रानी माँ ने अपने लाडले राजू की शादी अभी कोई महिने भर पहले ही की थी । एक सुबह की बात थी कि माँ आँगन बुहार रही थी । बुहारने की आवाज से राजू की नींद खुल गई । कमरे से बाहर आकर बेटे ने माँ से कहा माँ तेरी तबियत ठीक नहीं है , ला झाडू मुझे दे मैं बुहार देता हुं , माँ ने कहा नहीं बेटा यह मैं कर सकती हूं -कर लूंगी , तू रहने दे । बेटा जिद्द करने लगा और माँ भी उससे काम करवाने को तैयार न हुई । इसी शोर शराबे से बहू की भी नींद खुल गई , उसने बाहर आकर माँ-बेटे का संवाद सुना , माजरा भी समझने में उसे देर न लगी । बहू ने अपने पति को समझाते हुए कहा आप जिद्द क्यों कर रहे हैं माँ जी की बात क्यों नहीं मानते , आज माँ को बुहारने दीजिए न , कल आप बुहार लीजिएगा ।
लगी खेलने लेखनी, सुख-सुविधा के खेल। फिर सत्ता की नाक में, डाले कौन नकेल।। खबरें वो जो आप जानना चाह्ते हैं । जो आप जानना चाह्ते थे ।खबरें वो जो कहीं छिपाई गई हों । खबरें जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो । ऐसी खबरों को आप पायेंगे " खबरों की दुनियाँ " में । पढ़ें और अपनी राय जरूर भेजें । धन्यवाद् । - आशुतोष मिश्र , रायपुर
मेरा अपना संबल
अक्तूबर 13, 2010
संस्कार
रानी माँ ने अपने लाडले राजू की शादी अभी कोई महिने भर पहले ही की थी । एक सुबह की बात थी कि माँ आँगन बुहार रही थी । बुहारने की आवाज से राजू की नींद खुल गई । कमरे से बाहर आकर बेटे ने माँ से कहा माँ तेरी तबियत ठीक नहीं है , ला झाडू मुझे दे मैं बुहार देता हुं , माँ ने कहा नहीं बेटा यह मैं कर सकती हूं -कर लूंगी , तू रहने दे । बेटा जिद्द करने लगा और माँ भी उससे काम करवाने को तैयार न हुई । इसी शोर शराबे से बहू की भी नींद खुल गई , उसने बाहर आकर माँ-बेटे का संवाद सुना , माजरा भी समझने में उसे देर न लगी । बहू ने अपने पति को समझाते हुए कहा आप जिद्द क्यों कर रहे हैं माँ जी की बात क्यों नहीं मानते , आज माँ को बुहारने दीजिए न , कल आप बुहार लीजिएगा ।
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बहुत अच्छी प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंश्री दुर्गाष्टमी की बधाई !!!
गनीमत है कि उसने शालीनता से बोला है । शुक्र मनाओ ।
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