भारत में बाघों (टाइगर्स) की संख्या 295 बढ़ गई है। दुनिया के सबसे ज्यादा बाघ भारत में ही रहते हैं लेकिन उनके अस्तित्व पर बराबर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में बाघ की आबादी के ताजा आंकड़े निःसंदेह खुश करने वाले हैं , अब भारत में बाघों की संख्या बढ़ कर 1706 हो गई है ।
पिछले साल हुई इस गणना के दौरान भारत में बाघों की संख्या 1,706 बताई गई है जो 2006 में 1,411 थी. नई दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि बाघों की संख्या में वद्धि की वजह सही तरह से उनकी गिनती करना है. सरकार की तरफ से चलाए जा रहे प्रोजेक्ट टाइगर के राजेश गोपाल ने कहा, "हमने अपनी गिनती का दायरा पूरे भारत तक बढ़ा दिया है और हमारा अनुमान पहले से कहीं ज्यादा सही है."
दुनिया के लगभग आधे बाघ भारत में रहते हैं , लेकिन उनकी संख्या तेजी से घट रही है।
टाइगरों की इस गणना में सुंदरवन जैसे इलाकों में भी सघन रूप से गिनती की गई। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैले इस इलाके को खासा दुर्गम माना जाता है। सरकार की ओर से उनके संरक्षण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम में इस बात की पूरी कोशिश की गई है कि इस खूबसूरत जानवर को लुप्त होने से रोका जाए।
2002 में भारत में बाघों की संख्या 3,700 थी जबकि बात अगर 1947 की करें तो यह संख्या 40 हजार के आसपास थी। पूरे एशिया में अधिकारी बाघ के शिकार को रोकने की कोशिशों में जुटे हैं। जंगलों को काटे जाने से भी बाघों के बसेरे सिमट रहे हैं। यह भी उनकी घटती संख्या की वजह मानी जाती है।
अच्छी जानकारी !
जवाब देंहटाएंआभार !
सुखद खबर है...
जवाब देंहटाएंबढ़िया खबर
जवाब देंहटाएंबाघ तो बढ़ रहे है पर जंगल कम हो रहे है
अब सबको जंगल बचने के लिए भी आगे आना होगा
नहीं तो बाघ बस स्टैंड में घुमने आ जायेगा