पत्रिका के रायपुर संस्करण ने अपने सोमवार 06 दिसम्बर 2010 के अंक में संजीत कुमार की चौंकाने वाली खबर प्रकाशित की है , यह खबर शर्मनाक और चिंताजनक भी है । पत्रिका बताता है कि महिलाओं की तस्करी करने वालों के लिए छत्तीसगढ़ एक बड़ा बाजार बन चुका है। प्रदेश की बालाओं को बहला-फुसलाकर देश के अन्य राज्यों में ले जाकर बेच देने की कई घटनाएं सामने आई हैं।
आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि बीते तीन साल में करीब साढ़े छह हजार महिलाएं गायब हो चुकी हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें लगभग आधी संख्या नाबालिग लड़कियों की है। पुलिस गुमशुदगी का मामला दर्ज कर अपना कर्तव्य पूरा कर रही है। इन लड़कियों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
राज्य में मानव तस्करी की सबसे ज्यादा घटनाएं आदिवासी बहुल सरगुजा और बस्तर में सामने आ रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2007 से 2009 के बीच राज्य से करीब 18664 लोगों के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज की गई।
इनमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं और बालिकाओं की है। इन तीन सालों में लगभग 4500 से अधिक नाबालिग लड़के भी गायब हुए हैं। पुलिस अफसरों के अनुसार पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में भी गुमशुदगी के मामले बढ़े हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर मामले थानों तक नहीं पहुंचते। इस वजह से वहां के सही आंकड़े नहीं मिल पाते।
-शिकायत ही नहीं पहुंचती
राज्य के आदिवासी क्षेत्रों से भी बड़े पैमाने पर महिलाओं और युवतियों के गुम होने की घटनाएं हो रही हैं। जानकारी का अभाव सहित अन्य कारणों से इनमें से ज्यादातर मामलों की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंच पाती।
-पकड़ी जा चुकी है मानव तस्करी
करीब दो साल पहले रायपुर पुलिस ने एक कंटेनर पकड़ा था। उसमें 50 से अधिक लोगों को चोरी-छिपे दूसरे राज्य ले जाया जा रहा था। जम्मू व उत्तरप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में यहां के लोगों को बंधक बनाए जाने की भी लगातार सूचनाएं आती रहती हैं।
सरकार स्वीकार चुकी है मानव तस्करी
पूर्व गृहमंत्री नंदकुमार पटेल के अनुसार राज्य की बालिकाओं और मासूम बच्चियों की तस्करी की जा रही है। उन्हें दूसरे राज्यों में ले जाकर बेचा जा रहा है। वर्तमान सरकार भी इस बात को विधानसभा में स्वीकार कर चुकी है। इसके बावजूद इसे रोकने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है।
-महानगरों में सप्लाई
करीब ढाई साल पहले बस्तर की एक लड़की को दिल्ली पुलिस ने कुछ लोगों की चंगुल से मुक्त कराया था। युवती को अच्छा काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले जाकर बेच दिया गया था। पुलिस अफसरों के अनुसार सरगुजा क्षेत्र की कई लड़कियों को दिल्ली, मुम्बई व पुणे आदि शहरों से मुक्त करा कर लाया गया है।
-नहीं देते सूचना
पुलिस अफसरों के अनुसार कई बार गुम इंसान कुछ समय बाद लौट आता है, लेकिन परिवार के लोग इसकी सूचना थाने में नहीं देते। इस वजह से भी आंकड़े बढ़ जाते हैं।
गुम इंसानों की तलाश के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश सभी थानों को दिए गए हैं। इसके तहत समय-समय पर थाना स्तर पर गुम इंसानों का पॉम्पलेट और पोस्टर भी चस्पा किया जाता है। दूसरे थानों, जिलों और प्रदेशों को भी सूचना दी जाती है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए पुलिस मुख्यालय में सीआईडी शाखा के अधीन राज्यस्तरीय एक सेल भी बनाया गया है।
-राजेश मिश्रा, प्रवक्ता, छत्तीसगढ़ पुलिस
साभार : पत्रिका रायपुर , संजीत कुमार
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जवाब देंहटाएंमाफ़ करना संजीत भाई , सरकार को बिल्डर्स और इण्ड्स्ट्रलीज से फ़ुर्सत नहीं है। सरकार मानती है कि अखबार वाले भी बैठे बिठाए ही कुछ भी करते हैं । विज्ञापन नहीं मिल रहा है न इसीलिए सरकार को बदनाम करने के लिए ये सब काम करते रहते हैं । लगाम लगानी होगी । इसके आगे नहीं सोच पायेगी सरकार । यह सरकार अपनी कमाई के प्रति कहीं ज्यादा संवेदनशील है । शायद व्यवसाय सरकार का मूल विषय बन गया है। इसका श्लोगन होना चाहिए "जहाँ कमाई वहाँ हम"। खैर छोड़िए इसके विषय में जितना लिखा - कहा जाए कम ही है । संजीत भाई आपने बडी सजगता और मुस्तैदी के साथ एक महत्वपूर्ण विषय पर कलम चलाई है , आपको साधुवाद । मगर यहाँ नक्कारखाने में तूती सुनी जाएगी ,इस पर संदेह बना रहेगा । मक्कारों का जमावड़ा जो है । जब तक उन जैसों के साथ कुछ न हो इन्हें कुछ समझ थोड़े ही आयेगा । पुनः एक अच्छी रिपोर्ट के लिए धन्यवाद , बधाई । आशा है आपसे और भी जनमहत्व की रिपोर्ट पढ़ने को मिलेंगी । यहाँ "खबरों की दुनियाँ" में आपकी इस रिपोर्ट को शामिल कर हमने अपने सुधि पाठकों तक इसे पंहुचाने का प्रयास किया है । आशा है आपको पसंद आया होगा ।
जवाब देंहटाएंगरीबी और अशिक्षा उपरोक्त परिस्थतियों को अधिक बढावा देते हैं ।
जवाब देंहटाएं... sach bayaan kartee post !!!
जवाब देंहटाएंThis govt. is extremly insensitive. It is not interested in stopping Human Trafficking, Illicit liquor, over load heavy vehicles, illegal mining, etc., etc., etc.
जवाब देंहटाएंThis govt. is only interesting in RED COLOURED PAPERS with Gandhi"s Photo, that too in BILLIONS.
We, the voters are only responsible for choosing these Business Men as our representatives.