परम पुज्य ,श्रद्धेय बाबा जी का संदेश , एक टिप्पणी के रूप मे मिला । परम पूज्य जी को प्रणाम । पोस्ट का उद्देश्य एक नेता के विषय में कुछ कहना - बताना था । परम पूज्य भगवान अघोरेश्वर जी के पुत्र एवम शिष्य के विषय में कुछ कहना इस पोस्ट का उद्देश्य कतई भी नहीं था । मेरे जैसा तुच्छ प्राणी क्या लिख पाएगा परम पूज्य बाबा जी के विषय में । लगता है मेरा पोस्ट किसी भाई ने बाबा जी तक पहुंचाते-पहुंचाते उसमें अपनी अगाध श्रद्धा भी शामिल कर दी थी और एक नया अर्थ निकल गया ।
परम पूज्य बाबा जी को कोटिशः प्रणाम ।
आपके शुभ आशीर्वचन के लिये मैं आभार प्रकट करता हूँ । सदैव आपका आभारी रहुंगा । ॐ तत्सत ।
लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
जून 20, 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी मूल्यवान टिप्पणी के लिए कोटिशः धन्यवाद ।