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रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा   :  मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।

अगस्त 18, 2010

देश और दुनियाँ के गरीब देशों में " छत्तीसगढ़" भी

"ऑक्सफ़ोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव" नामक संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित संस्था जिसको विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त है ,का अध्यन है कि छत्तीसगढ़ में  भी अफ़्रीकी देशों जैसी ही गरीबी है -निर्धनता है।शर्म आनी चाहिए हमारे उन सभी नेताओं को जिन्होने  छत्तीसगढ़ के विकास के नाम पर अरबों - खरबों रुपए फ़ूंक डाले और यह भी साबित कर दिखाया कि उन रुपयों से उन्होंने किसका विकास किया है ।
संस्था की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के आठ राज्यों में अफ़्रीका के 26 सर्वाधिक  गरीब देशों से भी ज्यादा गरीबी है । ये गरीबी भोग रहे राज्य हैं - बिहार,झारखंड, मध्य प्रदेश,  छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल ।और ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि इसकी जानकारी भारत सरकार को भी है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बकायदा राज्यसभा में इस बात को स्वीकार भी किया है । उनकी इस स्वीकारोक्ति के पीछे गर्वोक्ति छिपी थी या शर्म यह पता नहीं चल पाया , लेकिन देश जरूर शर्मसार है कि उसके पास ऐसे नेताओं की ही भरमार है । देश को  गरीब रख कर खुद को अमीर बनाने वाले नेताओं से आखिर कब और कैसे निजात मिल पायेगी ? ये बेशर्मी से अपनी तनख्वाह बढ़ाने जा रहे हैं । अरे शर्म करो, निर्लज्जों । छत्तीसगढ़ का हाल यह है कि यहाँ कल तक  सड़कों की धूल फ़ांकने वाले कथित नेता आज के अरब पति बने बैठे हैं ,बिना किसी व्यवसाय के । और प्रदेश के लोगों की गरीबी दिनों दिन बढ़ती जा रही है । इन गरीबों को सस्ता चांवल देने के नाम पर भी यहाँ नेता और उनके चंद व्यापारी लाल हुए जा रहे हैं । गरीबों का बुरा हाल है । कागजी विकास, कांक्रीट के जंगलों का विकास , यहाँ का मूल मुद्दा है जिसे लेकर सभी राजनैतिक पार्टियों में एका है ।गरीबों की खेतिहर जमीनें जबर्दस्ती खरीदीं-बिकवाई जा रही हैं । इस काम में क्या मंत्री और क्या संत्री सभी पूरे जोरशोर से लगे देखे जा सकते हैं । भला कोई बताए कैसे और कब होगी यहां से गरीबी दूर , जहाँ के रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं ???

2 टिप्‍पणियां:

आपकी मूल्यवान टिप्पणी के लिए कोटिशः धन्यवाद ।

फ़िल्म दिल्ली 6 का गाना 'सास गारी देवे' - ओरिजनल गाना यहाँ सुनिए…

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