईश्वर करे देश की अदालतें इस महिला के साथ उचित न्याय कर सकने में सक्षम हों।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सत्य बोला आशुतोष भाई आपने रूपं ने जो कार्य किया उसने बहुतों की नींद उड़ा दी होगी और जनता की आँखे खोल दी होगी| कहीं न कहीं सुशासन बाबु की सुशासन का पता चलता है|

    जवाब देंहटाएं
  4. आशुतोष जी, सही जानकारी देने के लिए धन्यवाद. उम्मीद है रूपम जी को न्याय मिले.

    जवाब देंहटाएं
  5. yah khabar samaachaar patr me padha thaa.. aapka lekh chetaata hai ..aur chet bhi jana chahiye nahi to kai rupam janm lengi aage bhi.. sahi kaha aapne.. Rupam ko nayaay miley..

    जवाब देंहटाएं
  6. खबर को विस्तार देकर दीन हीन का पक्ष सामने लाने के लिए धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  7. सच सामने लाने का आपका यह प्रयाश प्रशंसनीय है। सबक सीखाने वाला काण्ड मगर कोई सीखना चाहे तब न!

    जवाब देंहटाएं
  8. रुपम ने अन्य लाचार लोगो को इन कमीने नेताओ से बदला लेना का रास्ता बता दिया, ओर जो कुछ रुपम ने किया बिलकुल सही किया. धन्यवाद आप का

    जवाब देंहटाएं
  9. इस बारे में मैंने भी यहाँ अंडमान में TV में न्यूज देखी थी...


    ___________________________________
    "पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

    जवाब देंहटाएं
  10. सच सामने लाने का आपका यह प्रयाश प्रशंसनीय है

    जवाब देंहटाएं
  11. कितना अच्छा होता की उस महिला को न्याय मिल पाता .... कितनी मजबूरी में उसने यह कदम उठाया इससे कोई अब अनजान नही है .... जहां रक्षक हो भक्षक बन जाए फिर देश के हालात कैसे होंगे ?

    जवाब देंहटाएं
  12. यह हत्या नहीं है, इसे 'वध'कहतें है । अत्याचार,अनाचार और मनमानी होती रहीं तो वध होते रहेंगे और होते रहना चाहिये।

    जवाब देंहटाएं

आपकी मूल्यवान टिप्पणी के लिए कोटिशः धन्यवाद ।

फ़िल्म दिल्ली 6 का गाना 'सास गारी देवे' - ओरिजनल गाना यहाँ सुनिए…

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...