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रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस

रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा   :  मो. नं. 9717630982 पर करें एसएमएस
रेलवे की एस.एम.एस. शिकायत सुविधा : मो. नं. 9717630982 पर करें एस.एम.एस. -- -- -- ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------- ट्रेन में आने वाली दिक्कतों संबंधी यात्रियों की शिकायत के लिए रेलवे ने एसएमएस शिकायत सुविधा शुरू की थी। इसके जरिए कोई भी यात्री इस मोबाइल नंबर 9717630982 पर एसएमएस भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नंबर के साथ लगे सर्वर से शिकायत कंट्रोल के जरिए संबंधित डिवीजन के अधिकारी के पास पहुंच जाती है। जिस कारण चंद ही मिनटों पर शिकायत पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती है।

सितंबर 27, 2010

शायद सस्ती है जवानों की जान छत्तीसगढ़ में

हमारा छत्तीसगढ़ समूचे देश में ही नहीं , पूरी दुनियाँ में  नक्सलवाद  से घिरा प्रदेश माना जाता है । आये दिन यहाँ नक्सल आतंक देखने-सुनने को मिलता है । हमारे अफ़सर - नेता राजधानी में बैठ कर इस पर नियंत्रण पाने की कवायत करते हैं । बीते रविवार 19 सितम्बर को नक्सल प्रभावित बीजापु्र क्षेत्र के भद्रापाली थाने में पदस्थ सात जवानों को नक्सलियों ने भोपालपटनम से भद्रापाली के बीच अगवा कर लिया । इसी जंगल में तीन शव भी मिले ,जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई । इन जवानों की रिहाई के बदले नक्सली कुछ शर्तें रख रहें हैं जो केवल सरकारी नुमाइंदें जानते हैं । यह पूरा प्रकरण ठीक बिहार में हुई घटना की मानो पुनरावृति है । अंतर केवल इतना है कि तब झारखण्ड में शासन-प्रशासन और वहाँ के आम लोगों की इस प्रकरण पर चिंता समुचा देश-विदेश देख-सुन रहा था , सब इसी कोशिश में थे कि जवानों की हर हाल में रिहाई हो । एक मंत्री को नक्सलियों से चर्चा करने भेजा गया और अंततः अपहृत पुलिस जवानों की रिहाई हुई भी , लेकिन ऐसा कुछ क्या उसका दस फ़ीसदी प्रयास हमारे यहाँ होता हुआ न तो आप देख पा रहे हैं और ना ही सुन सकते हैं । हमारे नेता - अधिकारी एक उपचुनाव में व्यस्त हैं , दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों की मानों प्रतिष्ठा दांव पर लगी है भटगाँव के उपचुनाव में । अभी फ़ालतु कामों के लिए किसी को फ़ुर्सत कहाँ है ? मीडिया के भी मानों हाँथ बधें है । विज्ञापनों का बंधन उनकी भी चीखने-चिल्लाने की - छापने की सीमा तय करता है । जो अच्छा लिखने के लिए कभी सराहे गये वैसे लोगों ने अपने आप को सरकारी उपक्रमों में एक अदना सा किन्तु उनके लिए शायद अदद सा पद पाने के लिए गिरवी रख दिया । कौन कहे-सुने ? किसके लिए ? कोई मंत्री -विधायक य आला अधिकारी का भाई य बच्चा हो तो फ़िर बात कुछ और हो , ये बेचारे ठहरे गरीब-बेरोजगार ,जरूरतमंद परिवार के बच्चे जो पुलिस में भर्ती होकर अपने प्राणों की आहूति देने ही आते हैं नेताओं के लिए । नक्सली भी ऐसे कमजोर लोगों को पकड कर अपनी बहादुरी का परिचय देते शर्म नहीं महसूस करते । हमारे छत्तीसगढ़ में कौन लड़ेगा इन बेचारों के लिए ?   मुखयमंत्री जी ने एकाध चैनल वालों को पूछे जाने पर कह दिया है कि उनके अधिकारी कोशिश कर रहे हैं , बस । और भला वे कर भी क्या सकते हैं ? सच ही तो कहा है मुखयमंत्री  ने, यहाँ जो भी करते हैं कुछ एक श्रीमान अधिकारी गण ही तो करते हैं । यहाँ के लोग मानो लचार हैं । नियती है जो हो रहा है होने दो , हम क्या करें ?  दूसरी ओर अपहृत जवानों के परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं । इनकी सुध लेने वाला भी यहाँ कोई नहीं है । ये तो हाल है मेरे प्रगतिशील - समृद्धशाली प्रदेश का , जहाँ सबको अपनी-अपनी समृद्धि पर गर्व है । देश-दुनियाँ को भरमाने नित्य नए पैंतरेबाजी वाले विज्ञापन छापे- छपवाये जाते हैं और छापने वाले सब कुछ जानसमझ कर भी चुप रहने का वादा निभाते हैं ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. bebak lekhan. such kaha tumane.naksalvaad ek nasoor ban gaya hai. mediya ke charitra par bhi sochana hoga. baharhaal, is samasya ka hal nikale to aman bahaal ho.
    LAHOO SE TAR RAHE BASTAR HAMEY ACHCHHA NAHEEN LAGATA/ YE CHHATTISGARH YE AANSOO GHAR HAMEN ACHCHHA NAHEEN LAGATA

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  2. नेताओ की कोशिश चली रहेगी और निर्दोष लोग जान से हाथ धोते रहेंगे बहुत सही रचना लिखी आपने सची बयान करती हुई !

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  3. सचाई बयान करती हुई रचना बहुत खूब !

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  4. सबसे पहले तो 'सास गारी देवे' का मूल संस्करण सुनाने के लिए शुक्रिया,
    आपसे सहमत हूँ, सुन्दर रचना.



    यहाँ भी पधारें:-
    ईदगाह कहानी समीक्षा

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आपकी मूल्यवान टिप्पणी के लिए कोटिशः धन्यवाद ।

फ़िल्म दिल्ली 6 का गाना 'सास गारी देवे' - ओरिजनल गाना यहाँ सुनिए…

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