
लगातार दिल देने वाली घटनाओं को अंजाम दे रहे नक्सलियों के होसले काफी बुलंद देख रहे हैं | उनकी हैवानियत बढती ही जा रही है | एक दिन पहले सी आर पी एफ के जिन जवानों की ह्त्या की गी थी , नक्सलियों ने उनके शवों को भी क्षत -विक्षप्त किया था , उनका गला रेतने और अंग भंग करने जैसा वीभत्स कृत्य किया था |
देश के विभिन्न भागों में बीते पाँच सालों के दौरान नक्सली हिंसा में लगभग १० हजार ५०० लोगों की जानें गईं हैं | आम लोगों और सुरक्षाकर्मियों की जान ली गईं हैं | हाल के दिनों में नक्सल प्रभावित इलाकों में भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में आई तेजी से आम आदमी भी गंभीर रूप से चिंतित है।
देश के विभिन्न भागों में बीते पाँच सालों के दौरान नक्सली हिंसा में लगभग १० हजार ५०० लोगों की जानें गईं हैं | आम लोगों और सुरक्षाकर्मियों की जान ली गईं हैं | हाल के दिनों में नक्सल प्रभावित इलाकों में भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में आई तेजी से आम आदमी भी गंभीर रूप से चिंतित है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों की बात को सही माने तो अकेले 2009 में ही लगभग 2375 लोगों के नक्सलियों के हाथ मारे जाने की खबर है, जबकि 2008 में 1770 लोग नक्सलियों का शिकार बने थे। इस साल जनवरी से जून के बीच 450 से अधिक लोग नक्सली हमलों की भेंट चढ़ चुके हैं ।
सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार भी नक्सली हमलों में आई तेजी से काफी चिन्तित है और इससे निपटने के लिए व्यापक रूपरेखा तैयार की जा रही है। गृह मंत्रालय ने दंतेवाड़ा हमले के बाद नक्सल विरोधी अभियान के लिए सीआरपीएफ में ही चार नए विशिष्ट पदों का सृजन किया है।
ये तो हो गई दिल्ली की बात | ये आंकड़े भी सरकारी हैं |
छत्तीसगढ़ सरकार रोज नई रणनीति ही बना रही होती है | उसके अधिकारी राजधानी रायपुर में बैठ कर यह लड़ाई लड़ना चाहते हैं ,शायद | रोज मुख्यमंत्री को कुछ न कुछ समझा आते हैं |और हेलिकॉप्टर से बस्तर का दौरा पूरा कर आते हैं | शायद कुछ ऐसा ही है यहाँ इस समस्या का हल |
सार्थक लेखन।
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