यह घटना घटी , अखबारों में छपी , लोगों ने पढ़ा और भूल गए । शासन - प्रशासन मौन ! क्योंकि उसकी नजर में यह सामान्य या फ़िर रोज घटने वाली घटना है और शायद शासन - प्रशासन की प्राथमिकता सूची में यह विषय नहीं है । सच ही है 'मर्म' से नहीं 'माल' से चल रहा है छत्तीसगढ़ का शासन ।
कोई माने ना माने पर हकीकत यही है कि प्रदेश में अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है , गरीबों की जमीनें जबरिया खरीदी जा रही है ,कर्ज देने वालों का जंजाल बुरी कदर फ़ैला हुआ है , इस पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है ,रोज मरते हैं कर्ज में लोग लेकिन शासन की बला से । क्योंकि कर्जदाताओं के लम्बें हाँथ नेताओं के गिरेबाँ तक जो हैं ।
पढ़िए हाल की ही एक घटना ---
रायपुर । कर्ज में डूबे राजधानी रायपुर के एक राजमिस्त्री ने शुक्रवार 24दिसम्बर की रात को अपने तीन बच्चों सहित खुद भी आग लगा ली। चारों को अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ दो बच्चों ने दम तोड़ दिया , एक बच्ची सहित बाप जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। जिनकी हालत बेहद चिंता जनक बताई जाती है ।
बजरंग चौक आजादनगर रावांभाठा निवासी गब्बर (37) राजमिस्त्री है। रात करीब साढ़े आठ बजे उसने मिट्टी तेल डालकर दस वर्षीय बेटी श्वेता, आठ वर्षीय प्रिया और दो वर्षीय मयंक को आग लगा दी। इसके बाद खुद भी मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली। चीखें सुनकर पत्नी सुनीता पड़ोसियों के साथ घर पहुंची। पड़ोसियों ने आग बुझाई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
सुनीता का कहना है कि 11 दिन पहले उसकी डिलीवरी के लिए गजानन ने कर्ज लिया था। अभी वह 15 हजार रूपए के कर्ज में डूबा हुआ था। इससे वह चिड़चिड़ा हो गया। शुक्रवार रात को काम से लौटा तो सुनीता से उसका विवाद हो गया। उसने सुनीता को बच्चों को लेकर मायके जाने के लिए कहा। सुनीता 11 दिन के बच्चे को लेकर घर से चली गई। इसके बाद गजानन ने तीन बच्चों और खुद को आग लगा ली।
गुस्से में उठाया कदम
टीआई खमतराई विरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि गजानन शराब का आदी था। शुक्रवार रात भी वह नशे में धुत घर पहुंचा। उसका पत्नी के साथ विवाद हुआ। वह सबसे छोटे बच्चे को साथ लेकर घर से निकल गई। इसके बाद गुस्से में गजानन ने तीन बच्चों को जलाया और खुद को भी आग लगा ली।
(_कुल मिला कर बात यहाँ खत्म करने की चीर परिचित शैली की शराबी ने नशे में ऐसा किया , सारा दोष शराब और शराबी होने का , हालात को मारो गोली और बंद करो फ़ाईल , पता करो किससे कर्ज लिया था , बुलाओ उसे थाने , कुछ भेंट-पूजा ले लो और छोड़ दो उसे ,उसका भी धंधा है -अपना भी । शासन को विधानसभा में जवाब देते बने ऐसी एक शानदार रिपोर्ट तैयार करवा कर रखो । बस हो गया काम । यही तो है शायद संवेदनशील प्रशासन !!! )
दर्दनाक हादसा.
जवाब देंहटाएंलेकिन कारण कहीं और.
There is a very serious social problem behind such incedents. The private LOAN MAFIA has suddenly become very strong in the past 6-7 years. People from lower, lower-middle and middle class have become their prey. The state Government has its own priorities and such issues does not seem to bother it.
जवाब देंहटाएंWe definately deserve a sensitive, responsive & responsible government in this state. The irony is that BJP had been voted for being THE PARTY WITH A DIFFERENCE and here we see a TOTALLY INDEFFERENT BJP.
अभी वर्ल्ड बैंक की ताज़ी रिपोर्ट है कि अपने देश में गरीबों सी संख्या में काफी वृद्धि हुई है.. लेकिन अपने राजनेता छद्म विकास को दिखने प्रचरित प्रसारित करने में लगे हैं..
जवाब देंहटाएंअब गरीब आदमी क्या भी तो ओर क्या करे, हमारे प्रसाशन मे बेठे अफ़सर ओर यह नेता अपनी पेट पुजा के सिवा अपने आने वाली सात पिढियो का फ़िक्र करती हे, अपने ऎशो आराम का ख्याल रखती हे , किस के बल पर इन बेचारे मजदुरो ओर बेबस लोगो का हक मार कर, यानि इन सब आत्महत्या के दोषी यही लोग हे जिन्हे हम जीता कर वोट दे कर अपना प्रधान चुनते हे, यही लोग जबाब दे...बहुत ही दुखद घटना हे यह.
जवाब देंहटाएंओह ....बेहद दर्दनाक घटना ....
जवाब देंहटाएंगरीबी और तंगहाली मानसिक कलह की वजह बनती है .....
कुछ हद तक शराब और अनपढ़ता भी ....
सच सुनकर खौफ सा आता है ...उन मासूमों ने कैसे सही होगी वह आंच ....?
उस बाप का दिल दिल था ya patthar ....pta nahin .....
गरीबी और अमीरी की दिनो दिन बढते जा रही है।
जवाब देंहटाएंशराब ही सरकार बिकवा रही है। जब दुकान में बिकेगी तो लोग खरीदेगे ही और पीकर मरेंगे भी।
शराब के उन्माद के दौरान घटी यह दर्दनाक दुर्घट्ना है।
... uffff ... behad dardnaak haadsaa ... gambheer sthiti !!!
जवाब देंहटाएंविकास के आंकड़े कहां है?
जवाब देंहटाएंअपना असली नाम और चेहरा छिपाकर आप किसका विकास जानना चाह रहें हैं श्रीमान ? नेताओं का ? अधिकारियों का ? या बदहाल जनता का ? कुछ भी छिपा नहीं है ना ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही दर्दनाक घटना है यह ...।
जवाब देंहटाएंक्या कहा जाए इसपर। कुछ भी समझ में नहीं आता।
जवाब देंहटाएं---------
अंधविश्वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।
मार्मिक चित्रण |बधाई मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार |क्रिसमस
जवाब देंहटाएंकी शुभ कामनाओं के साथ
आशा
Marmik chitran.
जवाब देंहटाएंbahut hi marmik khabar.........
जवाब देंहटाएं