बहादुर शीतल |
कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है यह रायपुर की , जहाँ बड़े बड़े मारे डर के काँप उठते हैं वहीं एक दस वर्षीय बच्ची शीतल की हिम्मत ने न केवल अपनी माँ को लुटने से बचाया बल्कि लुटेरों को भी पुलिस के हवाले करा दिया ।
शीतल की माँ रंजीता शनिवार 18दिसम्बर की दोपहर स्कूटर से शैलेन्द्र नगर से टाटीबंध जा रही थी । अपनी दोनो बेटियों शीतल (10 वर्ष) , जया (07 वर्ष) भी माँ के साथ ही स्कूटर पर सवार थे , टाटीबंध पहुंचने से पहले ही बाईक सवार दो लड़कों ने रंजीता के स्कूटर के समीप अपनी बाईक सटा कर रंजीत के गले से सोने की चैन खींच ली , इसी बीच गुस्साई शीतल ने लुटेरे युवक की शर्ट का कॉलर पकड़ लिया , बैलेंस बिगड़ा और दोनो ही वाहनों पर सवार चार के चारों सड़क पर गिर गये , आसपास के लोगों ने इस वाकये को देखा उन्हें माजरा क्या है यह समझने में देर न लगी और लोगों ने लपक कर उन दोनों लुटेरों को पकड़ लिया , माँ बेटी भी उठ खड़ी हुईं । अब क्या था लोगों ने दोनों लुटेरों की जम कर धुनाई की और पुलिस के हवाले कर दिया ।
चित्र : साभार पत्रिका रायपुर |
Great Job Done Sheetal
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंआपने सही कहा , आक्रोश भी जरूरी है अपराध को करने के लिए। अक्सर लोग - " Let go " attitude के कारण आस पास हो रही घटनाओं को तवज्जो नहीं देते। और अपराध का सिलसिला जारी रहता है।
शीतल का आक्रोश और हिम्मत सराहनीय है।
.
... sheetal ko bahut bahut badhaai va ujjaval bhavishy ke liye shubhakaamanaayen !!!
जवाब देंहटाएंनन्ही बिटिया शीतल को बधाई और आशीर्वाद. ब्लॉग पर उसके साहसिक कदम पर प्रकाश डाल कर सम्पूर्ण ब्लॉग जगत से उसका परिचय कराने के लिए आपका आभार . सुंदर प्रस्तुतिकरण .
जवाब देंहटाएंशीतल बिटिया से हमें भी प्रेरणा लेनी चाहिए...
जवाब देंहटाएंआपका आभार आपने इस बात से हमें अवगत कराया...
शुभकामनायें इस बच्ची के लिए !
जवाब देंहटाएंशीतल जैसा जज्बा हर किसी को रखना चाहिए .... आभार
जवाब देंहटाएंप्रेरक पोस्ट।
जवाब देंहटाएंKeep it up bacche,we are proud of you.If i would have a daughter any time ,i will love to have her like you"sheetal"still brave
जवाब देंहटाएंकहां है आप लोग,शिल्पा जी/नेता जी और अन्य लोग जो राजनैतिक मुद्दों पर त्वरित टिप्पणी करते है।बात बात में गांधि ,नेहरु,बाजपेई और ना जाने किस किस को याद करते हुए ना जाने क्या क्या कहते है,अरे भाई वो गुज़रे हुए लोग है ये बच्ची हमारा भविष्य है,कुछ सराहना भरे शब्दों की आप बडों से भी उम्मिद है
जवाब देंहटाएंशाबाश शीतल बेटी.
जवाब देंहटाएंकाश सब बेटियां इतनी बहादुर हों.
आशुतोष जी,
जवाब देंहटाएंशीतल जैसे बच्चों की सच्ची कहानी लोगों तक पहुंचाकर आप पूरे समाज के लिए एक अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं !
बहुत ही प्रेरणादायक पोस्ट !
ज्ञानचंद मर्मज्ञ
शुभकामनायें शीतल को!
जवाब देंहटाएंप्रेरक पोस्ट!
शीतल की बहादुरी पर हमें गर्व है।
जवाब देंहटाएंशीतल के आक्रोश रूपी आग से अन्य बच्चियां भी प्रेरणा ग्रहण करें, यही कामना करते हैं।
शीतल जैसे बच्चियों में हिम्मत हो ये शिक्षा घर और स्कूल दोनों में ही मिलनी चाहिए. अगर समाज में धृष्ट और भ्रष्ट लोगों में बढ़ोत्तरी हो रही है तो साहस भी उसके बराबर के तराजू में बढ़ाने का प्रयास जरूरी है.
जवाब देंहटाएंशीतल बेटा शाबाश !
शीतल को सलाम! यही जज्बा और हिम्मत हर नागरिक में हो तो गुंडागर्दी पनाह मांगने लगे।
जवाब देंहटाएंशीतल ने बहादुरी का काम किया..अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंशीतल जैसी साहसी बच्चियों पर हमें नाज़ है। शाबास।
जवाब देंहटाएंमै इसकी हिम्मत की दाद देती हु अगर सब मै इसकी जेसी हिम्मत आ जाये तो जल्दी ही हमारे देश से लुट - पाट का अंत हो जायेगा और इन मासूमो को इस तरह से जूझना नहीं पड़ेगा !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट बधाई दोस्त !
शीतल को ढेर सारी बधाई और आपने ब्लॉग पर चर्चा करके बहुत अच्छा किया...उसे दुआएं और प्रशंसा मिलनी ही चाहिए..साथ ही बहुत लोगों
जवाब देंहटाएंको प्रेरणा मिलेगी
http://veenakesur.blogspot.com/
koti-koti prnam SHITAL ki bahaduri ko..
जवाब देंहटाएंishwar aseem shakti de.