लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
जुलाई 25, 2010
94 लाख का नाश्ता - पानी , भई वाह !!!
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देश के साथ ही अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखता है। इस मंत्रालय ने पिछले दो वर्ष के दौरान जलपान पर 94 लाख रुपए से से भी ज्यादा की राशि खर्च की जो प्रधानमंत्री कार्यालय की तुलना में आठ गुणा ज्यादा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस अवधि में जलपान पर 11,77,849 रुपए खर्च किए।
सूचना के अधिकार कानून के तहत आरटीआई के तहत माँगी गई जानकारी का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अवर सचिव अनिल उनियाल ने बताया कि वित्त वर्ष 2008-09 में मंत्रालय में जलपान पर 49,45,590 रुपए खर्च किए गए जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में यह खर्च 44,62,375 रुपए रहा।
आरटीआई के तहत हिसार स्थित सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से पिछले दो वर्ष में सरकारी बैठकों के दौरान नाश्ते और बोतलबंद पेयजल पर होने वाले खर्च का ब्यौरा माँगा था।
प्रधानमंत्री कार्यालय में अनुभाग अधिकारी सुबीर नारायण ने कहा कि वित्त वर्ष 2008-09 में पीएमओ में सरकारी बैठकों के दौरान जलपान पर 5,51,146 रुपए खर्च किए गए जबकि 2009-10 में जलपान पर खर्च बढ़ कर 6,26,703 रुपए हो गया।
ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी, बेरोजगारी और विकास को मिटाने के लिए जिम्मेदार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी पिछले दो वर्ष में सरकारी बैठकों में जलपान एवं बोतलबंद पेयजल पर 41,42,357 रुपए खर्च किए है।
सरकारी बैठकों के चाय नाश्ते पर खर्च में जल संसाधान मंत्रालय भी बहुत पीछे नहीं है जिसने वित्त वर्ष 2008-09 तथा 2009-10 में 27,76,049 रुपए खर्च किए।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में उपसचिव बी एस नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय में वित्त वर्ष 2008-09 में जलपान पर 19,99,016 रुपए और बोतलबंद पेयजल पर 35,424 रुपए खर्च किए गए।
इसी प्रकार वित्त वर्ष 2009-10 में जलपान पर 19,83,568 रुपए और बोतलबंद पेजजल पर 1,24,349 रुपए खर्च किए गए। इन दो वर्ष में मंत्रालय ने जलपान पर कुल 41,42,357 रुपए खर्च किए।
जल संसाधन मंत्रालय में अवर सचिव पीसी राजगोपालन ने आरटीआई का उत्तर देते हुए कहा कि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2008-09 में वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य सरकारी बैठकों के दौरान जलपान पर 14,16,175 रुपए तथा 2009.10 में 13,59,874 रुपए खर्च किए। इन दो वर्ष में मंत्रालय ने जलपान पर 27,76,049 रुपए खर्च किए।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस अवधि में चाय, नाश्ते एवं बोतलबंद पेयजल पर 20,73,320 रुपए खर्च किए।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अवर सचिव अरूणोदय गोस्वामी ने आरटीआई के उत्तर में बताया कि वित्त वर्ष 2008.09 में मंत्रालय में चाय-नाश्ते पर 8,65,759 रुपए और बोतलबंद पेयजल पर 61,581 खर्च किए गए। जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में चाय-नाश्ते पर 9,93,490 रुपए और बोतलबंद पेयजल पर 1,52,490 रुपए खर्च हुआ।
उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय ने विगत दो वर्ष में नाश्ते और बोतलबंद पेयजल पर 14,23,277 रुपए खर्च किए।
उपभोक्ता मामलों एवं खाद्य मंत्रालय के उपसचिव जीपी पिल्लै ने जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय में सरकारी बैठकों के दौरान वित्त वर्ष 2008-09 में नाश्ते पर 5,64,721 रुपए और बोतलबंद पेयजल पर 15,150 रुपए खर्च किए गए। जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में नाश्ते पर 8,23,031 रुपए और बोतलबंद पेयजल पर 20,275 रुपए खर्च आए।
इस प्रकार मंत्रालय में दो वर्षों में कुल खर्च 14,23,277 रुपए आया, जिसमें नाश्ते का खर्च 13,87,752 रुपए और बोतलबंद पेयजल का खर्च 35,525 रुपए रहा।
सरकारी बैठकों में जलपान पर खर्च करने में प्रधानमंत्री कार्यालय भी पीछे नहीं है जिसने पिछले दो वर्षों में 11,77,849 रुपए खर्च किए।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
खाओ - खाओ ,खूब खाओ । कभी न कभी तो हिसाब देना ही होगा , गरीबों की हाय से कब तक , कहाँ तक बचोगे ?
जवाब देंहटाएं