गौतम गंभीर (97 रन) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नाबाद अर्धशतकीय कप्तानी पारी के दम पर टीम इंडिया ने 28 साल बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक नया इतिहास रच दिया है। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2011 के खिताबी मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराने के साथ वर्ल्डकप खिताब पर भी कब्जा जमा लिया।
ये टीम इंडिया का दूसरा वर्ल्डकप है। धोनी के धुरंधरों ने 28 साल बाद वो कर दिखाया जो 1983 में कपिल देव एंड कंपनी ने इंग्लैंड में किया था। कप्तान धोनी ने शानदार पारी खेलते हुए नाबाद 91 रन बनाए। मैच के 48.2 ओवर में धोनी ने छक्का जमाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
इस जीत के साथ ही टीम इंडिया का वनडे रैंकिंग में नंबर 1 बनना पक्का हो गया है।
भारत की इस ऐतिहासिक जीत के हीरो गौतम गम्भीर रहे जिन्होंने 97 रनों की साहसिक पारी खेली। विराट कोहली (35) के साथ तीसरे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर भारत को वीरेंद्र सहवाग (0) और सचिन तेंदुलकर (18) के आउट होने से झटके से उबारने वाले गम्भीर ने कप्तान धौनी के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रन जोड़कर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया। गम्भीर और धौनी ने विश्व कप फाइनल के इतिहास में भारत की ओर से अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया।
गम्भीर, धौनी और कोहली की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने 275 रनों के लक्ष्य को 48.2 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया। गम्भीर ने अपनी 122 गेंदों की पारी में नौ चौके लगाए। वह जब आउट हुए थे तब भारत को जीत के लिए 53 रनों की जरूरत थी। दूसरी ओर, धौनी 91 रन बनाकर विश्व कप में एक बल्लेबाज के तौर पर अपनी अब तक की नाकामी को धो दिया। उनके साथ युवराज सिंह 21 रनों पर नाबाद रहे।
बधाइयाँ .....शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंbahut - bahut bdhai dost
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