लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
जून 21, 2010
बारिश का मौसम और हम
सुहानी बारिश आ ही गई । तपती धूप से राहत मिली , लेकिन ऊमस का दौर अभी बाकी है । बारिश के मौसम में क्या सावधानियाँ रखी जानी चाहिए आईए इन पर कुछ बातें कर लेते हैं । यह तो सभी जानते हैं की मौसम का हम सब बड़ा प्रभाव पड़ता है । मन और शरीर दोनों पर ही इसका असर देखा जा सकता है । शरीर की पाचन क्रिया हर मौसम में अलग-अलग होती है , इसीलिए हमें मौसम का ध्यान रख कर ही भोजन करना चाहिए , ताकि वह सही समय और सही तरीके से पच जाए । यदि हम ऐसा करने मे सफ़ल होते हैं तो न तो हमें कोई बीमारी होगी और ना अपने रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने में कोई दिक्कत पेश आएगी । बारिश के मौशम में बहुत सावधान रहने की सलाह दी जाती है । जानकारों का कहना है कि इस मौसम में जठराग्नि मंद पड़ जाती है । इस मौसम में भूख भी कम ही लगती है । मुख्य आहारों में पुराना चावल , मूंग की दाल , गेंहू का आटा , बैंगन का प्रयोग करने की सलाह जानकार लोग देते हैं । इस मौसम में नए अनाज का उपयोग करने से मना किया जाता है । साथ ही सड़े गले फ़ल -सब्जियों , बासी अन्य भोज्य पदार्थों , चाट - पकौड़ी , शीतल पेय पदार्थों से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है । इस मौसम में कच्चा दूध , लस्सी पीना भी वर्जित किया जाता है । यह सब आयुर्वेद के हिसाब से उसे मानने वाले सही बताते हैं ।
यह सब बातें आप भी अच्छी तरह से जानते हैं । मैंने इन्हें कहीं पढ़ा था । आज समय अनुकूल देख इन बातों को आप के साथ शेयर कर रहा हूं , भावना यही है कि आप - हम सभी अच्छी जानकारियाँ एक - दूसरे को याद दिलाकर स्वस्थ्य - प्रसन्न रखने का प्रयास करते रहें । धन्यवाद ।
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