"बाबा औघडऩाथ का ‘प्राकट्य दिवस’ 23-24 को "
यह जानकारी मनीष वोरा ने दी है । मनीष ने बताया है कि -
अघोर पंथ और उसकी गुरू-शिष्य परंपरा पर आस्था रखने वालों को जल्द ही बाबा औघडऩाथ के दर्शन का लाभ उठाने का मौका मिल सकेगा. अवसर संजोया है प्रोफेसर कॉलोनी स्थित सुमेरू मठ ने, जहां हर वर्ष की तरह इस साल भी 23 एवं 24 जून को बाबा औघडऩाथ जी का ‘प्राकट्य दिवस’ मनाया जायेगा. अघोर पंथ पर आधारित पूजन-अभिषेक, भजन-संगीत, कव्वाली-महफिल और सामूहिक प्रसादी का लाभ श्रद्धालु उठा सकेंगे. पारद निर्मित रसेश्वर शिवलिंग का अभिषेक विशेष आकर्षण लिये होगा.
सुमेरू मठ के स्वामी प्रचंड वेगनाथ ने बताया कि औघडऩाथ जी के ‘प्राकट्य दिवस’ की शुरूआत 23 और 24 से होगी. 23 की संध्या रात आठ बजे पारद निर्मित रसेश्वर शिवलिंग का अभिषेक होगा. उसके बाद बाबा औघडऩाथ की गद्दी के दर्शन किये जा सकेंगे. श्रद्धालुओं को यह मौका वर्ष में एक बार ही मिल पाता है. रात में प्रसिद्ध भजन गायक मदन चौहान की स्वरलहरियां गूंजेंगी.
प्राकटय दिवस का दूसरा दिन धार्मिक एकता का संदेश देती सूफियाना कव्वाली, महफिलें और विशाल भंडारा के नाम रहेगा. उत्तर प्रदेश से आई देशप्रसिद्ध मोईन निजामी एण्ड पार्टी, कव्वाली पेश करेंगी वहीं भजन और गीत के कार्यक्रम होंगे. दिनभर प्रसादी का प्रतीक बने विशाल भंडारे का आयोजन भी रखा गया है. पिछले छह सालों से आयोजित हो रहे इस धार्मिक आयोजन का एक उद्देश्य यह है कि अघोर पंथ को लेकर जो भ्रांतियां आमजनों के मन में हैं, उनका निराकरण हो सके. आयोजन स्थल सुमेरू मठ की खासियत यह है कि यहां नाथ सम्प्रदाय के अघोर पंथ से संबंधित मंदिर है जिसका गुम्बद श्रीयंत्र की आकृति का है और मंदिर में पारद निर्मित शिवलिंग स्थापित है जो सिर्फ अमरकंटक में ही स्थित है. मंदिर की मुख्य पुजारी एक स्त्री है. स्वामी प्रचंड वेगनाथ के मुताबिक कई भ्रांति और धारणाओं से ग्रसित मानव स्वभाव अघोर पंथ को श्मशान साधना, चमत्कारिक साधुओं या जीवन की समस्याओं का निराकरण करने तक ही सीमित रखता है जबकि यह जात-पात और धार्मिक भेदभाव से दूर सभी मजहबों का आश्रय-स्थल भी है, आयोजन के माध्यम से यही संदेश दिया जाना है. अधिक जानकारी के लिये सुमेरू मठ, अघोडऩाथ दरबार, सेक्टर-3, प्रोफेसर कॉलोनी, मनसा तालाब के पास, रायपुर से संपर्क कर सकते हैं.
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मेरा अपना संबल
जून 22, 2010
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