जनगणना आयुक्त सी चंद्रमौली ने भारत की 15वीं जनगणना के आंकड़े जारी किये। इन आंकड़ो के अनुसार भारत की कुल आबादी एक अरब इक्कीस करोड़ पर पहुंच गयी है। पिछले 10 सालो में भारत की आबादी 18 करोड़ बढी है। देश में महिलाओ की कुल आबादी 58 करोड़ है। यानि कि पिछले 10 सालो में 9 करोड़ महिलाओं की आबादी बढी है जबकि पुरुषों की कुल आबादी 62 करोड़ है। और पुरुषो की आबादी 17 फीसदी और महिलाओ की आबादी में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है।
इस जनगणना का एक सबसे निराशाजनक तथ्य सामने आया है कि लिंग अनुपात में महिलाओं की संख्या में और कमी आई है। प्रति हजार पुरुषो के अनुपात में महिलाओ की संख्या 927 से घटकर 914 हो गई है। इतना ही नहीं गर्भ में भी लड़कियों की हत्या के मामलों मे बढ़ोत्तरी हुई है।
जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों की आबादी 17 फीसदी बढ़ी है। वही महिलाओं की आबादी 18 फीसदी बढी है। 6 साल तक के बच्चो की संख्या घटी है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की साक्षरता दर बढ़ी है।
15वीं जनगणना से प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 21 करोड़ है। जबकि जनसंख्या के हिसाब से महाराष्ट्र दूसरे नंम्बर का राज्य बन गया है। देश का एक मात्र नागालैंड ऐसा राज्य है जिसकी जनसंख्या में कमी आयी है। ठाणे देश का सबसे अघिक आबादी वाला जिला उभरा है । यह तो अच्छा है कि लड़कियाँ अब शिक्षा के क्षेत्र में लड़कों से आगे आ रही हैं । साक्षरता दर में भी अब लड़कियों ने बाजी मारी है । पुरुष साक्षरता दर 38.82 % है , वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 49.10 % है । युवा महिलाओं की संख्या में भी पुरुषों की तूलना में इजाफ़ा हुआ है । यह संख्या प्रति हजार युवा पुरुषों पर पहले 933 थी जो अब बढ़ कर 940 हो गई है ।
लोग सच को देखते और समझते हुए भी जब न मानें तो और क्या हो सकता है?
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