अहमदाबाद में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की
हत्या स्थानिय अदालत के सामने दिन दहाड़े कर दी गई अमित के पिता के बयान के बाद से हत्या का रहस्य और गहराता जा रहा है। अमित के परिवार वाले जिस भाजपा सांसद पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं, आरोपी सांसद
हत्या के बाद से ही गायब है।
हालांकि अभी पुलिस को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग पाया है। सुबूत जुटाने के लिए पुलिस की टीम जूनागढ़ में है। अमित ने गिर वन इलाके में अवैध खनन में कथित रूप से सोलंकी के शामिल होने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। गिर वन एशियाई शेरों की एक मात्र प्राकृतिक रिहाइश रह गई है। इसलिए इस इलाके में अवैध खनन से इसके वजूद को भी खतरा है। गिर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के पांच किलोमीटर के दायरे में सालाना कथित तौर पर 50 करोड़ रुपये मूल्य के खनिजों का अवैध खनन होता है। अमित ने इसी के खिलाफ आवाज उठाई थी। वह पहले भी जनहित के कई मामलों पर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए आवाज उठाते रहे थे। अमित के पिता ने साफ कहा कि उनके बेटे को जूनागढ़ के भाजपा सांसद दीनू सोलंकी ने मरवाया है। उनके मुताबिक सांसद उन्हें और उनके बेटे को मरवाने की लगातार धमकी देते रहे थे। भीखू जेठवा ने कहा, ‘मुझे पूरा शक है कि मेरे बेटे की हत्या के पीछे दीनू सोलंकी ही है। वह मुझे फोन पर धमकी देता था। मेरे बेटे को तो उसने कई बार धमकी दी। अमित को हजार लोगों की भीड़ के सामने धमकी दी गई थी। पर किसी ने आवाज उठाने की हिम्मत नहीं की । यह दुर्भाग्य है हमारा ।
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